लखनऊ: राजधानी में तीन तलाक के बाद अब 'खुला' देने का मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम महिला ने अपने पति पर उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाते हुए पति को खुला देने का ऐलान किया है. पीड़ित महिला ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि मैं अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती, इसलिए मैं पति को खुला देकर उनसे सारे रिश्ते तोड़ रही हूं.
पीड़ित महिला ने बताया कि मुस्लिम रीति-रिवाज से मेरा निकाह 4 फरवरी 2006 में पति शाहिद सिद्दीकी के साथ हुआ था और मेरी एक 10 साल की बेटी भी है. पीड़िता ने खुला दिए जाने की वजह बताते हुए कहा कि पति द्वारा बार-बार मेरे साथ अत्याचार किया जा रहा था. इसकी वजह से मैं अपने होशो हवास में पति शाहिद सिद्दीकी को खुला दिए जाने की घोषणा करती हूं.
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इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन ने कहा कि मैं रेशमा सिद्दीकी के इस कदम का समर्थन करती हूं. क्योंकि महिला जब अपने पति के साथ सन्तुष्ट नहीं महसूस करती है तो कुरान की सूरत सूरह अल बकरह आयत नंबर 229 के मुताबिक खुला दे सकती है. नाइश हसन ने कहा कि इस तरह के लिए जागरूकता की अभी जरूरत है, क्योंकि महिलाएं अपने इस अधिकार का प्रयोग कर स्वतंत्र जीवन यापन कर सकती है.
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का इस मामले पर कहना है कि जैसे मर्द को तलाक देने का इख्तियार है. वैसे ही औरत को भी तलाक लेने का पूरा हक है. औरत द्वारा तलाक लेने को ही इस्लाम में खुला कहा जाता है. मौलाना खालिद ने कहा कि अगर औरत किन्ही वजहों से अपने शौहर के साथ नहीं रहना चाहती है तो उसको पूरा हक है कि वह अपने पति से खुला ले सकती है.