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मेरठ: आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अधिवक्ताओं ने किया कार्य बहिष्कार

यूपी के मेरठ में अधिवक्ता सुसाइड कांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बार काउंसिल ऑफ यूपी ने विरोध किया. अधिवक्ताों ने विरोध करते हुए कार्य बहिष्कार का एलान किया है. मेरठ बार कौंसिल के अध्यक्ष महावीर त्यागी ने कहा मृतक अधिवक्ता ओमकार तोमर के सुसाइड कांड में जो अभियुक्त नामजद हैं, उनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए. चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कल तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो उनका यह आंदोलन सोमवार से ओर जोर-शोर के साथ चलाया जाएगा. साथ पश्चमी उत्तर प्रदेश के जिलों में न्यायिक कार्यो को ठप कर दिया जाएगा.

अधिवक्ताओं ने किया कार्य बहिष्कार
अधिवक्ताओं ने किया कार्य बहिष्कार
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Published : Feb 20, 2021, 6:31 PM IST

मेरठ: जिले के सीनियर अधिवक्ता ओमकार तोमर की आत्महत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर मेरठ समेत समूचे उत्तर प्रदेश में अधिवक्ता बार काउंसिल ने शनिवार को हड़ताल की. इसी क्रम में मेरठ में मृतक साथी अधिवक्ता को न्याय दिलाने के लिए मेरठ के अधिवक्ता अनशन पर बैठे हैं. बार काउंसिल ऑफ यूपी के चेयरमैन रोहतास अग्रवाल के आह्वान पर शनिवार को पूरे प्रदेश के सभी जिलों और तहसील बार एसोसिएशन ने कार्य बहिष्कार किया है. प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं की मांग है कि 24 घंटे के भीतर अधिवक्ता के सुसाइड नोट में नामजद बीजेपी विधायक दिनेश खटिक समेत 13 लोगों की गिरफ्तारी की जाए. साथ ही 14वें आरोपी संजय मोतला की आत्महत्या के मामले में परिजनों के खिलाफ लिखा गया मुकदमा वापस लिया जाए.

जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि थाना गंगा नगर इलाके के ईशापुरम निवासी सीनियर अधिवक्ता ओमकार तोमर के बड़े बेटे लव कुमार तोमर का विवाह 2 साल पहले मुजफ्फरनगर के कस्बा खतौली निवासी युवती के साथ हुआ था. शादी के बाद बेटे और बहू के बीच विवाद के चलते ससुराल पक्ष के लोगों ने ओमकार तोमर औऱ पूरे परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया हुआ था. दहेज उत्पीड़न के इस मामले में बीजेपी विधायक दिनेश खटीक समेत कई जनप्रतिनिधि न सिर्फ ओंकार तोमर पर समझौते का दबाव बना रहे थे बल्कि 15 लाख रुपये की मांग भी कर रहे थे. साथ ही समझौता नहीं करने पर उनके पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही थी. इस मामले में मिल रही धमकियों से आहत होकर अधिवक्ता ने 13 फरवरी की सुबह में घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

मरने से पहले छोड़ा सुसाइड नोट
अधिवक्ता ओमकार तोमर मुकदमे बाजी और विधायक के दबाव से इतने टूट चुके थे कि उन्होंने मरने से पहले 3 पेज का सुसाइड लिखा और मौत को गले लगा लिया. सुसाइड नोट में अधिवक्ता ने हस्तिनापुर से बीजेपी विधायक दिनेश खटीक समेत कई जनप्रतिनिधियों और बेटे की ससुरालियों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था. अधिवक्ता की मौत के बाद बार कौन्सिल से जुड़े वकीलों में आक्रोश फैल गया. इसे लेकर वकीलों ने 5 दिन पहले कमिश्नरी चौराहे पर जाम लगाकर विधायक समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की थी.

एक आरोपी ने भी लगाई फांसी
वकीलों के बढ़ते दबाव के चलते पुलिस ने अधिवक्ता के बेटे की ससुराल में दबिश देनी शुरू कर दी, लेकिन जब घर में पुरुष नहीं मिले तो पुलिस महिलाओं को उठाकर थाने ले गई. पत्नी, भाभी और मां को थाने ले जाने से आहत पुत्रवधु के चचेरे भाई ने खेत मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक संजय मोतला को भी अधिवक्ता ने अपने सुसाइड नोट में आरोपी बनाया था. वहीं संजय मोतला ने भी एक पेज का सुसाइड नोट लिखकर अधिवक्ता के परिवार को मौत का जिम्मेदार करार दिया. उसके बाद परिजनों ने मृतक के शव को थाना दौराला में रखकर न सिर्फ हंगामा किया था, बल्कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमे का दबाव बनाया था.

अधिवक्ता बार काउंसिल ने किया कार्य बहिष्कार
लड़की पक्ष की ओर से संजय मोतला के आत्महत्या मामले में अधिवक्ता के दोनों बेटों समेत पूरे परिवार के खिलाफ मुकदमा लिखा गया. जिसके बाद बार काउंसिल ऑफ यूपी के अधिवक्ताओं एक बार फिर उबाल आ गया. इसी क्रम में बार काउंसिल ऑफ यूपी के चेयरमैन रोहताश अग्रवाल के आह्वान पर शनिवार को प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके तहत बार काउंसिल से जुड़े सभी अधिवक्ताओं ने न्यायिक संबंधी सभी कार्यो का बहिष्कार किया. जहां उत्तर प्रदेश के जिला एवं तहसील स्तर पर अधिवक्ता को न्याय दिलाने की मांग की जा रही है. वहीं मेरठ जिला कार्यलय पर भी अधिवक्ताओं ने अनशन किया हुआ है.

इसे लेकर मेरठ बार कौंसिल के अध्यक्ष महावीर त्यागी ने कहा कि अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या मामले को लेकर मेरठ के वकील एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं।,लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी नहीे हुई है. सभी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. जिसके चलते शनिवार को पूरे उत्तर प्रदेश में न सिर्फ विरोध दिवस मनाया जा रहा है बल्कि कार्य बहिष्कार भी किया गया है. सभी जिलों एवं तहसीलों के वकील हड़ताल पर बैठे हैं. उन्होंने बताया कि मृतक अधिवक्ता ओमकार तोमर के सुसाइड कांड में जो अभियुक्त नामजद हैं, उनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए. चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कल तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो उनका यह आंदोलन सोमवार से ओर जोर-शोर के साथ चलाया जाएगा. साथ पश्चमी उत्तर प्रदेश के जिलों में न्यायिक कार्यो को ठप कर दिया जाएगा.

मेरठ: जिले के सीनियर अधिवक्ता ओमकार तोमर की आत्महत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर मेरठ समेत समूचे उत्तर प्रदेश में अधिवक्ता बार काउंसिल ने शनिवार को हड़ताल की. इसी क्रम में मेरठ में मृतक साथी अधिवक्ता को न्याय दिलाने के लिए मेरठ के अधिवक्ता अनशन पर बैठे हैं. बार काउंसिल ऑफ यूपी के चेयरमैन रोहतास अग्रवाल के आह्वान पर शनिवार को पूरे प्रदेश के सभी जिलों और तहसील बार एसोसिएशन ने कार्य बहिष्कार किया है. प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं की मांग है कि 24 घंटे के भीतर अधिवक्ता के सुसाइड नोट में नामजद बीजेपी विधायक दिनेश खटिक समेत 13 लोगों की गिरफ्तारी की जाए. साथ ही 14वें आरोपी संजय मोतला की आत्महत्या के मामले में परिजनों के खिलाफ लिखा गया मुकदमा वापस लिया जाए.

जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि थाना गंगा नगर इलाके के ईशापुरम निवासी सीनियर अधिवक्ता ओमकार तोमर के बड़े बेटे लव कुमार तोमर का विवाह 2 साल पहले मुजफ्फरनगर के कस्बा खतौली निवासी युवती के साथ हुआ था. शादी के बाद बेटे और बहू के बीच विवाद के चलते ससुराल पक्ष के लोगों ने ओमकार तोमर औऱ पूरे परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया हुआ था. दहेज उत्पीड़न के इस मामले में बीजेपी विधायक दिनेश खटीक समेत कई जनप्रतिनिधि न सिर्फ ओंकार तोमर पर समझौते का दबाव बना रहे थे बल्कि 15 लाख रुपये की मांग भी कर रहे थे. साथ ही समझौता नहीं करने पर उनके पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही थी. इस मामले में मिल रही धमकियों से आहत होकर अधिवक्ता ने 13 फरवरी की सुबह में घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

मरने से पहले छोड़ा सुसाइड नोट
अधिवक्ता ओमकार तोमर मुकदमे बाजी और विधायक के दबाव से इतने टूट चुके थे कि उन्होंने मरने से पहले 3 पेज का सुसाइड लिखा और मौत को गले लगा लिया. सुसाइड नोट में अधिवक्ता ने हस्तिनापुर से बीजेपी विधायक दिनेश खटीक समेत कई जनप्रतिनिधियों और बेटे की ससुरालियों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था. अधिवक्ता की मौत के बाद बार कौन्सिल से जुड़े वकीलों में आक्रोश फैल गया. इसे लेकर वकीलों ने 5 दिन पहले कमिश्नरी चौराहे पर जाम लगाकर विधायक समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की थी.

एक आरोपी ने भी लगाई फांसी
वकीलों के बढ़ते दबाव के चलते पुलिस ने अधिवक्ता के बेटे की ससुराल में दबिश देनी शुरू कर दी, लेकिन जब घर में पुरुष नहीं मिले तो पुलिस महिलाओं को उठाकर थाने ले गई. पत्नी, भाभी और मां को थाने ले जाने से आहत पुत्रवधु के चचेरे भाई ने खेत मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक संजय मोतला को भी अधिवक्ता ने अपने सुसाइड नोट में आरोपी बनाया था. वहीं संजय मोतला ने भी एक पेज का सुसाइड नोट लिखकर अधिवक्ता के परिवार को मौत का जिम्मेदार करार दिया. उसके बाद परिजनों ने मृतक के शव को थाना दौराला में रखकर न सिर्फ हंगामा किया था, बल्कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमे का दबाव बनाया था.

अधिवक्ता बार काउंसिल ने किया कार्य बहिष्कार
लड़की पक्ष की ओर से संजय मोतला के आत्महत्या मामले में अधिवक्ता के दोनों बेटों समेत पूरे परिवार के खिलाफ मुकदमा लिखा गया. जिसके बाद बार काउंसिल ऑफ यूपी के अधिवक्ताओं एक बार फिर उबाल आ गया. इसी क्रम में बार काउंसिल ऑफ यूपी के चेयरमैन रोहताश अग्रवाल के आह्वान पर शनिवार को प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके तहत बार काउंसिल से जुड़े सभी अधिवक्ताओं ने न्यायिक संबंधी सभी कार्यो का बहिष्कार किया. जहां उत्तर प्रदेश के जिला एवं तहसील स्तर पर अधिवक्ता को न्याय दिलाने की मांग की जा रही है. वहीं मेरठ जिला कार्यलय पर भी अधिवक्ताओं ने अनशन किया हुआ है.

इसे लेकर मेरठ बार कौंसिल के अध्यक्ष महावीर त्यागी ने कहा कि अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या मामले को लेकर मेरठ के वकील एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं।,लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी नहीे हुई है. सभी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. जिसके चलते शनिवार को पूरे उत्तर प्रदेश में न सिर्फ विरोध दिवस मनाया जा रहा है बल्कि कार्य बहिष्कार भी किया गया है. सभी जिलों एवं तहसीलों के वकील हड़ताल पर बैठे हैं. उन्होंने बताया कि मृतक अधिवक्ता ओमकार तोमर के सुसाइड कांड में जो अभियुक्त नामजद हैं, उनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए. चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कल तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो उनका यह आंदोलन सोमवार से ओर जोर-शोर के साथ चलाया जाएगा. साथ पश्चमी उत्तर प्रदेश के जिलों में न्यायिक कार्यो को ठप कर दिया जाएगा.

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