लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रहे गौरव वर्मा के खिलाफ शासन से विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए हैं. सूत्रों की मानें तो अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए हैं. गौरव वर्मा पर आरोप है कि कैसरबाग डिपो के एआरएम रहते बसों से डीजल चोरी के मामले में उन्होंने फाइल कई माह तक दबा रखी थी. जांच में उन्हें दोषी पाया गया और सस्पेंड किया गया था.
सफाई पेश करने तक का न मिला समय
रोडवेज में अधिकारी बड़े-बड़े कारनामों के लिए जाने जाते रहे हैं. पहले भी तमाम अधिकारियों पर डीजल चोरी के आरोप लगे हैं, लेकिन मुख्यालय स्तर से उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि कैसरबाग डिपो के एआरएम गौरव वर्मा पर डीजल चोरी का आरोप लगा और इसी आरोप में उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया.
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा
कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा का कहना है कि उनसे आरोपों पर सफाई तक नहीं मांगी गई, जहां तक फाइल दबाने का आरोप है, तो दिसंबर माह की ये घटना है, जिसका खुलासा ही मार्च में हुआ. कोरोना के कारण मार्च में ही दफ्तर बंद हो गए थे. सभी अधिकारियों की ड्यूटी कोविड-19 में लग गई. श्रमिकों को घर भेजने के लिए बसों की व्यवस्था में समय लग गया. फाइलों की जांच के लिए वक्त तक नहीं दिया गया और सस्पेंशन की कार्रवाई कर दी गई.
बता दें कि दिसंबर माह में एनआरसी और सीएए के प्रदर्शन के दौरान पुलिस विभाग ने जो बसें किराए पर ली थीं, उन बसों से काफी मात्रा में डीजल चोरी हुआ था. बसों का चक्का भी नहीं घूमा था और बस संचालन दिखाकर डीजल की खपत दर्शा दी गई, जब यह मामला उजागर हुआ, तो इसकी जांच सीनियर अधिकारियों को सौंपी गई. जांच में गौरव वर्मा को दोषी ठहराया गया. इसके बाद परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने उन्हें सस्पेंड कर दिया. सूत्र बताते हैं कि अब उनके खिलाफ अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं.