लखनऊः अपने बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के नवनिर्वाचित सदस्य वसीम रिजवी ने एक बार फिर बंगाल चुनाव और मतदान को लेकर विवादित बात कही है. वसीम रिजवी ने कहा कि भाजपा और हिंदुत्व के खिलाफ बांग्लादेशी घुसपैठियों ने पश्चिम बंगाल में ममता को वोट दिया है. वसीम रिजवी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
कोरोना महामारी खत्म होते ही लागू हो एनआरसीबुधवार को वीडियो के माध्यम से बयान जारी कर वसीम रिजवी ने कहा कि कोरोना महामारी खत्म होते ही देश में एनआरसी लागू होना चाहिए. छोटे मदरसे बंद होने चाहिए. जिनको मदरसे में तालीम लेनी हो, वह हाईस्कूल करने के बाद मदरसों में दाखिला लें. वसीम रिजवी ने एक बार फिर कुरान पर विवादित बयान देते हुए कहा कि कुरान-ए-मजीद की जो आयतें मतभेद पैदा कर रही हैं, जो कहीं ना कहीं आतंक की तालीम दे रही हैं, जिनकी अब कोई जरूरत नहीं है, उनका प्रचार-प्रसार मस्जिद और मदरसों से बैन कर देना चाहिए. यह हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है.
बंगाल में बांग्लादेश के मुसलमान घुसपैठ किए हुए हैंबंगाल चुनाव के परिणामों पर वसीम रिजवी ने कहा कि बंगाल में बांग्लादेश के मुसलमान घुसपैठ किए हुए हैं और बड़ी तादाद में रह रहे हैं. हिंदुस्तान में जहां-जहां घुसपैठिए हैं, वह एक मकसद के तहत आए हैं. वसीम रिजवी ने आगे कहा कि बंगाल के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ और हिंदुत्व के खिलाफ उन्होंने एकजुट होकर ममता बनर्जी को वोट दिया. जहां पर मुस्लिम निर्णायक वोट था, वहां पर ममता बनर्जी ने सारी सीटें जीती हैं.
हिंदुत्व के दुश्मन हैं मुसलमानवसीम रिजवी ने कहा कि बांग्लादेश से आए मुसलमान, किसी के वोट बैंक नहीं हैं, न ही किसी सियासी पार्टी के साथ हैं. दरअसल, वह हिंदुत्व और भारतीय जनता पार्टी के दुश्मन हैं. वह उसी को वोट देते हैं, जो भारतीय जनता पार्टी को हरा रही होती है. यह अच्छे संकेत नहीं हैं. यह हिंदुस्तान को बर्बाद करने के संकेत हैं. रिजवी ने कहा कि हिंदुस्तान के विकास के लिए हिंदुस्तान को मजबूत करने के लिए सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा. जिस तरह से विभाजन हो रहा है, जिस तरह से सियासी पार्टियां गेम खेल रही हैं, यह हिंदुस्तान को तोड़ने की कोशिश हो रही है. हिंदुस्तान में गृहयुद्ध छेड़ने की कोशिश हो रही है.
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पहले भी विवादों में रहे वसीम रिजवी
वसीम रिजवी पहले भी विवादों में रहे चुके हैं. कुछ समय पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कुराने से कुछ आयतें हटाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इन आयतों की कोई जरूरत नहीं है. यह आयतें आज आतंक को बढ़ावा दे रही हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी. वसीम पहले भी सिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं. हाल ही में उन्हें दोबारा शिया वक्फ बोर्ड का सदस्य चुना गया था.