मऊ: कोरोना महामारी पर रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इस दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए सामूहिक भोज के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है. ऐसे में दोना, पत्तल और प्लेट का कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है.
दोना पत्तल और प्लेट का कारोबार चौपट
दोना, पत्तल और प्लेट का कारोबार सबसे अधिक इस्तेमाल शादी विवाह और सामूहिक भोज के दौरान होता है. लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन में मांगलिक कार्यक्रमों सहित सभी भोज कार्यक्रम पर रोक लगा दिया गया. जिससे इन वस्तुओं का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों पर काफी असर पड़ा है.
सामूहिक भोज पर प्रतिबंध
व्यवसायी आशीष जायसवाल का कहना है कि लॉकडाउन के बाद अब सरकार ने नियम बनाकर अलग-अलग समय के अनुसार बाजार खोलने के निर्देश दिए हैं. वहीं प्राथमिकता के आधार पर उद्योग भी चालू कर दिए गए हैं, लेकिन कागज से बने इन उत्पादों की खपत सबसे अधिक सामूहिक भोज में ही होती है. ऐसे में सामूहिक भोज पर प्रतिबंध लगने से बाजारों के खुलने या उद्योग के चलने से इन व्यवसायियों को कोई फायदा नहीं होगा.
सरकार की तरफ से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद इस व्यवसाय क्षेत्र में काफी उत्साह के साथ लोगों ने मन लगाया था. ग्रामीण स्तर पर कागज की प्लेट, थाली, कटोरी बनाने वाली मशीनों को युवाओं ने लगाया था. बड़े व्यवसायियों ने भी अपने स्तर से पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन देश में लगे लॉकडाउन ने इससे जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में दोना, पत्तल और प्लेट के कारोबार जुड़े व्यसायियों ने सरकार मदद की गुहार लगाई है.