लखनऊ : शासन ने निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम आठवीं में नवंबर 2022 में जारी धनराशि का पूरा प्रयोग न करने व इससे संबंधित निर्देश के अनुपालन न करने पर प्रदेश के आधा दर्जन बीएसए को चेतावनी पत्र जारी किया है. शासन ने बीएसए सुलतानपुर, औरैया, चंदौली, कानपुर देहात व बलिया, मथुरा, हाथरस के पूर्व बीएसए वर्तमान में (विभिन्न डायट के प्रवक्ताओं) को इस मामले में चेतावनी पत्र जारी किया है. बेसिक शिक्षा निदेशक ने कहा है कि यह चेतावनी इन बीएसए की गोपनीय आंख्या में दर्ज की जाएगी.
निदेशक बेसिक शिक्षा डॉ. महेंद्र देव ने सभी तात्कालिक व पूर्व बीएसए को जारी चेतावनी पत्र में कहा है कि उन्होंने बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) के अंतर्गत लाभार्थी समूह एवं दुर्लभ वर्ग के बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए उनके जनपद में जारी की गई धनराशि का समय से उपयोग नहीं किया है. निदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से नवंबर 2022 में धनराशि को 7% उपयोग किए जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही जनपद स्तर पर किए जाने के लिए लगातार निर्देश फोन व दूसरे माध्यम से दिए जा रहे थे. इसके बाद भी महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा दिए गए निर्देशों को इन जिला विद्यालय निरीक्षक ओ द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया तथा अप्रत्यक्ष रूप से शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता बरती गई.
आदेश में कहा गया है कि आरटीई के तहत जारी धनराशि का शत प्रतिशत उपयोग नहीं करने के कारण अनुपूरक बजट के माध्यम से स्वीकृत की गई धनराशि का सदुपयोग नहीं हो सका. बीते वर्षों में अध्ययनरत बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति संबंधित विद्यालयों को नहीं हो सकी. जिसका पूरा उत्तरदायित्व सभी बीएसएस का है. निदेशक ने आदेश में कहा है कि संबंधित जिलों के मौजूदा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने शासकीय कार्य में शिथिलता प्रदर्शित करता है तथा निदेशालय के निर्देशों की स्पष्ट अवहेलना है. ऐसे में शासकीय कार्यों में रुचि नहीं होने व निदेशालय के निर्देशों की अवहेलना के लिए सभी को चेतावनी दी जाती है.
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