लखनऊ: सावन में हरियाली तीज का अलग ही महत्व है. हरियाली तीज पर महिलाएं हरे रंग का परिधान पहने हुए सोलह श्रृंगार में नजर आईं. हरियाली तीज वह दिन है, जब शिव ने पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी संगिनी बनाने का वरदान दिया था. तभी से लड़कियां हरियाली तीज के दिन व्रत रखती हैं और मनचाहे वर की कामना करती हैं.
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सती रूप में पार्वती ने ब्रह्मा के पुत्र दक्ष प्रजापति के यहां जन्म लेकर शिव से ब्याह तो कर लिया, लेकिन दक्ष दामाद के रूप में महादेव को कभी स्वीकार नहीं कर पाए. पिता की इस जिद का अंत आखिर में सती की मृत्यु के साथ ही हुआ. मृत्यु के समय सती ने भगवान से ये वरदान मांगा कि प्रत्येक जन्म में मेरा शिवजी के चरणों में अनुराग रहे. इसी कारण उन्होंने हिमालय की पुत्री पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया.
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