मथुरा: हाथरस कांड में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोप में पकड़े गए पीएफआई के दो सदस्यों की जमानत याचिका पर सुनवाई आज टल गई. मामले में अगली सुनवाई 9 नवंबर को निर्धारित की गई है. बुधवार को सीजेएम कोर्ट ने 48 घंटे की रिमांड एसटीएफ को दी थी. आरोपियों के पुलिस कंट्रोल में होने के कारण जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी।
दोनों पर है दंगा भड़काने का आरोप
जनपद के मांट टोल प्लाजा पर 5 अक्टूबर को पीएफआई के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल, जस्टिस फॉर हाथरस जैसे पंफ्लेट बरामद हुए थे। पुलिस ने पीएफआई के चारों सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था. पुलिस की पकड़ में आए चारों आरोपी अतीकुर्रहमान, आलम, सिदिक और मसूद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. चारों आरोपी जिला कारागार में हैं.
एसटीएफ की टीम कर रही है जांच
हाथरस में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोप में पिछले दिनों जनपद के मांट टोल प्लाजा पर पीएफआई के 4 सदस्य गिरफ्तार करे गए थे. पुलिस ने इन पर मांट थाने में तीन मुकदमे दर्ज किए हैं. पीएफआई से जुड़े साक्ष्यों की जांच लखनऊ एसटीएफ की टीम कर रही है।
बुधवार को मिली रिमांड
अवध एसटीएफ की टीम को पीएफआई से पूछताछ करने के लिए सीजीएम कोर्ट ने बुधवार दोपहर के बाद 48 घंटे की रिमांड दी थी. एसटीएफ की टीम ने पीएफआई के चारों सदस्यों अतीकुर्रहमान, मसूद, आलम और सिद्दीकी के पूछताछ भी की थी.
9 नवंबर को होगी सुनवाई
आरोपी पक्ष के वकील मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि एडीजे 10 कोर्ट में मसूद और आलम की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हुई. पुलिस सुरक्षा में होने के कारण आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी. अगली सुनवाई 9 नवंबर को सुबह 10:50 पर निर्धारित की गई है. एपीओ नरेंद्र शर्मा ने कहा कि पीएफआई के दो सदस्य मसूद और आलम की जमानत याचिका पर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन एसटीएफ की रिमांड कस्टडी में आरोपी होने के कारण सुनवाई टल गई है.