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महोबा: वृक्षारोपण घोटाले में शासन स्तर से जांच, वन विभाग में मचा हड़कंप

बुन्देलखंड का पिछड़ा जिला महोबा को हरा-भरा करने के लिए सरकार हर वर्ष लाखों की तादाद में वृक्षारोपण करा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत शून्य है. शिकायत पर जांच टीम के आने पर विभाग हरकत में आया है. आनन-फानन में वृक्षारोपण करवाना शुरू कर दिया है.

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वृक्षारोपण घोटाले में शासन से आई जांच.
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Published : Dec 1, 2019, 7:30 AM IST

महोबा: जिला दैवीय आपदाओं से जूझ रहा है. पानी की विकराल समस्या है, क्योंकि यहां की वन संपदा नष्ट हो जाने के कारण बारिश कम होती है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा जिले को हरा-भरा करने के लिए लाखों की तादाद में वृक्षारोपण कराने के लिए बजट आता है. आरोप है कि वन विभाग कागजों पर तो वृक्षारोपण करा देता है, लेकिन हकीकत में जमीनें खाली रह जाती हैं.

वृक्षारोपण घोटाले में शासन से आई जांच.

इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा जानकारी करने के बाद इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की गई. इस पर जांच टीम गठित होने पर स्थलीय निरीक्षण के लिए महोबा पहुंची तो वन विभाग में हड़कंप मच गया.

आनन-फानन में मजदूर बुलाकर वृक्षारोपण शुरू करा दिया गया. अब वृक्षारोपण का क्या मतलब, जबकि वृक्षारोपण तो बारिश में किया जाता है. यदि सरकार द्वारा दिया गया पैसा सही तरीके से लगाया गया होता तो आज जिला की तस्वीर कुछ और होती.

इसे भी पढ़ें:- महोबा: पुलिस व आबकारी विभाग की टीम ने की छापेमारी, लाखों रुपये के अवैध शराब बरामद

महोबा: जिला दैवीय आपदाओं से जूझ रहा है. पानी की विकराल समस्या है, क्योंकि यहां की वन संपदा नष्ट हो जाने के कारण बारिश कम होती है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा जिले को हरा-भरा करने के लिए लाखों की तादाद में वृक्षारोपण कराने के लिए बजट आता है. आरोप है कि वन विभाग कागजों पर तो वृक्षारोपण करा देता है, लेकिन हकीकत में जमीनें खाली रह जाती हैं.

वृक्षारोपण घोटाले में शासन से आई जांच.

इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा जानकारी करने के बाद इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की गई. इस पर जांच टीम गठित होने पर स्थलीय निरीक्षण के लिए महोबा पहुंची तो वन विभाग में हड़कंप मच गया.

आनन-फानन में मजदूर बुलाकर वृक्षारोपण शुरू करा दिया गया. अब वृक्षारोपण का क्या मतलब, जबकि वृक्षारोपण तो बारिश में किया जाता है. यदि सरकार द्वारा दिया गया पैसा सही तरीके से लगाया गया होता तो आज जिला की तस्वीर कुछ और होती.

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Intro:एंकर- बुन्देलखंड का पिछड़ा जिला महोबा को हरा- भरा करने के लिए सरकार द्वारा हर वर्ष लाखो की तादाद में बृक्षारोपण कराया जा रहा है ।लेकिन बन बिभाग द्वारा भ्रष्टाचार की इबारत लिखने ने पीछे नही है कागजो में पेड़ लग जाते है। लेकिन जमीनी हकीकत शून्य होती है । शिकायत पर आई जांच टीम आने पर बिभाग हरकत में आया और आनन-फानन में बृक्षारोपण दुवारा लगाना शुरू कर दिया ।

Body:वी/ओ- दैवीय आपदाओं से जूझ रहे महोबा जिले में पानी की बिकराल समस्या है क्योंकि यहां की वन संपदा नष्ट हो जाने के कारण बारिस कम होती है । जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा बृक्षारोपण कर जिले को हरा-भरा करने की लिए सरकार द्वारा लाखो की तादाद में बृक्षारोपण कराने के लिए बजट आता है लेकिन वन विभाग की खाऊ कमाऊ नीति के चलते कागजो पर तो बृक्षारोपण हो चुके लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। इस बात का तब खुलासा हुआ जब एक आरटीई कार्यकर्ता द्वारा जानकारी करने के बाद इनकी शिकायत पीएम और सीएम से की गई ।जिस पर जांच टीम गठित होने पर स्थलीय निरीक्षण के लिए महोबा पहुँची तो वन विभाग में हड़कम्प मच गया और आनन- फानन में मजदूर बुलाकर बृक्षारोपण शुरू करा दिया । अब बृक्षारोपण का क्या मतलब जबकि बृक्षारोपण तो बारिस में किया जाता है लेकिन अपनी जान बचाने के लिये अधिकारी लगे हुए है और जांच टीम के आने के बाद बृक्षारोपण क्यो । यदि सरकार द्वारा दिया गया पैसा सही तरीके से लगाया होता तो आज जिला की तस्बीर और तकदीर कुछ और होती ।
Conclusion:बाईट- बी के मिश्रा (जांच अधिकारी)- समाजसेवियों की शिकायत पर आई जांच टीम के अधिकारी कैमरे के सामने आने से बचते रहे और बोले कि जांच करने आये है जांच की जा रही है ।किस बात की जांच की जा रही है। यह बताने से कतराते रहे ।
अब सबसे बड़ा सबाल यह है कि जब जांच अधिकारी के सामने ही बृक्षारोपण कराया जा रहा है तो किस बात की जांच और जांच रिपोर्ट आएगी यह तो आने बाला बक्त ही बताएगा ।

तेज प्रताप सिंह
महोबा यूपी
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