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बारिश और तेज हवा से सब्जी की फसलें प्रभावित, जानिए कैसे करें बचाव

यूपी की राजधानी लखनऊ में तेज बारिश और हवा चलने से फसलों को काफी नुकसान हुआ. विशेषज्ञों ने इससे बचने का तरीका बताया. इसके पहले मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में चेतावनी दी थी.

बारिश होने से फसल बर्बाद.
बारिश होने से फसल बर्बाद.
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Published : Jun 14, 2021, 7:47 PM IST

लखनऊ: कोविड-19 संक्रमण काल में लॉकडाउन होने से प्रमुख रूप से टमाटर, तरोई, लौकी, कद्दू, खीरा, खरबूजा और तरबूज की फसलें खेतों में ही सड़ गईं. वहीं, एक तरफ अचानक मानसूनी बारिश प्रारंभ होने और तेज हवा चलने से काफी फसलों को नुकसान हुआ है. तेज हवा के कारण मक्का की फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ, क्योंकि हवा में मक्का बीच से टूट जाती है और पूरा पौधा क्षतिग्रस्त हो जाता है.

पिछले माह ताऊते, यास के कारण उड़द की फसल अधिक प्रभावित हुई थी. वहीं, जो कुछ फसल बच गई थी, वह मानसूनी बारिश के कारण बर्बाद हो गई. इस तरह उड़द, मूंग की फसल में किसानों का 100 प्रतिशत नुकसान होने की संभावना है. सोमवार सुबह से ही यूपी के कई जिलों में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया, जिसकी वजह से मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में हवा के साथ तेज बारिश होने की चेतावनी दी थी. प्रमुख रूप से तरोई, लौकी, कद्दू, टिंडा, परवल, भिंडी और ग्वार की फसल अधिक प्रभावित हुई है.

विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र सिंह ने बताया कि वर्षा जब बंद हो जाए, तब अपनी फसलों पर इमिडाक्लोप्रिड नामक कीटनाशक दवा की 0.5 एमएल. मात्रा को एक लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें, जिससे कीट से फसलों को बचाया जा सकता है. वहीं, बारिश में भारी नुकसान से बचा जा सकता है.

लखनऊ: कोविड-19 संक्रमण काल में लॉकडाउन होने से प्रमुख रूप से टमाटर, तरोई, लौकी, कद्दू, खीरा, खरबूजा और तरबूज की फसलें खेतों में ही सड़ गईं. वहीं, एक तरफ अचानक मानसूनी बारिश प्रारंभ होने और तेज हवा चलने से काफी फसलों को नुकसान हुआ है. तेज हवा के कारण मक्का की फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ, क्योंकि हवा में मक्का बीच से टूट जाती है और पूरा पौधा क्षतिग्रस्त हो जाता है.

पिछले माह ताऊते, यास के कारण उड़द की फसल अधिक प्रभावित हुई थी. वहीं, जो कुछ फसल बच गई थी, वह मानसूनी बारिश के कारण बर्बाद हो गई. इस तरह उड़द, मूंग की फसल में किसानों का 100 प्रतिशत नुकसान होने की संभावना है. सोमवार सुबह से ही यूपी के कई जिलों में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया, जिसकी वजह से मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में हवा के साथ तेज बारिश होने की चेतावनी दी थी. प्रमुख रूप से तरोई, लौकी, कद्दू, टिंडा, परवल, भिंडी और ग्वार की फसल अधिक प्रभावित हुई है.

विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र सिंह ने बताया कि वर्षा जब बंद हो जाए, तब अपनी फसलों पर इमिडाक्लोप्रिड नामक कीटनाशक दवा की 0.5 एमएल. मात्रा को एक लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें, जिससे कीट से फसलों को बचाया जा सकता है. वहीं, बारिश में भारी नुकसान से बचा जा सकता है.

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