महोबा: सरकार भले ही किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है, लेकिन सरकारी खरीद केंद्र पर दलालों का बोलबाला है. बिना सुविधा शुल्क के किसानों की फसल की खरीद नहीं होती. किसानों ने आरोप लगाया है कि उनसे प्रति बोरे पर 300 रुपये तक दलाली ली जाती है. इसी को लेकर किसान चार दिन से भूख हड़ताल पर भी बैठा है.
सरकार ने किसानों का अनाज खरीदने के लिए सरकारी क्रय केंद्र खोल दिए, ताकि अनाज मंडियों के बिचौलियों से दूर रहकर किसान अपना अनाज सीधे सरकार को बेचकर मुनाफा कमा सकें, लेकिन सरकारी खरीद केंद्रों पर भी बिचौलियों का दबदबा बरकरार है. यही वजह है कि किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. महोबा जिले की रैपुरा मंडी में बीते चार दिनों से एक किसान गुलाब सिंह भूख हड़ताल पर बैठा है.
किसान गुलाब सिंह का आरोप है कि यहां पर किसानों का अनाज खरीदने पर प्रति बोरे 300 रुपये दलाली ली जाती है. एक तो किसान खेतों पर रखवाली कर अनाज पैदा करता है, उसके बाद मंडी में अनाज रखकर बेचने के लिए रखवाली करनी पड़ती है, क्योंकि इनका नम्बर ही नहीं आता. किसान गुलाब सिंह का कहना है कि यहां पर किसानों के साथ बड़ा ही अत्याचार हो रहा है. बिना सुविधा शुल्क के फसल की तौल नहीं हो रही है. यहां पर केंद्र प्रभारी अपने दलाल बैठाए हुए हैं, जो किसानों से दो-तीन सौ रुपये प्रति बोरा दलाली लेते हैं. इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि किसानों को न्याय मिल सके.
चरखारी के उपजिलाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि किसानों की शिकायत आई थी कि केंद्र में उनके अनाज को खरीदने के लिए दो-तीन सौ रुपये प्रति बोरा लिया जा रहा है. इसकी जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा गुलाब सिंह जो भूख हड़ताल पर बैठे हैं, उनसे भी मुलाकात की गई थी. केंद्र प्रभारी ने बताया कि 17 बोरे चना है, उनसे बेचने को कहा गया था, लेकिन उनका कहना है कि केंद्र प्रभारी की जांच कराकर कार्रवाई की जाए.