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ऑक्सीजन की कमी से आफत में जान - lack of oxygen in refilling plants

यूपी के मथुरा में कोरोना के बढ़ते मामले ने लोगों का जीना दुष्वार कर दिया है. अस्पतालों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत कई गुना बढ़ गई है. जिससे जनपद में स्थित ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट में ऑक्सीजन की कमी होने लगी है.

सिलेंडर.
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Published : Apr 23, 2021, 8:31 PM IST

मथुरा: कोरोना वायरस के चलते जिले में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अस्पतालों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत कई गुना बढ़ गई है. आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट में ऑक्सीजन की कमी आने लगी है. फिलहाल प्लांट में 4 से 5 टन ऑक्सीजन ही बचा हुआ है. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन 15 से 20 टन की डिमांड भी आ रही है.

जानकारी देते संवाददाता और कर्मचारी.

जनपद में दो ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट आगरा-दिल्ली राज्य मार्ग रिफाइनरी क्षेत्र में लगे हुए हैं. एक प्लांट में 20 टन ऑक्सीजन स्टोर की जाती है. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड 20 गुना बढ़ गई है. जिला अस्पताल में प्रतिदिन 20 ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड होती है. वहीं, प्राइवेट अस्पताल नियति में 400 सिलेंडर की डिमांड होने लगी है.

रिफिलिंग प्लांट में प्रतिदिन 20 टन ऑक्सीजन अन्य राज्य हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड से आ जाती थी, लेकिन अब 5 दिनों से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. सिर्फ उत्तराखंड से ही ऑक्सीजन की गाड़ी आ रही है. 20 टन ऑक्सीजन में तबरीबन 2 हजार सिलेंडर भरे जा सकते हैं. जनपद में सप्लाई होने के बाद स्टोर में 400 से 500 सिलेंडर इमरजेंसी के लिए रखे रहते हैं. ऑक्सीजन न होने के कारण सिलेंडर खाली रखे हुए हैं.

रिफिलिंग प्लांट सुपरवाइजर नरेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद में अचानक ऑक्सीजन की डिमांड कई गुना बढ़ गई है. अन्य राज्यों से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. जिसका कारण है कि जनपद में भी ऑक्सीजन की कमी आने लगी है.

जिला प्रशासन ने की तैयारी
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियां की गई हैं. इमरजेंसी हालातों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में 600 बेड तैयार रखे हैं. वहीं 40 वेंटीलेटर भी उपलब्ध है.

इसे भी पढे़ं- कोरोना के इलाज के लिए जायडस कैडिला के विराफिन को मिली मंजूरी

मथुरा: कोरोना वायरस के चलते जिले में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अस्पतालों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत कई गुना बढ़ गई है. आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट में ऑक्सीजन की कमी आने लगी है. फिलहाल प्लांट में 4 से 5 टन ऑक्सीजन ही बचा हुआ है. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन 15 से 20 टन की डिमांड भी आ रही है.

जानकारी देते संवाददाता और कर्मचारी.

जनपद में दो ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट आगरा-दिल्ली राज्य मार्ग रिफाइनरी क्षेत्र में लगे हुए हैं. एक प्लांट में 20 टन ऑक्सीजन स्टोर की जाती है. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड 20 गुना बढ़ गई है. जिला अस्पताल में प्रतिदिन 20 ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड होती है. वहीं, प्राइवेट अस्पताल नियति में 400 सिलेंडर की डिमांड होने लगी है.

रिफिलिंग प्लांट में प्रतिदिन 20 टन ऑक्सीजन अन्य राज्य हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड से आ जाती थी, लेकिन अब 5 दिनों से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. सिर्फ उत्तराखंड से ही ऑक्सीजन की गाड़ी आ रही है. 20 टन ऑक्सीजन में तबरीबन 2 हजार सिलेंडर भरे जा सकते हैं. जनपद में सप्लाई होने के बाद स्टोर में 400 से 500 सिलेंडर इमरजेंसी के लिए रखे रहते हैं. ऑक्सीजन न होने के कारण सिलेंडर खाली रखे हुए हैं.

रिफिलिंग प्लांट सुपरवाइजर नरेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद में अचानक ऑक्सीजन की डिमांड कई गुना बढ़ गई है. अन्य राज्यों से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. जिसका कारण है कि जनपद में भी ऑक्सीजन की कमी आने लगी है.

जिला प्रशासन ने की तैयारी
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियां की गई हैं. इमरजेंसी हालातों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में 600 बेड तैयार रखे हैं. वहीं 40 वेंटीलेटर भी उपलब्ध है.

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