महराजगंज: जिले में नशीली दवाएं और मादक पदार्थों की तस्करी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. जनवरी से अगस्त तक एनडीपीएस के 29 मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं. जिसमें भारी मात्रा में नशीली दवाएं और मादक पदार्थ बरामद किया गया है. वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर हुए लाॅकडाउन में बरामद नशीली दवाएं और मादक पदार्थों से अंदाज लगाया जा सकता है कि लाॅकडाउन में भी इसका अवैध कारोबार दिन दूना रात चौगुना फल फूल रहा था.
फरवरी से अब तक 29 मुकदमे दर्ज
- फरवरी माह में 1 किलो 680 ग्राम गांजा और 4 किलो 660 ग्राम चरस बरामद किया गया. इस मामले में तीन मुकदमे पंजीकृत किया गया.
- मार्च माह में 377 ग्राम हेरोइन, 800 किलोग्राम गांजा, 240 शीशी प्रतिबंधित सिरप, 720 सेल्विवान कैप्सूल, 696 टेबलेट स्पास्मों में बरामद किया गया है और आठ मुकदमे पंजीकृत किए गए.
- अप्रैल माह में 50 डायजापाम इंजेक्शन, 75 नेट्रोजेडएपाम बरामद किया गया है और एक मुकदमा पंजीकृत किया गया.
- मई माह में 375 गोली एमप्राक्स बरामद किया गया है और एक मुकदमा पंजीकृत किया गया.
- जून माह में 330 ग्राम गांजा, 55 ग्राम हेरोइन और 19 शीशी बोनारेक कफ सिरप बरामद किया गया है और तीन मुकदमे पंजीकृत किए गए.
- जुलाई माह में 26 ग्राम हेरोइन, 885 ग्राम अफिम, 1 किलो चरस, 500 ग्राम गांजा, 100 शीशी प्रतिबंधित सिरप, 1631 कैप्सूल स्पास्मों विंस, 159 टेबलेट स्पास्मों पत्ता बरामद किया गया है और सात मुकदमे पंजीकृत किए गए.
- अगस्त माह में 137 ग्राम हेरोइन, एक किलो 400 ग्राम गांजा बरामद किया गया है और चार मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं.
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित महाराजगंज जिले में बरामद नशीली दवाएं और मादक पदार्थों को लेकर जिला काफी संवेदनशील बना हुआ है. यहां आए दिन भारत-नेपाल के सोनौली और ठूठीबारी सीमा पर नशीली दवाएं और मादक पदार्थ बरामद किए जाते हैं. जिले के इन स्थानों पर संचालित दवा की दुकानों पर भी बेखौफ नशीली दवाएं बेची जाती हैं.
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लाॅकडाउन होने पर शराब की बिक्री पर रोक लगी, तो नशे के आदी लोगों ने मेडिकल स्टोर से नशीली दवाएं खरीदी, जिससे कि उनका इस्तमाल नशे के लिए किया जा सके. बिना डॉक्टर की सलाह के भी मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा इन दवाओं को आसानी से बेचा गया. ऐसे में भी मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.