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मथुरा: न्यायालय ने दिया आदेश, भक्तों के लिए खोला जाए बांके बिहारी मंदिर - order for reopen temple

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. वहीं पिछले सात महीने से मंदिर बंद होने से लोग अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. मंदिर खोलने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने दोबारा से इसे खोलने का आदेश दिया है.

बांके बिहारी मंदिर
बांके बिहारी मंदिर
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Published : Oct 24, 2020, 7:31 AM IST

मथुरा: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर 17 अक्टूबर को आम दर्शनार्थियों के लिए खोला गया था, लेकिन भक्तों की उमड़ी भीड़ और व्यवस्थाओं को देखते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर को 19 अक्टूबर से अगले आदेश तक अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया. इससे नाराज होकर सेवायत और अधिवक्ताओं द्वारा सिविल जज जूनियर डिविजन की कोर्ट में मंदिर खोले जाने को लेकर प्रार्थना पत्र के साथ वाद भी दायर किया था. इसमें न्यायालय ने 15 अक्टूबर को बांके बिहारी मंदिर खोले जाने को लेकर दिए हुए आदेश को ही प्रभावी रूप से अनुपालन करने का आदेश दिया है. अब जल्द ही भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन हो पाएंगे.

जग प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पट आम भक्तों के लिए जल्द ही खुलने की उम्मीद से भक्तों एवं मंदिर के सेवायत गोस्वामियों के साथ-साथ इस मामले में याचिका दायर करने वाले लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है. हम आपको बता दें कि कोरोना काल में सात माह से आम दर्शनार्थियों के लिए बंद ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पट सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए खोलने के लिए सिविल जज जूनियर डिवीजन व मंदिर प्रशासक की अदालत द्वारा 15 अक्टूबर को आदेश पारित किया गया था. आदेश के अनुपालन में 17 और 18 अक्टूबर को मंदिर खोला गया, लेकिन दर्शन के लिए भीड़ अधिक उमड़ने के कारण मंदिर प्रबंधन एवं जिला प्रशासन द्वारा की की गई व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं. इसी का हवाला देते हुए मंदिर प्रबंधन ने मंदिर को आम दर्शनार्थियों के लिए आगामी आदेश तक के लिए बंद कर दिया.

मंदिर प्रबंधन के इस फैसले से भक्तों के साथ-साथ व्यापारियों एवं अन्य संगठनों में आक्रोश उत्पन्न हो गया और आंदोलन शुरू हो गए. वहीं अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह एवं राजेंद्र माहेश्वरी द्वारा सिविल जज जूनियर डिवीजन व मंदिर प्रशासक की अदालत में जनहित याचिका दायर की गई तथा हिमांशु गोस्वामी, प्रदीप गोस्वामी सहित अन्य 61 मंदिर सेवायतों द्वारा प्रार्थना पत्र देकर मंदिर को आम भक्तों के लिए खोले जाने की मांग की गई. बांके बिहारी मंदिर को अचानक से बंद किए जाने से ब्रज वासियों से लेकर देश विदेश के श्रद्धालुओं, सेवायत, गोस्वामियों और व्यापारियों में रोष व्याप्त था, लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद अब लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है.

याचिकाकर्ता अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि माननीय सिविल जज जूनियर डिविजन मथुरा के द्वारा एक आदेश पारित किया गया है. इसमें हमने जो वाद माननीय न्यायालय में मंदिर खोले जाने को लेकर दाखिल किया था, उसको विस्तृत रूप से सुनने के पश्चात न्यायालय ने आदेश पारित किया है. न्यायालय ने आदेश दिया है कि 15 अक्टूबर 2020 का जो आर्डर है वही प्रभावी माना जाएगा और उसी के अनुपालन में बांके बिहारी मंदिर विधिवत रूप से खुलेगा. न्यायालय ने यह भी कहा है कि जब पहले से ही एक आदेश पारित है, तो दूसरा आदेश करने की आवश्यकता नहीं है. न्यायालय ने आदेशित किया है कि उसी आदेश का पालन सुनिश्चित कराया जाए. माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने की किसी की हिम्मत नहीं है, इसलिए निश्चित रूप से अब मंदिर खुलेगा और मंदिर खोलना भी चाहिए. बांके बिहारी सब लोगों के आराध्य हैं, श्रद्धा का केंद्र हैं.

मथुरा: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर 17 अक्टूबर को आम दर्शनार्थियों के लिए खोला गया था, लेकिन भक्तों की उमड़ी भीड़ और व्यवस्थाओं को देखते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर को 19 अक्टूबर से अगले आदेश तक अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया. इससे नाराज होकर सेवायत और अधिवक्ताओं द्वारा सिविल जज जूनियर डिविजन की कोर्ट में मंदिर खोले जाने को लेकर प्रार्थना पत्र के साथ वाद भी दायर किया था. इसमें न्यायालय ने 15 अक्टूबर को बांके बिहारी मंदिर खोले जाने को लेकर दिए हुए आदेश को ही प्रभावी रूप से अनुपालन करने का आदेश दिया है. अब जल्द ही भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन हो पाएंगे.

जग प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पट आम भक्तों के लिए जल्द ही खुलने की उम्मीद से भक्तों एवं मंदिर के सेवायत गोस्वामियों के साथ-साथ इस मामले में याचिका दायर करने वाले लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है. हम आपको बता दें कि कोरोना काल में सात माह से आम दर्शनार्थियों के लिए बंद ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पट सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए खोलने के लिए सिविल जज जूनियर डिवीजन व मंदिर प्रशासक की अदालत द्वारा 15 अक्टूबर को आदेश पारित किया गया था. आदेश के अनुपालन में 17 और 18 अक्टूबर को मंदिर खोला गया, लेकिन दर्शन के लिए भीड़ अधिक उमड़ने के कारण मंदिर प्रबंधन एवं जिला प्रशासन द्वारा की की गई व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं. इसी का हवाला देते हुए मंदिर प्रबंधन ने मंदिर को आम दर्शनार्थियों के लिए आगामी आदेश तक के लिए बंद कर दिया.

मंदिर प्रबंधन के इस फैसले से भक्तों के साथ-साथ व्यापारियों एवं अन्य संगठनों में आक्रोश उत्पन्न हो गया और आंदोलन शुरू हो गए. वहीं अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह एवं राजेंद्र माहेश्वरी द्वारा सिविल जज जूनियर डिवीजन व मंदिर प्रशासक की अदालत में जनहित याचिका दायर की गई तथा हिमांशु गोस्वामी, प्रदीप गोस्वामी सहित अन्य 61 मंदिर सेवायतों द्वारा प्रार्थना पत्र देकर मंदिर को आम भक्तों के लिए खोले जाने की मांग की गई. बांके बिहारी मंदिर को अचानक से बंद किए जाने से ब्रज वासियों से लेकर देश विदेश के श्रद्धालुओं, सेवायत, गोस्वामियों और व्यापारियों में रोष व्याप्त था, लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद अब लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है.

याचिकाकर्ता अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि माननीय सिविल जज जूनियर डिविजन मथुरा के द्वारा एक आदेश पारित किया गया है. इसमें हमने जो वाद माननीय न्यायालय में मंदिर खोले जाने को लेकर दाखिल किया था, उसको विस्तृत रूप से सुनने के पश्चात न्यायालय ने आदेश पारित किया है. न्यायालय ने आदेश दिया है कि 15 अक्टूबर 2020 का जो आर्डर है वही प्रभावी माना जाएगा और उसी के अनुपालन में बांके बिहारी मंदिर विधिवत रूप से खुलेगा. न्यायालय ने यह भी कहा है कि जब पहले से ही एक आदेश पारित है, तो दूसरा आदेश करने की आवश्यकता नहीं है. न्यायालय ने आदेशित किया है कि उसी आदेश का पालन सुनिश्चित कराया जाए. माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने की किसी की हिम्मत नहीं है, इसलिए निश्चित रूप से अब मंदिर खुलेगा और मंदिर खोलना भी चाहिए. बांके बिहारी सब लोगों के आराध्य हैं, श्रद्धा का केंद्र हैं.

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