मथुरा: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के मौके पर जहां अयोध्या और ब्रज सहित देशभर में खुशियां मनाई गईं. वहीं धर्म नगरी वृंदावन के गंगाधर पाठक ने भूमि पूजन समारोह में मुख्य आचार्य पद पर विराजमान होकर भूमि पूजन कराया. इससे ब्रज के गौरव में और अधिक वृद्धि हो गई है. गंगाधर पाठक के वापस लौटने पर ब्राह्मण सेवा संघ द्वारा गौधूलिपुरम स्थित श्रीहरिदास धाम पर दिव्य अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने गंगाधर पाठक का माल्यार्पण और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया.
पांच अगस्त को अयोध्या में पीएम मोदी ने राम मंदिर का भूमिपूजन और शिलान्यास किया. इस अवसर पर वृंदावन के गंगाधर पाठक ने मुख्य आचार्य पद पर विराजमान होकर राम मंदिर का भूमि पूजन कराया. उनके वापस लौटने पर साधु-संतों ने वृंदावन में गंगाधर पाठक का जोर-शोर से अभिनंदन और स्वागत किया. इस दौरान पत्रकारों से वार्ता में गंगाधर पाठक ने बताया कि भूमि पूजन समारोह ऐतिहासिक रहा है. इसमें मुख्य यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके आचार्यत्व में पूजन कर सनातन धर्म का निर्वहन किया गया. साथ ही कहा कि वे प्रधानमंत्री से दक्षिणा नहीं ले सकते, लेकिन मुख्य यजमान से वे दक्षिणा मांगते हैं कि संपूर्ण देश में गोवध पर पूर्ण प्रतिबंध लगे.
इस दौरान जानकारी देते हुए गंगाधर पाठक ने बताया कि यह एक विलक्षण अनुभव था. पीएम मोदी केवल प्रधानमंत्री ही नहीं वह एक सारथी पुरुष भी है. यह देखकर काफी प्रसन्नता हुई कि एक लोकतंत्र का प्रधानमंत्री राजा हमारी सनातन परंपरा का निर्वहन कर रहा है. मैं अपने प्रधानमंत्री रूप में जजमान से दक्षिणा में यही अपेक्षा रखता हूं कि भारतवर्ष में गो हत्या बंद हो और इसके लिए गोहत्या बंदी का कानून अति शीघ्र बनाने का प्रयास करें.
आचार्य गंगाधर पाठक ने कहा कि पीएम ने बहुत सारे ऐसे काम किए हैं, जो अत्यंत असंभव काम दिखाई पड़ते थे. सबसे पहले वह दक्षिणा के रूप में गौ हत्या बंद करा दें. दक्षिणा के बाद पीएम मोदी अपने आचार्य ब्राह्मण का सम्मान करते हुए विदाई दें. विदाई के रूप में वह श्री कृष्ण जन्म भूमि को मुक्त कर हमें दें और काशी विश्वनाथ हमारे हिस्से में दें. इन दोनों जगहों से अतिक्रमण हटवा दें, ये बातें मीडिया से बातचीत के दौरान आचार्य गंगाधर ने कहीं.