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एमएसएमई महकमे की बड़ी तैयारी, महिलाओं को उद्योग लगाने में मिलेंगी कई सुविधाएं

यूपी में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार पहल कर रही है. इस कड़ी में एमएसएमई महकमे ने बड़ी तैयारी की है. महिलाओं को उद्योग लगाने के लिए कई तरह की सुविधाएं देनी की तैयारी है.

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Published : Aug 8, 2022, 9:06 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 80 लाख करोड़ रुपये (1 ट्रिलियन यूएस डॉलर) का आकार देने की मुहिम में जुटी योगी सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया है. इसके लिए सरकार ने यूपी में अबतक का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट समिट अगले वर्ष आयोजित करने का फैसला किया है. इस आयोजन के पहले औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रानिक्स, फूडप्रोसेसिंग, पर्यटन सहित कई नीतियों में संशोधन किया जाएगा. इसी क्रम में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) लगाने के लिए उद्यमियों को योगी सरकार विशेष राहत देने जा रही है जिसके तहत एमएसएमई सेक्टर में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को कई सुविधाएं देने का फैसला किया. इसके अंतर्गत महिला उद्यमियों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएंगी.


योगी सरकार की ओर से तैयार की जा रही नई एमएसएमई नीति में महिला उद्यमियों को खास तवज्जो दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है. इसके तहत उद्यमियों को अपना उद्योग लगाने के लिए पूर्वांचल व बुंदेलखंड में निवेश करने पर 100 प्रतिशत, मध्य यूपी व पश्चिमी यूपी (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में केवल 50 प्रतिशत छूट ) में स्टांप शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी. वहीं, महिला उद्यमियों को यूपी में कहीं भी उद्योग लगाने पर जमीन खरीद पर स्टांप शुल्क नहीं देना पड़ेगा. इस नीति के तहत उद्यमियों को बुंदेलखंड व पूर्वांचल में सूक्ष्म उद्योग लगाने पर 25 प्रतिशत, लघु उद्योग लगाने पर 20 प्रतिशत व मध्यम उद्योग लगाने पर 15 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी मिलेगी. मध्य यूपी और पश्चिमी यूपी में यह सब्सिडी क्रमश: 20%,15% व 10% होगी.

एससी,एसटी व महिला उद्यमियों को 2 प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी. उद्यम लगाने वाले सभी उद्यमियों के लिए इस सहायता की अधिकतम सीमा पांच करोड़ रुपये ही होगी. यहीं नहीं योगी सरकार उद्योग लगाने के लिए कर्ज लेने पर लगने वाले उद्यमियों को ब्याज पर पांच साल तक ब्याज उपादान भी देगी. बुंदेलखंड और पूर्वांचल में सूक्ष्म उद्योग के लिए यह ब्याज उपादान छह फीसद व लघु व मध्यम उद्योग के लिए पांच फीसदी होगा.


उल्लेखनीय है कि एमएसएमई सेक्टर यूपी में छोटे कारोबारियों की ताकत बन गया है. इसकी वजह योगी सरकार द्वारा इस सेक्टर को दी गई तवज्जो है जिसके तहत योगी सरकार के पहले कार्यकाल में करीब एक करोड़ लोगों को 2.50 लाख करोड़ रुपए का मिला ऋण मिला है. इस ऋण के वजह से इस सेक्टर में लोगों को रोजगार मिला, जिसका संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने इस सेक्टर में अधिक निवेश लाने के लिए तैयार की जा रही नई एमएसएमई नीति में तमाम रियायत देने की सोची है. पहली बार इस सेक्टर में महिलाओं को भी उद्योग लगाने के लिए सुविधाएं देने की पहल की गई है.


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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 80 लाख करोड़ रुपये (1 ट्रिलियन यूएस डॉलर) का आकार देने की मुहिम में जुटी योगी सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया है. इसके लिए सरकार ने यूपी में अबतक का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट समिट अगले वर्ष आयोजित करने का फैसला किया है. इस आयोजन के पहले औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रानिक्स, फूडप्रोसेसिंग, पर्यटन सहित कई नीतियों में संशोधन किया जाएगा. इसी क्रम में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) लगाने के लिए उद्यमियों को योगी सरकार विशेष राहत देने जा रही है जिसके तहत एमएसएमई सेक्टर में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को कई सुविधाएं देने का फैसला किया. इसके अंतर्गत महिला उद्यमियों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएंगी.


योगी सरकार की ओर से तैयार की जा रही नई एमएसएमई नीति में महिला उद्यमियों को खास तवज्जो दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है. इसके तहत उद्यमियों को अपना उद्योग लगाने के लिए पूर्वांचल व बुंदेलखंड में निवेश करने पर 100 प्रतिशत, मध्य यूपी व पश्चिमी यूपी (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में केवल 50 प्रतिशत छूट ) में स्टांप शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी. वहीं, महिला उद्यमियों को यूपी में कहीं भी उद्योग लगाने पर जमीन खरीद पर स्टांप शुल्क नहीं देना पड़ेगा. इस नीति के तहत उद्यमियों को बुंदेलखंड व पूर्वांचल में सूक्ष्म उद्योग लगाने पर 25 प्रतिशत, लघु उद्योग लगाने पर 20 प्रतिशत व मध्यम उद्योग लगाने पर 15 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी मिलेगी. मध्य यूपी और पश्चिमी यूपी में यह सब्सिडी क्रमश: 20%,15% व 10% होगी.

एससी,एसटी व महिला उद्यमियों को 2 प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी. उद्यम लगाने वाले सभी उद्यमियों के लिए इस सहायता की अधिकतम सीमा पांच करोड़ रुपये ही होगी. यहीं नहीं योगी सरकार उद्योग लगाने के लिए कर्ज लेने पर लगने वाले उद्यमियों को ब्याज पर पांच साल तक ब्याज उपादान भी देगी. बुंदेलखंड और पूर्वांचल में सूक्ष्म उद्योग के लिए यह ब्याज उपादान छह फीसद व लघु व मध्यम उद्योग के लिए पांच फीसदी होगा.


उल्लेखनीय है कि एमएसएमई सेक्टर यूपी में छोटे कारोबारियों की ताकत बन गया है. इसकी वजह योगी सरकार द्वारा इस सेक्टर को दी गई तवज्जो है जिसके तहत योगी सरकार के पहले कार्यकाल में करीब एक करोड़ लोगों को 2.50 लाख करोड़ रुपए का मिला ऋण मिला है. इस ऋण के वजह से इस सेक्टर में लोगों को रोजगार मिला, जिसका संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने इस सेक्टर में अधिक निवेश लाने के लिए तैयार की जा रही नई एमएसएमई नीति में तमाम रियायत देने की सोची है. पहली बार इस सेक्टर में महिलाओं को भी उद्योग लगाने के लिए सुविधाएं देने की पहल की गई है.


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