लखनऊः लगातार बढ़ते वाहन जाम का कारण बन रहे हैं. राजधानी लखनऊ में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इन वाहनों को खड़ा करने के लिए, ना तो इन वाहन स्वामियों के पास जगह है और ना ही कॉलोनियों में स्थान है. इस कारण लोग अपने वाहन सड़कों पर ही खड़ा कर रहे हैं. इससे आए दिन जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है.
लगभग 50 लाख की आबादी वाले लखनऊ में लाखों की संख्या में वाहन हैं. इन वाहनों को पार्क करने की बहुत बड़ी समस्या है. पार्किंग की समस्या होने के कारण लोग अपने वाहनों को अपने घरों के सामने ही सड़कों पर पार्क करते हैं. इससे आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है.
क्या कहते हैं नगर निगम के अधिकारी
राजधानी में पार्किंग की समस्या को लेकर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अमित कुमार का कहना है कि लखनऊ में नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण की 10 बड़ी पार्किंग बनाई गई हैं. इसके साथ ही कई बड़ी पार्किंग अभी प्रक्रिया में हैं. नगर निगम की सीमा में 125 से अधिक पार्किंग हैं. यहां पर लोग अपने वाहन खड़ा करते हैं, हालांकि अपर नगर आयुक्त का कहना है कि राजधानी में जिस तरह से गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में और अधिक पार्किंग बनाए जाने की आवश्यकता है. अभी कोरोना महामारी चल रही है. नगर निगम और सरकार का मुख्य फोकस कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में है. कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद राजधानी में पार्किंग की व्यवस्था और अधिक की जाएगी. अपर नगर आयुक्त का कहना है कि अवैध रूप से सड़कों पर खड़े होने वाले वाहनों को रोकने के लिए गाड़ियों को उठाने का ठेका प्राइवेट लोगों को सौंप दिया गया है. इसका मुख्य मकसद यह है कि सड़कों पर बेतरतीब खड़ी होने वाली गाड़ियों को यह ठेकेदार उठाकर गाड़ी के मालिक से जुर्माना भी वसूल रहे हैं. यह कार्रवाई इसलिए, जिससे की लोग सबक ले सकें.
इसे भी पढ़ेंः अय्याश बेटे के साथ माननीय का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित
राजधानी में गाड़ियों की संख्या
राजधानी लखनऊ में यदि गाड़ियों की संख्या पर बात की जाए तो 26 लाख से अधिक वाहन हैं. इनमें आठ लाख से अधिक कार हैं. 18 लाख से अधिक मोटरसाइकिल हैं. 4200 ऑटो हैं, जबकि 2442 टेंपो हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी में जिस तरह से गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में और अधिक पार्किंग बनाए जाने की जरूरत है.