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मऊ के परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प, डिजिटली होगी पढ़ाई - मऊ के परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प

यूपी के मऊ में परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प किया जा रहा है. वर्तमान में 1502 प्राथमिक विद्यालयों में 230 डिजिटल क्लास से लैस हो चुके हैं, जबकि 100 और विद्यालय नए वर्ष में कायाकल्प योजना के तहत डिजिटल क्लास की सुविधा से संपन्न हो जाएंगे.

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय.
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Published : Jan 4, 2021, 8:59 AM IST

मऊ: बेसिक शिक्षा का भविष्य सुधारने के लिए शासन प्रशासन ने कमर कस ली है. इसके तहत परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प किया जा रहा है. इस वर्ष जनपद के 1400 प्राथमिक विद्यालयों का कलेवर बदलेगा. जिले के अधिकारियों का कहना है कि वह दिन दूर नहीं जब जिले के हर प्राथमिक स्कूल का बच्चा किसी न किसी लर्निंग एप के जरिए पढ़ता और लिखता नजर आएगा.

कायाकल्प योजना बनी सहायक
जिले के 1502 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से लगभग 102 को शौचालय, पानी, डेस्क-बेंच आदि 14 मानकों पर संतृप्त कर दिया गया है. कई विद्यालय इस योजना के स्पर्श करते ही फर्श से छत तक चमकने लगे हैं. कायाकल्प योजना का पारदर्शी क्रियान्वयन हुआ तो 1400 शेष बचे प्राथमिक विद्यालयों की फर्श चमकती नजर आएगी और क्लासों में डेस्क-बेंच सजे होंगे. बीते वर्ष जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 1.20 लाख बच्चों में से 41,000 ने ऑनलाइन माध्यम से पढ़ना और परीक्षा देना सीख लिया, जबकि इस वर्ष शेष 59 हजार छात्र भी जुड़ जाएंगे. लॉकडाउन के बावजूद बच्चों तक पाठ्य सामग्री डिजिटल माध्यमों खासकर इंटरनेट मीडिया से पहुंचाने के लिए तरह-तरह के लर्निंग ऐप न सिर्फ विकसित किए गए हैं, बल्कि इस वर्ष प्राथमिक विद्यालयों में व्यापक स्तर पर उसका प्रयोग भी होता नजर आएगा.

डिजिटल क्लास से लैस होंगे 100 स्कूल
वर्तमान में 1502 प्राथमिक विद्यालयों में 230 डिजिटल क्लास से लैस हो चुके हैं, जबकि 100 और विद्यालय नए वर्ष में डिजिटल क्लास की सुविधा से संपन्न हो जाएंगे.

संख्या स्कूल
1060प्राथमिक स्कूल
442उच्च प्राथमिक स्कूल
230डिजिटल क्लासयुक्त प्राथमिक विद्यालय
102कायाकल्प योजना से संतृप्त

मऊ: बेसिक शिक्षा का भविष्य सुधारने के लिए शासन प्रशासन ने कमर कस ली है. इसके तहत परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प किया जा रहा है. इस वर्ष जनपद के 1400 प्राथमिक विद्यालयों का कलेवर बदलेगा. जिले के अधिकारियों का कहना है कि वह दिन दूर नहीं जब जिले के हर प्राथमिक स्कूल का बच्चा किसी न किसी लर्निंग एप के जरिए पढ़ता और लिखता नजर आएगा.

कायाकल्प योजना बनी सहायक
जिले के 1502 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से लगभग 102 को शौचालय, पानी, डेस्क-बेंच आदि 14 मानकों पर संतृप्त कर दिया गया है. कई विद्यालय इस योजना के स्पर्श करते ही फर्श से छत तक चमकने लगे हैं. कायाकल्प योजना का पारदर्शी क्रियान्वयन हुआ तो 1400 शेष बचे प्राथमिक विद्यालयों की फर्श चमकती नजर आएगी और क्लासों में डेस्क-बेंच सजे होंगे. बीते वर्ष जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 1.20 लाख बच्चों में से 41,000 ने ऑनलाइन माध्यम से पढ़ना और परीक्षा देना सीख लिया, जबकि इस वर्ष शेष 59 हजार छात्र भी जुड़ जाएंगे. लॉकडाउन के बावजूद बच्चों तक पाठ्य सामग्री डिजिटल माध्यमों खासकर इंटरनेट मीडिया से पहुंचाने के लिए तरह-तरह के लर्निंग ऐप न सिर्फ विकसित किए गए हैं, बल्कि इस वर्ष प्राथमिक विद्यालयों में व्यापक स्तर पर उसका प्रयोग भी होता नजर आएगा.

डिजिटल क्लास से लैस होंगे 100 स्कूल
वर्तमान में 1502 प्राथमिक विद्यालयों में 230 डिजिटल क्लास से लैस हो चुके हैं, जबकि 100 और विद्यालय नए वर्ष में डिजिटल क्लास की सुविधा से संपन्न हो जाएंगे.

संख्या स्कूल
1060प्राथमिक स्कूल
442उच्च प्राथमिक स्कूल
230डिजिटल क्लासयुक्त प्राथमिक विद्यालय
102कायाकल्प योजना से संतृप्त
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