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महराजगंज: एक पेड़ काटने पर लगाने होंगे 10 पेड़, ये होगी पूरी शर्त

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में हरे-भरे पेड़ों को काटने से रोकने के लिए वन विभाग ने एक रणनीति तैयार की है. एक पेड़ काटने की अनुमति तभी मिलेगी जब पेड़ मालिक 10 पौधे रोपित किए जाने का शपथ पत्र देंगे.

एक पेड़ काटने पर लगाने होंगे 10 पेड़.
एक पेड़ काटने पर लगाने होंगे 10 पेड़.
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Published : Aug 19, 2020, 4:33 PM IST

महराजगंज: जिले में पर्यावरण संरक्षण को बनाए रखने के लिए और हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटान पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एक रणनीति तैयार की है. एक पेड़ काटने की अनुमति पेड़ मालिक को अब तभी मिलेगी जब वह 10 पौधे रोपित किए जाने का शपथ पत्र देंगे. इतना ही नहीं वन विभाग ने 29 प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.

वन विभाग का कहना है कि केवल विशेष परिस्थितियों में ही इन पेड़ों को काटा जा सकता है, जिसके लिए वन विभाग से कुछ शर्तों के आधार पर अनुमति लेनी पड़ेगी. पेड़ों को काटने के लिए आवेदन ऑनलाइन किए जाएंगे. पेड़ काटने वाले के पास मानक के अनुसार पौध लगाने की जमीन नहीं होने पर उसे विभाग को इसके लिए धनराशि जमा करना पड़ेगा.

इसके पहले 6 प्रजातियों के ही पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग से अनुमति लेने की जरुरत थी. यह अनुमति तभी दी जा सकती थी जब ये पेड़ सूख गए हों या किसी व्यक्ति या संपत्ति की लिए खतरा उत्पन्न हो गया हो या विकास योजनाओं के लिए काटना जरुरी हो.

अंधा-धुंध पेड़ों की कटान पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने पेड़ संरक्षण अधिनियम 1976 के प्रावधानों में बदलाव करते हुए 6 प्रजापतियों से बढ़ाकर 29 प्रजातियों के पेड़ों की कटान पर रोक लगा दिया है. देशी व कलमी आम, साल, महुआ, बीजा, पीपल, गूलर, पाकड़, प्लास, अर्जुन, बेच, चिरौंजी, खिरनी, कैथा, इमली ,जामुन, असना, रीठा, कुसुम, भिलाव, तून, सलई, हल्दू, बाकली, करघई, घौ, खैर, शीशम, सागौन सहित 29 प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वन्य जीव प्रभाग सोहगीबरवा के डीएफओ पुष्प कुमार के ने बताया कि जिले के सभी रेजरों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी दशा में इस प्रजाति के पेड़ों को नहीं काटा जाएगा.

महराजगंज: जिले में पर्यावरण संरक्षण को बनाए रखने के लिए और हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटान पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने एक रणनीति तैयार की है. एक पेड़ काटने की अनुमति पेड़ मालिक को अब तभी मिलेगी जब वह 10 पौधे रोपित किए जाने का शपथ पत्र देंगे. इतना ही नहीं वन विभाग ने 29 प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.

वन विभाग का कहना है कि केवल विशेष परिस्थितियों में ही इन पेड़ों को काटा जा सकता है, जिसके लिए वन विभाग से कुछ शर्तों के आधार पर अनुमति लेनी पड़ेगी. पेड़ों को काटने के लिए आवेदन ऑनलाइन किए जाएंगे. पेड़ काटने वाले के पास मानक के अनुसार पौध लगाने की जमीन नहीं होने पर उसे विभाग को इसके लिए धनराशि जमा करना पड़ेगा.

इसके पहले 6 प्रजातियों के ही पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग से अनुमति लेने की जरुरत थी. यह अनुमति तभी दी जा सकती थी जब ये पेड़ सूख गए हों या किसी व्यक्ति या संपत्ति की लिए खतरा उत्पन्न हो गया हो या विकास योजनाओं के लिए काटना जरुरी हो.

अंधा-धुंध पेड़ों की कटान पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने पेड़ संरक्षण अधिनियम 1976 के प्रावधानों में बदलाव करते हुए 6 प्रजापतियों से बढ़ाकर 29 प्रजातियों के पेड़ों की कटान पर रोक लगा दिया है. देशी व कलमी आम, साल, महुआ, बीजा, पीपल, गूलर, पाकड़, प्लास, अर्जुन, बेच, चिरौंजी, खिरनी, कैथा, इमली ,जामुन, असना, रीठा, कुसुम, भिलाव, तून, सलई, हल्दू, बाकली, करघई, घौ, खैर, शीशम, सागौन सहित 29 प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वन्य जीव प्रभाग सोहगीबरवा के डीएफओ पुष्प कुमार के ने बताया कि जिले के सभी रेजरों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी दशा में इस प्रजाति के पेड़ों को नहीं काटा जाएगा.

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