महोबा: जिला दैवीय आपदाओं से जूझ रहा है. पानी की विकराल समस्या है, क्योंकि यहां की वन संपदा नष्ट हो जाने के कारण बारिश कम होती है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा जिले को हरा-भरा करने के लिए लाखों की तादाद में वृक्षारोपण कराने के लिए बजट आता है. आरोप है कि वन विभाग कागजों पर तो वृक्षारोपण करा देता है, लेकिन हकीकत में जमीनें खाली रह जाती हैं.
इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा जानकारी करने के बाद इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की गई. इस पर जांच टीम गठित होने पर स्थलीय निरीक्षण के लिए महोबा पहुंची तो वन विभाग में हड़कंप मच गया.
आनन-फानन में मजदूर बुलाकर वृक्षारोपण शुरू करा दिया गया. अब वृक्षारोपण का क्या मतलब, जबकि वृक्षारोपण तो बारिश में किया जाता है. यदि सरकार द्वारा दिया गया पैसा सही तरीके से लगाया गया होता तो आज जिला की तस्वीर कुछ और होती.
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