ETV Bharat / state

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले का नहीं निकल सका कोई हल, कल भी जारी रहेगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट में बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple Mathura) के चढ़ावे के उपयोग पर सेवायतों की आपत्ति पर सुनवाई हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल सका. इसलिए इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2023, 7:54 PM IST

प्रयागराज: मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए पांच एकड़ में प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले में मंदिर के चढ़ावे के उपयोग पर सेवायतों की आपत्ति का हल गुरुवार को भी नहीं निकल सका. कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई जारी रखेगी.

मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष अनंत शर्मा व अन्य की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान सेवायतों ने कहा कि कॉरिडोर की प्रस्तावित योजना के नाम पर मंदिर के चढ़ावा से खर्च करने का औचित्य नहीं है. सरकार विकास करना चाहती है तो अपने पैसे से करे. सेवायतों को कॉरिडोर बनाने पर आपत्ति नहीं है लेकिन मथुरा के पौराणिक धार्मिक स्वरूप से छेड़छाड़ न की जाए. सेवायतों की ओर से कहा गया कि मंदिर का चढ़ावा चाहे कैश में हो या सोना-चांदी के रूप में, सभी प्रकार का चढ़ावा भगवान के नाम पर खुले बैंक अकाउंट में जमा होता है. सेवायत, प्रशासन को उन पैसों के खर्च व उनकी निगरानी में वहां के विकास के लिए करने की अनुमति नहीं देना चाहते.

इसे भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर की भूमि का बहीखाता दो माह में दुरुस्त करने का दिया निर्देश

राज्य सरकार का कहना है कि सरकार मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा के लिए विकास करना चाहती है. मंदिर के लिए सुविधाएं मंदिर के धन से करना चाहती है और यह जनहित में भी है. प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा.

इसे भी पढ़ें-Banke Bihari Mandir Corridor : प्रबंधन को सरकार का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं, कोर्ट ने सरकार से पूछा- कैसे बनाएंगे कॉरिडोर

प्रयागराज: मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए पांच एकड़ में प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले में मंदिर के चढ़ावे के उपयोग पर सेवायतों की आपत्ति का हल गुरुवार को भी नहीं निकल सका. कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई जारी रखेगी.

मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष अनंत शर्मा व अन्य की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान सेवायतों ने कहा कि कॉरिडोर की प्रस्तावित योजना के नाम पर मंदिर के चढ़ावा से खर्च करने का औचित्य नहीं है. सरकार विकास करना चाहती है तो अपने पैसे से करे. सेवायतों को कॉरिडोर बनाने पर आपत्ति नहीं है लेकिन मथुरा के पौराणिक धार्मिक स्वरूप से छेड़छाड़ न की जाए. सेवायतों की ओर से कहा गया कि मंदिर का चढ़ावा चाहे कैश में हो या सोना-चांदी के रूप में, सभी प्रकार का चढ़ावा भगवान के नाम पर खुले बैंक अकाउंट में जमा होता है. सेवायत, प्रशासन को उन पैसों के खर्च व उनकी निगरानी में वहां के विकास के लिए करने की अनुमति नहीं देना चाहते.

इसे भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर की भूमि का बहीखाता दो माह में दुरुस्त करने का दिया निर्देश

राज्य सरकार का कहना है कि सरकार मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा के लिए विकास करना चाहती है. मंदिर के लिए सुविधाएं मंदिर के धन से करना चाहती है और यह जनहित में भी है. प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा.

इसे भी पढ़ें-Banke Bihari Mandir Corridor : प्रबंधन को सरकार का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं, कोर्ट ने सरकार से पूछा- कैसे बनाएंगे कॉरिडोर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.