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जल संचयन में महत्वपूर्ण कार्य करने वालों को पुरस्कृत करेगा जल शक्ति विभाग: मंत्री - लखनऊ नमामि गंगे

लखनऊ में जलशक्ति मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह ने नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अन्तर्गत लघु सिंचाई और भूगर्भ जल विभाग की योजनाओं की समीक्षा की. यह समीक्षा विधानसभा स्थित सभागार में की गई.

जलशक्ति मंत्री ने दिए निर्देश
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Published : Apr 9, 2021, 7:26 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह ने नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अन्तर्गत लघु सिंचाई और भूगर्भ जल विभाग की योजनाओं की समीक्षा विधानसभा स्थित सभागार में की. उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन एवं विनियमन) अधिनियम, 2019 की समीक्षा करते हुए जलशक्ति मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बडे़ शहरी क्षेत्रों में अवैध रूप में संचालित हो रहे वाटर बाॅटलिंग प्लांट पर भूजल अधिनियम के अन्तर्गत कार्रवाई करते हुए इन पर रोक लगाई जाए.

यह भी पढ़ें: कोरोना इफेक्ट : लखनऊ नगर निगम की बैठक में जूम एप के जरिए भी सदस्य ले सकेंगे भाग

राज्य सरकार करेगी पुरस्कृत

जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने कहा कि भूजल स्तर की सघन माॅनिटरिंग के लिए लखनऊ नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत मुख्यालय और समस्त नगर निगम जोन में एक-एक पीजोमीटर डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर सहित स्थापित कराया जाए. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अटल भूजल योजना के अन्तर्गत चयनित 10 जनपदों की 550 ग्राम पंचायतों के वाटर सिक्योरिटी प्लांट को जल्द तैयार करें. साथ ही जलशक्ति अभियान के अन्तर्गत ‘कैच दी रेन’ कैम्पेन के क्रम में अटल भूजल योजना में चयनित 10 जनपदों में तालाबों का चिन्हीकरण किया जाए. मंत्री ने यह भी कहा कि जल संचयन एवं संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति, संस्थान, समूहों को राज्य सरकार पुरस्कृत करेगी.

पहली बार हुई स्थापना

सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत नहर कमांड क्षेत्र में जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सहभागी सिंचाई प्रबन्धन अधिनियम, 2009 के अन्तर्गत सिंचाई प्रबन्धन में कृषकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए. राज्य सरकार द्वारा रामगंगा संगठन के 12 जनपदों फर्रुखाबाद, कौशाम्बी, कासगंज, कानपुर, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, फतेहपुर, एटा, मैनपुरी, इटावा और फिरोजाबाद में 914, बेतवा संगठन के जनपद ललितपुर में 45 अल्पिका और राजवाह स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की स्थापना प्रथम बार की गई है. शारदा सहायक संगठन के 6 जनपदों बाराबंकी, अमेठी, जौनपुर, रायबरेली, सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ में 626 अल्पिका एवं राजवाह स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की फिर से स्थापना भी की गई है. सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 19 जनपदों में स्थापित 1585 जल उपभोक्ता समितियों को अल्पिकाओं एवं राजवाहों का सिंचाई प्रबन्धन सौंप दिया गया है.

क्षतिग्रस्त पुलों और पुलियों के लिए दी गई धनराशि

प्रदेश की नहरों पर स्थित पुल और पुलियों के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण के लिए फरवरी में शुरू किए गए अभियान के अन्तर्गत 25050 पुल-पुलियों पर तेजी से कार्य कराया जा रहा है. प्रदेश की मुख्य नहर प्रणालियों में से कुछ 100 वर्ष से भी पुरानी हैं. आम जनता के सुविधाजनक आवागमन एवं किसानों के कृषि कार्य के लिए यातायात सुगम बनाने के लिए इन पुल-पुलियों का निर्माण एवं मरम्मत जरूरी है. इस वित्तीय वर्ष में क्षतिग्रस्त पुलों एवं पुलियों के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. आगामी 2021-22 में 400 करोड़ रुपये की धनराशि इनके लिए प्रस्तावित की गई है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह ने नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अन्तर्गत लघु सिंचाई और भूगर्भ जल विभाग की योजनाओं की समीक्षा विधानसभा स्थित सभागार में की. उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन एवं विनियमन) अधिनियम, 2019 की समीक्षा करते हुए जलशक्ति मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बडे़ शहरी क्षेत्रों में अवैध रूप में संचालित हो रहे वाटर बाॅटलिंग प्लांट पर भूजल अधिनियम के अन्तर्गत कार्रवाई करते हुए इन पर रोक लगाई जाए.

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राज्य सरकार करेगी पुरस्कृत

जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने कहा कि भूजल स्तर की सघन माॅनिटरिंग के लिए लखनऊ नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत मुख्यालय और समस्त नगर निगम जोन में एक-एक पीजोमीटर डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर सहित स्थापित कराया जाए. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अटल भूजल योजना के अन्तर्गत चयनित 10 जनपदों की 550 ग्राम पंचायतों के वाटर सिक्योरिटी प्लांट को जल्द तैयार करें. साथ ही जलशक्ति अभियान के अन्तर्गत ‘कैच दी रेन’ कैम्पेन के क्रम में अटल भूजल योजना में चयनित 10 जनपदों में तालाबों का चिन्हीकरण किया जाए. मंत्री ने यह भी कहा कि जल संचयन एवं संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति, संस्थान, समूहों को राज्य सरकार पुरस्कृत करेगी.

पहली बार हुई स्थापना

सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत नहर कमांड क्षेत्र में जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सहभागी सिंचाई प्रबन्धन अधिनियम, 2009 के अन्तर्गत सिंचाई प्रबन्धन में कृषकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए. राज्य सरकार द्वारा रामगंगा संगठन के 12 जनपदों फर्रुखाबाद, कौशाम्बी, कासगंज, कानपुर, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, फतेहपुर, एटा, मैनपुरी, इटावा और फिरोजाबाद में 914, बेतवा संगठन के जनपद ललितपुर में 45 अल्पिका और राजवाह स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की स्थापना प्रथम बार की गई है. शारदा सहायक संगठन के 6 जनपदों बाराबंकी, अमेठी, जौनपुर, रायबरेली, सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ में 626 अल्पिका एवं राजवाह स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की फिर से स्थापना भी की गई है. सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 19 जनपदों में स्थापित 1585 जल उपभोक्ता समितियों को अल्पिकाओं एवं राजवाहों का सिंचाई प्रबन्धन सौंप दिया गया है.

क्षतिग्रस्त पुलों और पुलियों के लिए दी गई धनराशि

प्रदेश की नहरों पर स्थित पुल और पुलियों के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण के लिए फरवरी में शुरू किए गए अभियान के अन्तर्गत 25050 पुल-पुलियों पर तेजी से कार्य कराया जा रहा है. प्रदेश की मुख्य नहर प्रणालियों में से कुछ 100 वर्ष से भी पुरानी हैं. आम जनता के सुविधाजनक आवागमन एवं किसानों के कृषि कार्य के लिए यातायात सुगम बनाने के लिए इन पुल-पुलियों का निर्माण एवं मरम्मत जरूरी है. इस वित्तीय वर्ष में क्षतिग्रस्त पुलों एवं पुलियों के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. आगामी 2021-22 में 400 करोड़ रुपये की धनराशि इनके लिए प्रस्तावित की गई है.

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