लखनऊः विश्व भर में कोरोना वायरस ने महामारी का रूप धारण कर लिया है. वहीं डब्ल्यूएचओ ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया है. विश्व के तमाम देशों की ही तरह भारत में भी कोरोना से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं. इस महामारी का अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं है. भारत में यह बीमारी और न फैले इसका कोई सटीक इलाज हो सके इसके लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस के एक युवा कार्यकर्ता ने देश के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर कोरोना की वैक्सीन बनाने में अपना देहदान करने की बात कही है.
कोरोना पर काबू पाने में हो रही मुश्किल
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के युवा कार्यकर्ता उपेंद्र द्विवेदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को जो पत्र लिखा है उसमें कहा है कि 'जैसा कि हमें ज्ञात है कि इस समय महामारी यानी कोरोना वायरस का प्रकोप विश्व में तेजी से फैल चुका है जो हमारे भारत में भी पैर पसार रहा है. इसका अभी तक कोई सार्थक इलाज या टीका नहीं बनाया गया है. हमारा देश जनसंख्या के दृष्टिगत विश्व में दूसरे नंबर पर है. लगभग 80 फीसद जनसंख्या दूरदराज गांवों में बसती है. डब्ल्यूएचओ और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इस महामारी पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है. अभी यह बीमारी हमारे यहां शहरों तक सीमित है. अगर यह बीमारी गांव और दूरदराज तक पहुंच गई तो मेडिकल सुविधा पहुंचा पाना बहुत मुश्किल होगा.
कोरोना के गांव में पहुंचने पर हो सकती है मुश्किल
युवक ने कोरोना के गांव पर न पहुंच पाए इसकी चिंता व्यक्त की है. युवक आगे पत्र में लिखता है कि जब कोरोना गांव में पहुंच जाएगा तो हमारा देश बहुत बड़ी महामारी की चपेट में होगा. इसलिए मैं शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्णत: स्वस्थ हूं और मैं चाहता हूं मेरे शरीर पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण कर हमारे भारत के लोगों की रक्षा की जाए. मैं अपने को धन्य समझूंगा. मैं इस वैक्सीन परीक्षण के लिए अपना देहदान करने को तैयार हूं. कार्यकर्ता ने इस पत्र की प्रतिलिपि देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी भेजी है.
यह भी पढ़ेंः-लखनऊ: 'जनता कर्फ्यू' के दौरान इमरजेंसी में लगातार आ रहे मरीज, बढ़ी सुविधाएं
हमने एक पत्र के माध्यम से देश के राष्ट्रपति, स्वास्थ्य मंत्री और प्रधानमंत्री से अपील की है कि कोरोना वैक्सीन बनाएं, जिसके परीक्षण के लिए मैं देश हित में देहदान करने को तैयार हूं. ऐसा देश हित में होना चाहिए क्योंकि हमारे यहां दूर-दराज गांव तक जनता है. 80 प्रतिशत लोग गांवों में बसते हैं जहां दवाइयां पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा. अगर देश में भयावह स्थिति आती है तो बहुत सारे लोग इससे पीड़ित होंगे, इसलिए मैं देहदान करने को तैयार हूं. मैंने फैक्स के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन और स्वास्थ्य मंत्रालय को अपना पत्र भेज दिया है.
-उपेंद्र द्विवेदी, कांग्रेस कार्यकर्ता