लखनऊ: राजधानी में लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर के हरि कृष्ण अवस्थी हॉल में मंगलवार को महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा रहीं. अध्यक्ष ने यौन उत्पीड़न के मामलों पर चिंता जताई. कार्यशाला में लखनऊ के सभी विश्वविद्यालय के आईसीसी अध्यक्ष और सदस्य मौजूद रहे.
'गलत तरीके से इशारे करना भी यौन उत्पीड़न'
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि रिसर्च डेवलपमेंट में जब ज्यादा शिकायतें आती हैं, तो रिसर्च रोक दी जाती है और गिव एंड टेक का दबाव डाला जाता है. जो शिकायतें आती हैं, उन मामलों को गंभीरता से लेने की जरूरत है. संस्थानों में आंतरिक समिति का रोल बहुत जरूरी है. महिलाएं काम पर जाती हैं, तो कई बार यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. कुछ ऐसे संस्थान हैं, जिनमें 10 से ज्यादा लोग काम करते हैं. वहां आंतरिक कमेटी नहीं है. और है तो ठीक से काम नहीं करती है. अगर कोई घटना होती है तो प्रूफ करना पीड़ित महिला का काम नहीं आंतरिक समिति का काम है. समिति में कम से कम 4 सदस्य होने चाहिए. किसी ने 11 तो किसी ने 7 लोगों की समिति बनाई है. कोई भी घटना होने पर सीनियर दबाव बनाते हैं, लेकिन सदस्यों को दबाव में नहीं आना चाहिए. सदस्य छोटी-छोटी शिकायतों पर काम करें, जिससे बड़ी घटनाओं पर रोक लग सकती है. अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि अश्लील गाने गाना और गलत तरीके से इशारे करना भी यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आता है. आंतरिक कमेटी को गंभीरता के साथ ऐसे मामलों का निस्तारण करना चाहिए. किसी भी तरीके से समझौता नहीं होना चाहिए. कमेटी का काम जागरूकता फैलाना है.
संस्थानों के सदस्य हुए शामिल
लविवि की आंतरिक शिकायत समिति की चेयरपर्सन प्रो. शीला मिश्रा ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत 100 दिन के कार्यक्रम कर चुके हैं. विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति के सामने यदि शिकायत आती है, तो तुरंत निस्तारण करने का प्रयास करते हैं. कार्यक्रम में शिया पीजी कॉलेज, नेशनल पीजी कॉलेज, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय और केजीएमयू सहित संस्थानों की आंतरिक शिकायत समिति के सदस्य शामिल हुए.