मथुरा: श्री कृष्ण भगवान विराजमान मामले को लेकर डीजे कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर जनपद के जिला न्यायालय कोर्ट में 12 अक्टूबर को प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. शुक्रवार को 11:00 बजे के बाद सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और हरिशंकर जैन मथुरा पहुंचेंगे.
अधिवक्ताओं द्वारा 12 अक्टूबर को जिला न्यायालय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया, अवर कोर्ट में तमाम दस्तावेजों पर गौर नहीं किया गया, जिसके चलते याचिका खारिज की गई. सभी दस्तावेजों को पूर्णता ध्यान में रखते हुए जिला न्यायालय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया. जिला जज साधना रानी ठाकुर ने 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा दलील सुनने के बाद अवर कोर्ट की पत्रावली को तलब किया और सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित की गई.
क्या है मामला
दरअसल, ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा और 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्म स्थान की दुर्दशा को देखकर दुखी हो गए. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनरुद्वार के लिए पत्र लिखा. जिसके बाद 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई.
12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने जिला जज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया.