लखनऊ : माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के बॉस एलन मस्क ने अपने ऐलान के मुताबिक 20 अप्रैल 2023 को फीस नहीं देने वाले यूजर्स के अकाउंट से ब्लू टिक (twitter blue tick) उड़ा दिया. ट्विटर के एक्शन के कारण देश के बड़ी हस्तियों के twitter blue बैज छिन गया. यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के साथियों को भी ट्विटर अकाउंट से नीला टीका यानी ब्लू टिक हाथ धोना पड़ा. हालांकि बीजेपी का नेशनल अकाउंट ब्लू टिक वेरिफाइड है मगर यूपी बीजेपी के अकाउंट से यह गायब है. हालांकि के twitter blue बैज हटने से सरकार परेशान नहीं है.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के पर्सनल अकाउंट के अलावा ऑफिशियल अकाउंट से ब्लू टिक लापता हो चुका है. योगी सरकार के कई मंत्रियों नंद गोपाल नंदी, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, बेबी रानी मौर्य, सूर्य प्रताप शाही और स्वतंत्रदेव सिंह के ट्विटर अकाउंट ब्लू टिक हट गया हैं. विपक्ष के नेताओं बसपा प्रमुख मायावती, सुभासपा हेड ओमप्रकाश राजभर और कांग्रेस की विधायक अराधना मिश्रा मोना ने भी ब्लू टिक गंवा दी है. हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के पास ट्विटर का ब्लू बैज है. उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी के ट्विटर अकाउंट में ब्लू टिक है.
ट्विटर ने ब्लू टिक हासिल करने के लिए सब्सक्रिप्शन अनिवार्य कर दिया है. अकाउंट वेरिफाइड होने के बाद ब्लू टिक के लिए यूजर्स को हर महीने 8 डॉलर दने होंगे. 20 अप्रैल की रात ब्लू टिक हटाने के बाद ट्विटर ने सरकारी संस्थाओं और सरकार के बड़े पदों पर आसीन शख्स के ट्विटर अकाउंट को ग्रे और गोल्ड बैज दे दिया है. इस कारण यूपी पुलिस के अकाउंट अब ग्रे चेक मार्क वाला हो गया है.
यूपी सरकार के एक पीआरओ ने बताया कि सीएम समेत सभी मंत्रियों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटने से खास फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार से जुड़े आधिकारिक अकाउंट को ट्विटर ग्रे या गोल्ड टिक दे देगा, जिससे लोगों तक संदेश पहुंचाने में दिक्कत नहीं होगी. हालांकि प्रवक्ता ने साफ किया कि सरकार ट्विटर को 8 डॉलर प्रति महीने देकर ब्लू टिक हासिल करने की कोशिश करेगी या नहीं, यह तय नहीं हो पाया है.
यूपी के पॉलिटिकल एक्सपर्ट भी एलन मस्क के ब्लू टिक को राजनेताओं के अनिवार्य नहीं मानते हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ और बड़े राजनेता डिजिटल दौर में अपनी बात सोशल मीडिया और माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के जरिये रखते हैं. इस तरह वह अपने फॉलोअर्स तक आसानी से पहुंच जाते हैं.
सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले नवल कांत सिन्हा का कहना है कि किसा संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री या किसी दल का वरिष्ठ नेता के ट्विटर या सोशल मीडिया अकाउंट के लिए ब्लू टिक अनिवार्य नहीं है. ऐसे नेताओं के लाखों-करोड़ों फॉलोअर हैं. ऐसे में उनकी विश्वसनीयता पर ब्लू टिक के रहने या न रहने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. योगी आदित्यनाथ के ट्विटर पर 24.3 मिलियन फॉलोअर हैं. अखिलेश यादव को 18.3 मिलियन लोग ट्विटर पर फॉलो करते हैं. बसपा प्रमुख मायावती को भी 3.1 मिलियन लोग फॉलो करते हैं. वैसे भी ट्विटर अपने नियम के मुताबिक सरकारी पदों पर बैठे राजनेताओं के अकाउंट को ग्रे या गोल्ड टिक जरूर दे देगा.