लखनऊः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और रणनीतिकार अहमद पटेल का हाल ही में निधन हो गया है. अहमद पटेल के जाने से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को तो नुकसान हुआ ही है, प्रियंका गांधी की उम्मीदों को भी जोरदार झटका लगा है.
वजह है कि इस समय कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा चल रही है. इसमें अहमद पटेल प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का पुरजोर समर्थन कर रहे थे. अहमद पटेल राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नहीं देखना चाहते थे. उनकी पहली पसंद प्रियंका गांधी थीं. वे प्रियंका को अध्यक्ष बनने के लिए लामबंदी में भी जुट गए थे. ऐसे में अचानक अहमद पटेल के चले जाने से प्रियंका को नुकसान हुआ है. ऐसी चर्चा उत्तर प्रदेश के कांग्रेसियों में हो रही है. वे मानते हैं कि अब प्रियंका के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की राह में कई बाधाएं आ सकती हैं. बता दें कि प्रियंका गांधी राष्ट्रीय महासचिव के साथ ही उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी हैं.
प्रियंका की राह में खड़ा हो सकता है संकट
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की गिरती हुई स्थिति को सुधारने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व ने यूपी की कमान प्रियंका गांधी को सौंपी थी. उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के साथ ही उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था. लोकसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का और प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था. हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के रहते सोनिया गांधी की रायबरेली सीट जरूर बच गई. अपने भाई राहुल को जिताने में प्रियंका भी नाकाम रहीं.
कांग्रेस की स्थिति पहले बहुत बेहतर नहीं हुई
कांग्रेस की स्थिति पहले बहुत बेहतर नहीं हो पाई. बावजूद इसके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी तो प्रियंका गांधी को समूचे उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना दिया गया. अब राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन की बात चल रही है. इसमें अहमद पटेल चाहते थे कि प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए. इसके लिए रूठे हुए नेताओं को मनाने की कोशिश में वे भी जुट हुए थे. इसी दौरान अहमद पटेल का स्वास्थ्य खराब हुआ और उनका निधन हो गया. इससे प्रियंका गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की राह में बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
खेमों में बंट चुके हैं कांग्रेसी
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर इन दिनों बहस छिड़ी हुई है. इसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर कांग्रेसी दो खेमों में बंट गए हैं. तीसरा खेमा निर्वाचन के जरिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की वकालत कर रहा है. इस तीसरे धड़े में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हैं. इनमें राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद का नाम मुख्य हैं.
यूपी के कांग्रेसी चाहते हैं कि प्रियंका को कमान मिले
कांग्रेसियों की मानें तो राष्ट्रीय स्तर पर गांधी, नेहरू परिवार से हटकर कोई अध्यक्ष बनेगा तो दिक्कत होगी. उत्तर प्रदेश की राजनीति से जुड़े कांग्रेसियों की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में प्रियंका गांधी पहली पसंद हैं. उनका कहना है कि प्रियंका में राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की क्षमता है. हालांकि यूपी के कांग्रेसियों को राहुल गांधी से भी एतराज नहीं है लेकिन यह जरूर है कि वह प्रियंका को पहली पसंद मानते हैं और राहुल, प्रियंका से इतर कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चाहते हैं.
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