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तीन तलाक के बाद 'खुला' की दस्तक,  मुस्लिम महिला ने 'खुला' देकर तोड़ा पति से नाता

राजधानी लखनऊ में मुस्लिम महिला ने पति के अत्याचार से तंग आकर पति को 'खुला' देकर रिश्ता तोड़ लिया. पीड़ित महिला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि मैं अपने पूरे होशो हवास में पति को 'खुला' दिए जाने की घोषणा करती हूं.

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Published : Sep 7, 2019, 9:34 PM IST

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देती पीड़ित महिला.

लखनऊ: राजधानी में तीन तलाक के बाद अब 'खुला' देने का मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम महिला ने अपने पति पर उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाते हुए पति को खुला देने का ऐलान किया है. पीड़ित महिला ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि मैं अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती, इसलिए मैं पति को खुला देकर उनसे सारे रिश्ते तोड़ रही हूं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देती पीड़ित महिला.

पीड़ित महिला ने बताया कि मुस्लिम रीति-रिवाज से मेरा निकाह 4 फरवरी 2006 में पति शाहिद सिद्दीकी के साथ हुआ था और मेरी एक 10 साल की बेटी भी है. पीड़िता ने खुला दिए जाने की वजह बताते हुए कहा कि पति द्वारा बार-बार मेरे साथ अत्याचार किया जा रहा था. इसकी वजह से मैं अपने होशो हवास में पति शाहिद सिद्दीकी को खुला दिए जाने की घोषणा करती हूं.

पढ़ें- लखनऊ: बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक, सभी स्नातक और शिक्षक सीट जीतने का रखा लक्ष्य

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन ने कहा कि मैं रेशमा सिद्दीकी के इस कदम का समर्थन करती हूं. क्योंकि महिला जब अपने पति के साथ सन्तुष्ट नहीं महसूस करती है तो कुरान की सूरत सूरह अल बकरह आयत नंबर 229 के मुताबिक खुला दे सकती है. नाइश हसन ने कहा कि इस तरह के लिए जागरूकता की अभी जरूरत है, क्योंकि महिलाएं अपने इस अधिकार का प्रयोग कर स्वतंत्र जीवन यापन कर सकती है.

मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का इस मामले पर कहना है कि जैसे मर्द को तलाक देने का इख्तियार है. वैसे ही औरत को भी तलाक लेने का पूरा हक है. औरत द्वारा तलाक लेने को ही इस्लाम में खुला कहा जाता है. मौलाना खालिद ने कहा कि अगर औरत किन्ही वजहों से अपने शौहर के साथ नहीं रहना चाहती है तो उसको पूरा हक है कि वह अपने पति से खुला ले सकती है.

लखनऊ: राजधानी में तीन तलाक के बाद अब 'खुला' देने का मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम महिला ने अपने पति पर उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाते हुए पति को खुला देने का ऐलान किया है. पीड़ित महिला ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि मैं अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती, इसलिए मैं पति को खुला देकर उनसे सारे रिश्ते तोड़ रही हूं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देती पीड़ित महिला.

पीड़ित महिला ने बताया कि मुस्लिम रीति-रिवाज से मेरा निकाह 4 फरवरी 2006 में पति शाहिद सिद्दीकी के साथ हुआ था और मेरी एक 10 साल की बेटी भी है. पीड़िता ने खुला दिए जाने की वजह बताते हुए कहा कि पति द्वारा बार-बार मेरे साथ अत्याचार किया जा रहा था. इसकी वजह से मैं अपने होशो हवास में पति शाहिद सिद्दीकी को खुला दिए जाने की घोषणा करती हूं.

पढ़ें- लखनऊ: बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक, सभी स्नातक और शिक्षक सीट जीतने का रखा लक्ष्य

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन ने कहा कि मैं रेशमा सिद्दीकी के इस कदम का समर्थन करती हूं. क्योंकि महिला जब अपने पति के साथ सन्तुष्ट नहीं महसूस करती है तो कुरान की सूरत सूरह अल बकरह आयत नंबर 229 के मुताबिक खुला दे सकती है. नाइश हसन ने कहा कि इस तरह के लिए जागरूकता की अभी जरूरत है, क्योंकि महिलाएं अपने इस अधिकार का प्रयोग कर स्वतंत्र जीवन यापन कर सकती है.

मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का इस मामले पर कहना है कि जैसे मर्द को तलाक देने का इख्तियार है. वैसे ही औरत को भी तलाक लेने का पूरा हक है. औरत द्वारा तलाक लेने को ही इस्लाम में खुला कहा जाता है. मौलाना खालिद ने कहा कि अगर औरत किन्ही वजहों से अपने शौहर के साथ नहीं रहना चाहती है तो उसको पूरा हक है कि वह अपने पति से खुला ले सकती है.

Intro:राजधानी में तीन तलाक के बाद अब खुला का मामला सामने आया है जहां एक मुस्लिम पीड़िता महिला ने अपने पति पर उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाते हुए पति को खुला दिया है। महिला ने आज राजधानी लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए कहा कि मैं अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती इसलिए मैं पति को खुला दे कर उससे सारे रिश्ते तोड़ रही हूँ।


Body:पीड़िता मुस्लिम महिला ने बताया कि मुस्लिम रीति-रिवाज से मेरा निकाह 4 फरवरी 2006 में पति शाहिद सिद्दीकी के साथ हुआ था और मेरी एक 10 साल की बेटी भी है वहीं पीड़िता ने खुला दिए जाने की वजह बताते हुए कहा कि पति द्वारा बार-बार मेरे साथ अत्याचार किया जा रहा था और मैंने बेटी पैदा होने की वजह से इस रिश्ते को कायम रखना चाहा लेकिन पति द्वारा अत्याचार रोका नहीं जा रहा था इसकी वजह से मैं अपने होशो हवास में पति सारिक सिद्दीकी को खुला दिए जाने की घोषणा करती हूं।

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन ने कहा कि मैं रेशमा सिद्दीकी के इस कदम का समर्थन करती हूं क्योंकि महिला जब अपने पति के साथ सन्तुष्ट नहीं महसूस करती है तो कुरान की सूरत सूरह अल बकरह आयत नंबर 229 के मुताबिक खुला दे सकती है। नाइश हसन ने कहा कि इस तरह के लिए जागरूकता की अभी जरूरत है क्योंकि महिलाएं अपने इस अधिकार का प्रयोग कर स्वतंत्र जीवन यापन कर सकती।

हालांकि मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का इस मामले पर कहना है कि जैसे मर्द को तलाक देने का इख्तियार है वैसे ही औरत को भी तलाक लेने का पूरा हक है और औरत द्वारा तलाक लेने को ही इस्लाम में खुला कहा जाता है। मौलाना खालिद ने कहा कि अगर औरत किन्ही वजहों से अपने शौहर के साथ नहीं रहना चाहती है तो उसको पूरा हक है कि वह अपने पति से खुला ले सकती है लेकिन इस सिलसिले में उसको किसी उलमा या दारुल कजा से संपर्क करना होता है जहां पर उलमा दोनों के मामले को समझते हैं और शरीयत की रोशनी में फैसला लेते हैं हालांकि मौलाना खालिद रशीद में यह साफ किया कि जैसे मीडिया के सामने जाकर निकाह नहीं पढ़ा जा सकता वैसे ही खुला का भी एक सरल तरीका है उसको अपनाना चाहिए लेकिन यह मुल्क आज़ाद है और अगर कोई शरीयत के मुताबिक चलना चाहता है तो वह चले और अगर कोई शरीयत के बगैर कोई कदम उठाता है तो इस पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है।

बाइट1- रेशमा सिद्दीकी, पीड़िता
बाइट2- नाइश हसन, समाजिक कार्यकर्ता
बाइट3- खालिद राशिद फिरंगी महली, मुस्लिम धर्मगुरु


Conclusion:गौरतलब है कि पुरुषों द्वारा मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने के मामले तो आम बात हो चली थी लेकिन मुस्लिम महिला ने पती से तंग आ कर मीडिया के सामने अपने पती को खुला देने का एलान किया है जो एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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