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WORLD LUNG CANCER DAY 2021: एक्स-रे का हर धब्बा टीबी नहीं होता: डॉ. सूर्यकांत

प्रदूषण और कीटनाशक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग लंग कैंसर का सबसे बड़ा कारण होता है. इस समय देश में 1 लाख से ज्यादा लंग कैंसर के मरीज हैं.

केजीएमयू.
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Published : Aug 3, 2021, 7:50 AM IST

लखनऊ: (WORLD LUNG CANCER DAY 2021) देश में लगभग 1 लाख लंग कैंसर के मरीज हैं. जिनमें लगभग 70 हजार पुरूष एवं 30 हजार महिलाएं शामिल हैं. विगत वर्षों में बढ़ता हुआ प्रदूषण, कीटनाशक दवाओं का अत्यधिक उपयोग एवं अन्य मुख्य कारणों में धूम्रपान, घरों के चूल्हों व आस-पास के निकलने वाले धुओं जिसे परोक्ष धूम्रपान कहते हैं. इन सभी कारणों से लंग कैंसर हो सकता है.

यह जानकारी केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने दी है. डॉ. सूर्यकांत विश्व लंग कैंसर दिवस पर केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा सोमवार को आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. रेस्पिरेटरी, यूपी चैप्टर इंडियन चेस्ट सोसायटी, आईएमए-एकादमी ऑफ मेडिकल स्पेशियलिटी एवं इंटरनेशनल एसोसियेशन फॉर द स्टडीज ऑफ लंग कैंसर के तत्वावधान में सफलतापूर्वक विशेषज्ञों की उपस्थिति में वर्चुअल कार्यक्रम हुआ. इस अवसर पर इंडियन सोसायटी ऑफ लंग कैंसर के अध्यक्ष डॉ. डी. बेहरा मुख्य अतिथि और वक्ता रहे. इसमें देश के प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा विगत वर्षों में लंग कैंसर की जांच एवं इलाज में हुए विकास के बारे में विस्तार से बताया गया.

डॉ. बेहरा ने बताया कि लंग कैंसर महिलाओं एवं पुरुषों में मुख्य 5 प्रकारों में से एक है. भारत में स्क्वैमास सेल लंग कार्सिनोमा कैंसर मरीजों की संख्या कम हो रही है. वहीं दूसरी तरफ एडिनोकार्सिनोमा लंग कैंसर के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.

आयोजन की अध्यक्षता डॉ. राजेंद्र प्रसाद एवं डॉ. राजीव गर्ग ने की एवं आयोजन सचिव डॉ. अजय वर्मा ने धन्यवाद प्रस्तुत किया. आयोजन उपसचिव डॉ. ज्योति वाजपेयी ने संगोष्ठी का समापन किया. डॉ. अंकित कुमार एवं रेस्परेटरी केजीएमयू के सभी संकाय सदस्यों और रेजिडेंट चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया.

इसे भी पढे़ं- लखनऊ: नई तकनीक से मिल रहा है लंग कैंसर का बेहतर इलाज, बोले विशेषज्ञ

लखनऊ: (WORLD LUNG CANCER DAY 2021) देश में लगभग 1 लाख लंग कैंसर के मरीज हैं. जिनमें लगभग 70 हजार पुरूष एवं 30 हजार महिलाएं शामिल हैं. विगत वर्षों में बढ़ता हुआ प्रदूषण, कीटनाशक दवाओं का अत्यधिक उपयोग एवं अन्य मुख्य कारणों में धूम्रपान, घरों के चूल्हों व आस-पास के निकलने वाले धुओं जिसे परोक्ष धूम्रपान कहते हैं. इन सभी कारणों से लंग कैंसर हो सकता है.

यह जानकारी केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने दी है. डॉ. सूर्यकांत विश्व लंग कैंसर दिवस पर केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा सोमवार को आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. रेस्पिरेटरी, यूपी चैप्टर इंडियन चेस्ट सोसायटी, आईएमए-एकादमी ऑफ मेडिकल स्पेशियलिटी एवं इंटरनेशनल एसोसियेशन फॉर द स्टडीज ऑफ लंग कैंसर के तत्वावधान में सफलतापूर्वक विशेषज्ञों की उपस्थिति में वर्चुअल कार्यक्रम हुआ. इस अवसर पर इंडियन सोसायटी ऑफ लंग कैंसर के अध्यक्ष डॉ. डी. बेहरा मुख्य अतिथि और वक्ता रहे. इसमें देश के प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा विगत वर्षों में लंग कैंसर की जांच एवं इलाज में हुए विकास के बारे में विस्तार से बताया गया.

डॉ. बेहरा ने बताया कि लंग कैंसर महिलाओं एवं पुरुषों में मुख्य 5 प्रकारों में से एक है. भारत में स्क्वैमास सेल लंग कार्सिनोमा कैंसर मरीजों की संख्या कम हो रही है. वहीं दूसरी तरफ एडिनोकार्सिनोमा लंग कैंसर के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.

आयोजन की अध्यक्षता डॉ. राजेंद्र प्रसाद एवं डॉ. राजीव गर्ग ने की एवं आयोजन सचिव डॉ. अजय वर्मा ने धन्यवाद प्रस्तुत किया. आयोजन उपसचिव डॉ. ज्योति वाजपेयी ने संगोष्ठी का समापन किया. डॉ. अंकित कुमार एवं रेस्परेटरी केजीएमयू के सभी संकाय सदस्यों और रेजिडेंट चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया.

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