लखनऊ : चिड़ियाघर में सफेद बाघों का कुनबा एक बार फिर आबाद होने की उम्मीद जगी है. नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में रविवार को चेन्नई से सफेद बाधिन इंदिरा को लाया गया. इंदिरा को अरिग्नार अन्ना जूलॉजिकल पार्क (Arignar Anna Zoological Park) से सफेद बाधिन इंदिरा को लाया गया. चिड़ियाघर के अधिकारी 27 नवंबर देर शाम सफेद बाघिन को सुरक्षित लेकर लौटे हैं. इंदिरा को जय के साथ बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा.
इंदिरा अपने से 6 साल छोटे जय के साथ परिवार बढ़ाएगी. जय पिछले छह महीने पहले अकेला रह गया था. उसकी जोड़ीदार गीता को गोरखपुर भेज दिया गया था. प्राणि उद्यान में सफेद बाधिन विशाखा, उसका बेटा जय और बाघिन गीता रहते थे. बीते जून महीने में बाधिन गीता को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान गोरखपुर (Shaheed Ashfaq Ullah Khan Zoological Park Gorakhpur) भेज दिया गया था.
इंदिरा का जन्म चेन्नई में 2010 में हुआ था. इंदिरा 12 वर्ष की है. इंदिरा के आने के बाद से एक फिर चिड़ियाघर में सफेद बाघों का कुनबा बढ़ने की संभावना बढ़ी है. 21 सौ किमी सफर तय कर आई इंदिरा सोमवार को सुस्ताती दिखी. देर शाम को उसने खाना खाया. डॉ बृजेंद्र मणि ने बताया कि इंदिरा लाने में लगभग 60 घंटे लगे. इस बीच रास्ते में इंदिरा को दो जगह पानी और भोजन दिया.
चिड़ियाघर के निदेशक वीके मिश्र (Zoo director VK Mishra) ने बताया कि सफेद बाघों के कुनबे को विस्तार दिया जाएगा. देश के कुछ ही चिड़ियाघरों में सफेद बाघ हैं. जिनमें लखनऊ प्राणि उद्यान शामिल है. इंदिरा को 21 सौ किमी सफर कर चिड़ियाघर चिकित्सक डॉ बृजेंद्रमणि (Zoo Veterinarian Dr. Brijendramani) की निगरानी में लाया गया. उसे वन्यजीव विनिमय के तहत लाया गया. जिसके बदले चेन्नई के इस जूलॉजिकल पार्क में बब्बर शेरनी (चिकी), छह फीजेंट, एक जोड़ा सारस क्रेन व चार हवासील भेजे गए हैं.
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