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श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सीनियर डिविजन की कोर्ट में हुई सुनवाई, 30 जुलाई को अगली तारीख - mathura ka samachar

मथुरा जिले के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर पिछले साल दायर की गई याचिका पर शुक्रवार सुबह सुनवाई हुई. वादी पक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहे.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की कोर्ट में हुई सुनवाई
श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की कोर्ट में हुई सुनवाई
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Published : Jul 23, 2021, 5:57 PM IST

मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर शुक्रवार को जिले के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई हुई. 30 मिनट बहस होने के बाद न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई तय किया है. वादी पक्ष अधिवक्ता ने न्यायालय के सामने पिछली तारीख पर कुछ बिंदु रखे थे. उन बिंदुओं पर बहस की गई. प्रतिवादी पक्ष को न्यायालय में उपस्थित न होने पर नोटिस जारी किया गया है.

जन्मभूमि मामले पर हुई सुनवाई

पिछले साल 23 दिसंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सामाजिक संस्था, यूनाइटेड हिंदू फ्रंट, धर्म रक्षक संघ के साधु संतों ने श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर याचिका दायर की थी. 23 दिसंबर की शाम को जन्मभूमि मामले में न्यायालय ने वाद दर्ज करने के आदेश दिये थे. सिविल जज की कोर्ट में शुक्रवार को 11 बजे मामले की सुनवाई हुई. 30 मिनट बहस पूरी होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को तय की गई है.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई

प्रतिवादी पक्ष को नोटिस

सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सुनवाई की गई थी. जन्मभूमि मामले को लेकर वादी पक्ष अधिवक्ता ने चार प्रतिवादी पक्ष श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट, शाही ईदगाह कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. न्यायालय में सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए. बहस होने के बाद न्यायालय ने प्रतिवादी पक्ष सुन्नी बोर्ड को नोटिस जारी किया है. अगली सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश किए हैं.

30 जुलाई को अगली तारीख
30 जुलाई को अगली तारीख

पिछली तारीख पर नहीं हुई थी सुनवाई

वादी पक्ष अधिवक्ता ने पिछली तारीख पर न्यायालय के सामने दो बिंदु रखे गए थे. जिसमें कहा गया था कि जीपीआरएस सिस्टम और रेडियोलॉजी सिस्टम के द्वारा खुदाई करानी चाहिए. ताकि देवी-देवताओं के विग्रह अहम सबूत मिल सके. मुगल शासक औरंगजेब ने 1670 में मंदिर तोड़ने के शाही फरमान जारी किए थे. जिसमें वादी पक्ष अधिवक्ता ने न्यायालय के समाने कुछ अहम दस्तावेज पेश किए थे.

ये है मांग

12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और सेवा ट्रस्ट ने किया था. 20 जुलाई 1973 को ये जमीन बिक्री कर दी गयी डिग्री रद्द करने की मांग को लेकर और श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सिविल जज की कोर्ट में 5 मुकदमे किये गये थे. इसके साथ ही एक जिला जज की कोर्ट में अभी विचाराधीन है.

इसे भी पढ़ें- आस्था पर महंगाई की मार : बाबा विश्वनाथ का पूजन हुआ महंगा, मंदिर प्रशासन ने जारी की नई रेट लिस्ट

वादी पक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई. न्यायालय में बहस होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को तय की गई है. एक प्रतिवादी पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए. जिन्हें नोटिस जारी किया गया है कि अगली सुनवाई पर न्यायालय में उपस्थित रहेंगे, तीन प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहे.

मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर शुक्रवार को जिले के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई हुई. 30 मिनट बहस होने के बाद न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई तय किया है. वादी पक्ष अधिवक्ता ने न्यायालय के सामने पिछली तारीख पर कुछ बिंदु रखे थे. उन बिंदुओं पर बहस की गई. प्रतिवादी पक्ष को न्यायालय में उपस्थित न होने पर नोटिस जारी किया गया है.

जन्मभूमि मामले पर हुई सुनवाई

पिछले साल 23 दिसंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सामाजिक संस्था, यूनाइटेड हिंदू फ्रंट, धर्म रक्षक संघ के साधु संतों ने श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर याचिका दायर की थी. 23 दिसंबर की शाम को जन्मभूमि मामले में न्यायालय ने वाद दर्ज करने के आदेश दिये थे. सिविल जज की कोर्ट में शुक्रवार को 11 बजे मामले की सुनवाई हुई. 30 मिनट बहस पूरी होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को तय की गई है.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई

प्रतिवादी पक्ष को नोटिस

सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सुनवाई की गई थी. जन्मभूमि मामले को लेकर वादी पक्ष अधिवक्ता ने चार प्रतिवादी पक्ष श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट, शाही ईदगाह कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. न्यायालय में सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए. बहस होने के बाद न्यायालय ने प्रतिवादी पक्ष सुन्नी बोर्ड को नोटिस जारी किया है. अगली सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश किए हैं.

30 जुलाई को अगली तारीख
30 जुलाई को अगली तारीख

पिछली तारीख पर नहीं हुई थी सुनवाई

वादी पक्ष अधिवक्ता ने पिछली तारीख पर न्यायालय के सामने दो बिंदु रखे गए थे. जिसमें कहा गया था कि जीपीआरएस सिस्टम और रेडियोलॉजी सिस्टम के द्वारा खुदाई करानी चाहिए. ताकि देवी-देवताओं के विग्रह अहम सबूत मिल सके. मुगल शासक औरंगजेब ने 1670 में मंदिर तोड़ने के शाही फरमान जारी किए थे. जिसमें वादी पक्ष अधिवक्ता ने न्यायालय के समाने कुछ अहम दस्तावेज पेश किए थे.

ये है मांग

12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और सेवा ट्रस्ट ने किया था. 20 जुलाई 1973 को ये जमीन बिक्री कर दी गयी डिग्री रद्द करने की मांग को लेकर और श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सिविल जज की कोर्ट में 5 मुकदमे किये गये थे. इसके साथ ही एक जिला जज की कोर्ट में अभी विचाराधीन है.

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वादी पक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई. न्यायालय में बहस होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को तय की गई है. एक प्रतिवादी पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए. जिन्हें नोटिस जारी किया गया है कि अगली सुनवाई पर न्यायालय में उपस्थित रहेंगे, तीन प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहे.

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