महोबाः विद्यालय में पढ़ने आईं दो नाबालिग छात्राओं के अपहण के बाद दुष्कर्म और जबरन विवाह के मामले में कोर्ट ने एक महिला सहित चार दोषियों को कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया है. जबकि सबूतों के आभाव में एक आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया. नाबालिग छात्राओं से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो अदालत के न्यायधीश संतोष कुमार की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
क्या है पूरा मामला
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि 15 अगस्त साल 2017 को महोबा कोतवाली क्षेत्र के टीकामऊ गांव से दो छात्राओं का अपरहण कर लिया गया था. इन छात्राओं का अपहरण उस वक्त किया गया था, जब वह पढ़ने के लिए विद्यालय जा रही थीं. अपहरण का आरोप अनिल, नरेंद्र, ग्राम प्रधान संतोष पर था. जानकारी के मुताबिक छात्राओं का अपहरण कर इन्हें नोएडा ले जाया गया. जहां दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने इनसे जबरन विवाह कर लिया.
एक महिला ने की थी इन दोषियों की मदद
छात्राओं का अपहरण कर इन दोषियों ने पहले दुष्कर्म किया और फिर जबरन विवाह भी कर लिया. छात्राओं से जबरन विवाह में इन दोषियों की एक महिला ने मदद की थी. मोहिनी नाम की महिला की मदद से फर्जी जन्मतिथि बनाकर शादी कराई गई.
इन धाराओं में दोषियों को मिली सजा
न्यायधीश संतोष कुमार की अदालत ने दोषी अनिल, नरेंद्र और ग्राम प्रधान संतोष पर आईपीसी की धारा 363, 366, 367 और चार पॉक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई. जबकि मोहिनी को आईपीसी की धारा 368, 467 में सजा सुनाई गई. सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया है, जबकि एक आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया.