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आखिरकार कब लौटेगी मथुरा के जवाहर बाग की सुंदरता - jawahar bagh of mathura

मथुरा का जवाहर बाग आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. दरअसल तीन साल पहले हुई हिंसक घटना में यहां की हरियाली कहीं खो गई थी. जिसके बाद अभी तक इसके सौंदर्यीकरण का काम पूरा नहीं हो पाया है.

जवाहर बाग का अब तक नहीं हुआ सौंदर्यीकरण.
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Published : May 30, 2019, 8:55 PM IST

मथुरा: जिले का जवाहर बाग कभी हरे-भरे पेड़ और हरियाली की वजह से जाना जाता था, लेकिन अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. यह वही जवाहर बाग है, जहां तीन साल पहले दो जून 2016 को हिंसक घटना हुई थी. दरअसल इस हिंसक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.

जवाहर बाग का अब तक नहीं हुआ सौंदर्यीकरण.

क्या हुआ था उस दिन...

  • सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित जवाहर बाग के पेड़ अपने साथ हुई हिंसक घटना की कहानी बयां करते हैं.
  • दो जून 2016 को जवाहर बाग में सरकारी जमीन, जो 270 एकड़ में फैला हुआ है, को खाली कराते समय कथित सत्याग्रहियों और जिला प्रशासन के बीच खूनी संघर्ष हुआ था.
  • सत्याग्रहियों ने उस समय हरे-भरे पेड़ों में आग लगा दी थी, जो आज भी सूखे पड़े हुए हैं.
  • इस हिंसक कांड में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी समेत 29 लोगों की जानें गई थी.
  • जवाहर बाग पर कथित सत्याग्रहियों ने साल 2014 में अवैध कब्जा कर लिया था.

हिंसक घटना के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान हरे-भरे पेड़ों को हुआ था. जवाहर बाग के सौंदर्यीकरण का काम कराया जा रहा है. एक प्राइवेट कंपनी को सुंदरीकरण कराने का जिम्मा सौंपा गया है, दिसंबर 2019 तक सुंदरीकरण का काम पूरा हो जाएगा.
-जगदीश प्रसाद, जिला उद्यान अधिकारी, मथुरा

मथुरा: जिले का जवाहर बाग कभी हरे-भरे पेड़ और हरियाली की वजह से जाना जाता था, लेकिन अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. यह वही जवाहर बाग है, जहां तीन साल पहले दो जून 2016 को हिंसक घटना हुई थी. दरअसल इस हिंसक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.

जवाहर बाग का अब तक नहीं हुआ सौंदर्यीकरण.

क्या हुआ था उस दिन...

  • सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित जवाहर बाग के पेड़ अपने साथ हुई हिंसक घटना की कहानी बयां करते हैं.
  • दो जून 2016 को जवाहर बाग में सरकारी जमीन, जो 270 एकड़ में फैला हुआ है, को खाली कराते समय कथित सत्याग्रहियों और जिला प्रशासन के बीच खूनी संघर्ष हुआ था.
  • सत्याग्रहियों ने उस समय हरे-भरे पेड़ों में आग लगा दी थी, जो आज भी सूखे पड़े हुए हैं.
  • इस हिंसक कांड में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी समेत 29 लोगों की जानें गई थी.
  • जवाहर बाग पर कथित सत्याग्रहियों ने साल 2014 में अवैध कब्जा कर लिया था.

हिंसक घटना के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान हरे-भरे पेड़ों को हुआ था. जवाहर बाग के सौंदर्यीकरण का काम कराया जा रहा है. एक प्राइवेट कंपनी को सुंदरीकरण कराने का जिम्मा सौंपा गया है, दिसंबर 2019 तक सुंदरीकरण का काम पूरा हो जाएगा.
-जगदीश प्रसाद, जिला उद्यान अधिकारी, मथुरा

Intro:मथुरा। मथुरा का जवाहर बाग जो कभी हरे भरे पेड़ और हरियाली की वजह से जाना जाता था। लेकिन अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है, क्योंकि यह वही जवाहर बाग है जहां 3 साल पूर्व 2 जून 2016 को हिंसक घटना हुई थी इस हिंसक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सरकारी जमीन जवाहर बाग खाली कराते समय हिंसक घटना हुई थी जिसमें तत्कालीन एसपी सिटी समेत 29 लोगों की जानें गई थी।


Body:दरअसल बता दे कि सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित जवाहर बाग अपने साथ हुई हिंसक घटना की कहानी बयां करते हैं हरे भरे पेड़, 2 जून 2016 को सरकारी जमीन जवाहर बाग जो 270 एकड़ में फैला हुआ है इस जमीन को खाली कराते समय कथित सत्याग्रही और जिला प्रशासन के बीच खूनी संघर्ष हुआ। सत्ता ग्रहों ने उस समय हरे भरे पेड़ों में आग लगा दी थी जो आज भी सूखे पड़े हुए हैं। इस हिंसक कांड में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी समेत 29 लोगों की जानें गई थी जवाहर बाग पर कथित सत्ताग्रहीयो ने 2014 को जवाहरबाग पर अवैध कब्जा किया था।


Conclusion:इस पूरे मामले पर जिला उद्यान अधिकारी जगदीश प्रसाद ने बताया कि हिंसक घटना के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान हरे भरे पेड़ों को हुआ था जवाहर बाग के सौंदर्यीकरण का काम कराया जा रहा है एक प्राइवेट कंपनी को सुंदरीकरण कराने के लिए काम जिम्मा सौंपा गया है दिसंबर 2019 तक सुंदरीकरण का काम पूरा हो जाएगा।

वाइट लक्ष्मी नारायण स्थानीय निवासी
वाइट जगदीश प्रसाद जिला उद्यान अधिकारी
पीटीसी प्रवीन शर्मा



mathura reporter
praveen sharma
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