मथुरा: जनपद के दो न्यायालय में बुधवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर सुनवाई हुई. महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर दोपहर 2:00 बजे के बाद दोनों पक्ष ने कोर्ट में दो घंटे तक बहस की. इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए एक मामले में 16 फरवरी और दूसरे मामले में 17 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है. महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर अगली सुनवाई में न्यायालय द्वारा तय किया जाएगा कि डिवीजन प्रार्थना पत्र खारिज किए जाएगा या नहीं.
जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में बुधवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार मनीष यादव की याचिका सुनवाई हुई. दोपहर में वादी प्रतिवादी अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित हुए. कुछ देर बहस होने के बाद न्यायालय द्वारा तय किया गया कि अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. इसके साथी ही महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर अपर जिला न्यायाधीश सिक्स की कोर्ट में मुस्लिम पक्ष और वादी पक्ष न्यायालय में उपस्थित हुए. करीब 2 घंटे तक दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे. जज साहब ने वादी और प्रतिवादी अधिवक्ता को ध्यान से सुना. मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. अपर जिला न्यायाधीश ने इसके बाद अगली सुनवाई 16 फरवरी को निर्धारित की है. साथ ही अपना फैसला भी रिजर्व में रख लिया है कि वादी महेंद्र प्रताप सिंह का रिवीजन प्रार्थना पत्र खारिज किया जाएगा या नहीं.
रिवीजन प्रार्थना पत्र में क्या है
वादी महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से रिवीजन को लेकर प्रार्थना पत्र अपर जिला न्यायाधीश सिक्स की कोर्ट में दाखिल किया गया है. इसमें मांग की गई है कि विवादित स्थान का सरकारी अमीन द्वारा सर्वे कराना अति महत्वपूर्ण है. क्योंकि विवादित स्थान से प्राचीन धरोहर मस्जिद में अंकित सनातन धर्म के प्रतीक को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए सरकारी अमीन और पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा विवादित स्थान का सर्वे कराना जरूरी है. जिससे वहां की जमीनी हकीकत न्यायालय और भक्त गणों के सामने आ सके.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान की मौजूदा स्थिति
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि महेंद्र प्रताप सिंह की रिवीजन प्रार्थना पत्र पर आज न्यायालय में सुनवाई हुई थी. मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. न्यायालय द्वारा सुनवाई के लिए 16 फरवरी अगली तारीख दी गई है. आदेश सुरक्षित रख लिया गया है. डिवीजन प्रार्थना पत्र को न्यायालय खारिज करता है या फिर सुनवाई होगी.
अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में वाद में सुनवाई हुई थी. कुछ देर बहस होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की गई है.