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मऊ: लॉकडाउन कर रहा कोरोना से बचाव, लेकिन भूख का क्या है इलाज

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Published : Jul 19, 2020, 3:10 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 3:48 PM IST

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में कुल 175 संक्रमितों में 145 एक्टिव केस हैं, जिसमें अधिकतर शहरी क्षेत्र से हैं. ऐसे हालात में जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने शहरी इलाकों में 6 जुलाई से 20 जुलाई तक सख्त लॉकडाउन किया है, लेकिन जिला प्रशासन ने राहत के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. रोज कमाने रोज खाने वालों के ऊपर लॉकडाउन बढ़ने की वजह से दोहरी मार पड़ रही है.

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डिजाइन फोटो.

मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस कारण जिले के शहरी इलाकों में 15 दिन का लॉकडाउन लगा दिया गया है. इस लॉकडाउन में आवश्यक सेवाएं भी पूरी तरह बंद हैं. जिला प्रशासन ने लोगों की जरूरत के लिए कुछ मेडिकल और किराने की दुकानें खोलने की अनुमति दी है. बाजार बंद होने से जहां आम जनता परेशान है, वहीं दिहाड़ी कामगारों के लिए रोटी का संकट है. ऐसे हालात में जिला प्रशासन राहत के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है. रोज कमाने रोज खाने वालों के ऊपर लॉकडाउन बढ़ने की वजह से दोहरी मार पड़ रही है.

मऊ जिले में कुल 175 संक्रमितों में 145 एक्टिव केस हैं, जिसमें अधिकतर शहरी क्षेत्र से हैं. ऐसे हालात में जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने शहरी इलाकों में 6 जुलाई से 20 जुलाई तक सख्त लॉकडाउन किया है. जिले में सख्त लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी कामगारों की जीविका पर संकट के बादल छा गए हैं. शहरी क्षेत्र बंद होने से रिक्शा चालक रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

लॉकडाउन का लोगों की जीविका पर प्रभाव.

लोगों के सामने रोजी का संकट
इस लॉकडाउन में रेहड़ी और ढेले वालों के लिए भी बड़ी समस्या है. शहर में इन्हें दुकाने लगाने से मना कर दिया गया है. ऐसे में ये अपनी रोजी के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पहले ही डांवाडोल है. अब 15 दिन के लॉकडाउन के कारण लोगों को और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कॉस्मेटिक स्टोर चलाने वाले मनोज के सामने भी परेशानी है, उन्हें अपनी दुकान बंद रखनी पड़ रही है.

नहीं मिल रही लोगों को मदद
पिछली बार जब देशव्यापी लॉकडाउन हुआ था तो सरकार के साथ-साथ सामजिक संस्थाएं भी दिहाड़ी कामगारों और गरीबों के सहयोग के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही थीं, लेकिन इस बार लॉकडाउन बढ़ने पर कोई सहयोग नहीं कर रहा.

जानें, प्रदेश में कोरोना का हाल
कोरोना संक्रमितों की संख्या में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 1986 नए मामले सामने आए हैं. वहीं पिछले 24 घंटे में संक्रमण से 24 लोगों की मौत भी हुई है.

जानें, देश में कोरोना का हाल
बता दें, कोरोना महामारी भारत में भी कमोबेश नित नए रिकॉर्ड बना रही है. इस क्रम में बीते 24 घंटे के दौरान सर्वाधिक 38,902 नए पॉजिटिव केस सामने आए तो इस दौरान रिकॉर्ड 23,672 मरीज स्वस्थ घोषित किए गए. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से रविवार को पूर्वाह्न आठ बजे जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार देशभर में संक्रमण के कुल मामले 10,77,618 हो गए हैं, जबकि अब तक 26,816 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें बीते 24 घंटे के अंदर हुईं 543 मौतें भी शामिल हैं. मंत्रालय के अनुसार देशभर में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 3,73,379 हो गई है, जबकि कुल संक्रमितों में 6,77,423 लोगों को अस्पताल से छुट्टी भी मिल चुकी है.

मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस कारण जिले के शहरी इलाकों में 15 दिन का लॉकडाउन लगा दिया गया है. इस लॉकडाउन में आवश्यक सेवाएं भी पूरी तरह बंद हैं. जिला प्रशासन ने लोगों की जरूरत के लिए कुछ मेडिकल और किराने की दुकानें खोलने की अनुमति दी है. बाजार बंद होने से जहां आम जनता परेशान है, वहीं दिहाड़ी कामगारों के लिए रोटी का संकट है. ऐसे हालात में जिला प्रशासन राहत के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है. रोज कमाने रोज खाने वालों के ऊपर लॉकडाउन बढ़ने की वजह से दोहरी मार पड़ रही है.

मऊ जिले में कुल 175 संक्रमितों में 145 एक्टिव केस हैं, जिसमें अधिकतर शहरी क्षेत्र से हैं. ऐसे हालात में जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने शहरी इलाकों में 6 जुलाई से 20 जुलाई तक सख्त लॉकडाउन किया है. जिले में सख्त लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी कामगारों की जीविका पर संकट के बादल छा गए हैं. शहरी क्षेत्र बंद होने से रिक्शा चालक रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

लॉकडाउन का लोगों की जीविका पर प्रभाव.

लोगों के सामने रोजी का संकट
इस लॉकडाउन में रेहड़ी और ढेले वालों के लिए भी बड़ी समस्या है. शहर में इन्हें दुकाने लगाने से मना कर दिया गया है. ऐसे में ये अपनी रोजी के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पहले ही डांवाडोल है. अब 15 दिन के लॉकडाउन के कारण लोगों को और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कॉस्मेटिक स्टोर चलाने वाले मनोज के सामने भी परेशानी है, उन्हें अपनी दुकान बंद रखनी पड़ रही है.

नहीं मिल रही लोगों को मदद
पिछली बार जब देशव्यापी लॉकडाउन हुआ था तो सरकार के साथ-साथ सामजिक संस्थाएं भी दिहाड़ी कामगारों और गरीबों के सहयोग के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही थीं, लेकिन इस बार लॉकडाउन बढ़ने पर कोई सहयोग नहीं कर रहा.

जानें, प्रदेश में कोरोना का हाल
कोरोना संक्रमितों की संख्या में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 1986 नए मामले सामने आए हैं. वहीं पिछले 24 घंटे में संक्रमण से 24 लोगों की मौत भी हुई है.

जानें, देश में कोरोना का हाल
बता दें, कोरोना महामारी भारत में भी कमोबेश नित नए रिकॉर्ड बना रही है. इस क्रम में बीते 24 घंटे के दौरान सर्वाधिक 38,902 नए पॉजिटिव केस सामने आए तो इस दौरान रिकॉर्ड 23,672 मरीज स्वस्थ घोषित किए गए. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से रविवार को पूर्वाह्न आठ बजे जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार देशभर में संक्रमण के कुल मामले 10,77,618 हो गए हैं, जबकि अब तक 26,816 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें बीते 24 घंटे के अंदर हुईं 543 मौतें भी शामिल हैं. मंत्रालय के अनुसार देशभर में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 3,73,379 हो गई है, जबकि कुल संक्रमितों में 6,77,423 लोगों को अस्पताल से छुट्टी भी मिल चुकी है.

Last Updated : Jul 19, 2020, 3:48 PM IST
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