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'पानी-जवानी-किसानी' संवाद यात्रा पहुंची महोबा

बुंदेलखंड में निकाली जा रही 'पानी-जवानी-किसानी' संवाद यात्रा आज महोबा पहुंची. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला मौजूद रहे.

गोष्ठी करते उपाध्यक्ष व कार्यकर्ता.
गोष्ठी करते उपाध्यक्ष व कार्यकर्ता.
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Published : Jan 19, 2021, 6:53 PM IST

महोबा: बुंदेलखंड में निकाली जा रही 'पानी-जवानी-किसानी' संवाद यात्रा मंगलवार को महोबा पहुंची. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला मौजूद रहे. महोबा में आयोजित गोष्ठी में इस संवाद यात्रा को लेकर राजा बुंदेला ने कहा कि बुंदेलखंड में पानी की समस्या बनी रहती है और बुंदेलखंड के लोग अक्सर पलायन करते हैं. यहां के लोग बाहर रहकर मजदूरी करते हैं. किसानी में बुंदेलखंड का किसान अधिकतर कर्ज और किसानी सही से न होने पर आत्महत्या कर लेते हैं.

पानी-जवानी-किसानी संवाद यात्रा महोबा में.

महोबा मुख्यालय स्थित मकुन्द लाल इंटर कॉलेज में आयोजित गोष्ठी में राजा बुंदेला ने कहा कि बुंदेलखंड में समस्याओं के समाधान में खुद किसानों को आगे आना होगा. अपने अधिकारियों से संवाद करके समस्या का समाधान निकालना होगा. प्रकृति को संतुलित करने के लिए प्राकृतिक खेती करनी होगी, जिससे किसानों की खेती में लागत कम लगे और आमदनी अच्छी हो. उन्होंने कहा कि जब तक जल के संकट को दूर नहीं करेंगे, तब तक बुंदेलखंड समृद्ध और खुशहाल नहीं होगा. बुंदेलखंड को पानीदार बनाने के लिए स्थानीय समाज, सरकार और सामाजिक कार्यकर्ता सभी को साथ मिलकर पानी संरक्षण के लिए कार्य करना होगा.

किसानों की समस्या के समाधान के लिए वर्तमान केंद्र एवं प्रदेश की सरकार तत्परता से कार्य कर रही है. सरकारी योजनाओं के मूल्यांकन के लिए ही गांव-गांव पानी, जवानी और किसानी के माध्यम गांव के युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से संवाद किया जा रहा है. मैं एक डाकिया के रूप में यहां आया हूं.
-राजा बुंदेला, उपाध्यक्ष, बुंदेलखंड विकास बोर्ड

महोबा: बुंदेलखंड में निकाली जा रही 'पानी-जवानी-किसानी' संवाद यात्रा मंगलवार को महोबा पहुंची. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला मौजूद रहे. महोबा में आयोजित गोष्ठी में इस संवाद यात्रा को लेकर राजा बुंदेला ने कहा कि बुंदेलखंड में पानी की समस्या बनी रहती है और बुंदेलखंड के लोग अक्सर पलायन करते हैं. यहां के लोग बाहर रहकर मजदूरी करते हैं. किसानी में बुंदेलखंड का किसान अधिकतर कर्ज और किसानी सही से न होने पर आत्महत्या कर लेते हैं.

पानी-जवानी-किसानी संवाद यात्रा महोबा में.

महोबा मुख्यालय स्थित मकुन्द लाल इंटर कॉलेज में आयोजित गोष्ठी में राजा बुंदेला ने कहा कि बुंदेलखंड में समस्याओं के समाधान में खुद किसानों को आगे आना होगा. अपने अधिकारियों से संवाद करके समस्या का समाधान निकालना होगा. प्रकृति को संतुलित करने के लिए प्राकृतिक खेती करनी होगी, जिससे किसानों की खेती में लागत कम लगे और आमदनी अच्छी हो. उन्होंने कहा कि जब तक जल के संकट को दूर नहीं करेंगे, तब तक बुंदेलखंड समृद्ध और खुशहाल नहीं होगा. बुंदेलखंड को पानीदार बनाने के लिए स्थानीय समाज, सरकार और सामाजिक कार्यकर्ता सभी को साथ मिलकर पानी संरक्षण के लिए कार्य करना होगा.

किसानों की समस्या के समाधान के लिए वर्तमान केंद्र एवं प्रदेश की सरकार तत्परता से कार्य कर रही है. सरकारी योजनाओं के मूल्यांकन के लिए ही गांव-गांव पानी, जवानी और किसानी के माध्यम गांव के युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से संवाद किया जा रहा है. मैं एक डाकिया के रूप में यहां आया हूं.
-राजा बुंदेला, उपाध्यक्ष, बुंदेलखंड विकास बोर्ड

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