लखनऊ : सोमवार को कई जिलों के अधिवक्ता एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. इस दौरान वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपे ज्ञापन में वकीलों की दो समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए उनके तत्काल समाधान की मांग की.
संत कबीर नगर में मांगों को लेकर वकीलों का कलेक्ट्रेट पर हल्लाबोल
वकीलों ने डीएम ऑफिस पर हल्लाबोल प्रदर्शन करते हुए प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सरकार से नाराज सैकड़ों वकीलों ने तीन प्रमुख मांगों से जुड़ा ज्ञापन डीएम को सौंप कर उसपर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया है.
अधिवक्ताओं के कल्याण हेतु सरकार के द्वारा बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को दिए जाने वाले 40 करोड़ रुपये को अविलंब दिए जाने की मांग. अधिवक्ता कल्याण निधि के मद में संचित धनराशि को अधिवक्ताओं के कल्याणार्थ अवमुक्त किये जाने की मांग. अधिवक्ताओं के बीमे की धनराशि मुवावजा पांच लाख रुपये शीघ्र दिए जाने की मांग को लेकर नाराज सैकड़ों वकीलों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया है. मांगों को लेकर सरकार द्वारा बरती जा रही ढिलाई से नाराज वकीलों ने सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.
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रामपुर में बार एसोसिएशन की हड़ताल
जिले के बार एसोसिएशन ने सोमवार को एक दिवसीय हड़ताल की और मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला अधिकारी को दिया. उनकी मांग थी कि जो बार एसोसिएशन रजिस्टर्ड अधिवक्ता है वहीं प्रैक्टिस करें और दूसरी जो मृतक अधिवक्ता है उनकी विधवाओं को जो पैसा सरकार ने अब तक नहीं दिया है वह पैसा उनको दिया जाए. इस दौरान बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी और सदस्य अधिवक्ता गण मौजूद रहे.
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह लोधी ने कहा जो फर्जी वकील प्रेक्टिस कर रहे है और जिन वकीलों की डेथ हो गई है उनके आश्रितों को आज तक पैसा नहीं दिया गया. उसके लिए हमने यह ज्ञापन दिया है. हमारी मांग यह है कि मृतक वकीलों का पैसा दिया जाए और जो यहां पर वकीलों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है और जो सीओपी नंबर अधिवक्ताओं का है वहीं मान्य है. उसके अलावा कोई और मान्य नहीं है.
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प्रयागराज न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्ता
यूपी में अधिवक्ताओं की हो रही लगातार हत्याओं और उनके साथ मारपीट की घटनाओं को लेकर के प्रदेशभर के अधिवक्ता सोमवार को एक दिवसी हड़ताल पर चले गए, जिसके चलते प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों सहित इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे. इसके चलते वादकारियों को मुकदमे की सुनवाई के लिए मायूस होना पड़ा.
यूपी बार काउंसिल की ओर से बुलाई गई इस हड़ताल में प्रदेशभर के करीब साढे़ तीन लाख अधिवक्ता शामिल रहे. हड़ताल में शामिल वकील लामबंद होकर वकीलों की हाल के दिनों में हुई हत्याओं को लेकर अपना आक्रोश जताया. इसके साथ ही अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार से जल्द एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे है.
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