लखनऊ: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के गठन के बाद अब चेयरमैन जुफर अहमद फारुकी ने वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों के निस्तारण के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है. वक्फ बोर्ड में चौथी बार चुनकर चेयरमैन बने जुफर अहमद फारुकी ने इस कार्यकाल में बोर्ड के कामों को निपटाने और अपनी प्राथमिकताओं के साथ काम काज को नई दशा और दिशा देने को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
उत्तर प्रदेश की वक्फ सम्पत्तियों का होगा मिनी सर्वे
ईटीवी भारत से बात करते हुए जुफर अहमद फारुकी ने बताया कि पिछले लगभग 35 वर्षों से उत्तर प्रदेश की वक्फ सम्पतियों का सर्वे नहीं हुआ है. ऐसे में इस कार्यकाल में उनके द्वारा बोर्ड से जुड़ी सभी वक्फ औकाफ का मिनी सर्वे कराया जाएगा, जिससे सूबे की सभी वक्फ सम्पत्तियों की सही दशा का पता लगाया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए टीम गठित कर वक्फ औकाफ का स्पॉट इंस्पेक्शन कराया जाएगा, जिससे इतने वर्षों में आए बदलाव को दर्ज कराया जाए और सम्पत्ति की सही आमदनी का पता लगाया जाए.
चेरिटेबल अस्पताल और शिक्षण संस्थानों के लिए तलाशी जाएगी जमीन
जुफर अहमद फारुकी ने कहा कि इस कार्यकाल में उनके द्वारा एक बड़ा कदम उठाते हुए लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा की निःशुल्क सुविधा मोहय्या कराने के लिए वक्फ सम्पतियों की जमीनों की तलाश की जाएगी. जहां पर चेरिटेबल अस्पताल और स्कूल खोले जाए, जिससे सीधे तौर पर अवाम को फायदा पहुंच सकें.
यूपी की मस्जिदों के इमामों की बढ़ेगी तनख्वाह
चेयरमैन जुफर अहमद फारुकी ने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना के चलते मस्जिदों में बेहद कम चंदा जमा हुआ और पहले से ही मस्जिद के ईमामों की तनख्वाह बेहद कम है, जिससे वहां के इमामों को काफी दुश्वारियां हुई उसको दूर करने के लिए अब उन्होंने मुतावल्लियों से ईमामों की तनख्वाह को बढ़वाने का इरादा किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से वक्फ सम्पत्तियों के डिजिटाइजेशन के चल रहे कामों को इस कार्यकाल में तेज गति दी जाएगी और इस कार्यकाल में उसको पूरा करा लिया जाएगा.
छोटे कामों के लिए वक्फ बोर्ड के चक्कर लगाने की नहीं होगी जरुरत
अपने चौथे कार्यकाल में सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने मुतावल्लियों को राहत देने और वक्फ बोर्ड के चक्कर नहीं लगाने की भी सहूलियत देने की रणनीति बनाई है. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वक्फ सम्पत्तियों से जुड़े छोटे-छोटे कामों को करवाने के लिए अब यूपी के कोनों से चलकर लखनऊ स्तिथ कार्यालय आने की उनको जरूरत नहीं पड़ेगी, इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था ने अपने जिलों से ही वह सीधे वक्फ बोर्ड से जुड़कर कामों का निपटारा कर सकेंगे.
इसे भी पढ़ें-वसीम रिजवी के खिलाफ FIR को लेकर मुस्लिम समुदाय ने सीओ ऑफिस घेरा
चेयरमैन पद के लिए किसी और की दावेदारी का नहीं था अंदाजा
पिछले दिनों हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव पर बोलते हुए चेयरमैन जुफर अहमद फारुकी ने कहा कि उनको अंदाजा नहीं था कि चेयरमैन पद की दावेदारी के लिए कोई और सदस्य भी मैदान में उतरेगा. इसकी जानकारी उनको चुनाव के दौरान होने वाली मीटिंग में ही हुई. उन्होंने कहा कि क्योंकि सबकों चुनाव लड़ने का हक है, इसलिए दूसरे दावेदार के कदम का भी वह स्वागत करतें हैं, लेकिन क्योंकि अब चुनाव खत्म हो चुका है और बोर्ड का गठन हो गया है लिहाजा अब सब एक बॉडी की तरह काम करेंगे.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने दी बधाई
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में एक बार फिर से चेयरमैन बनने पर देशभर के कई मुस्लिम लीडरों से ज़ुफर अहमद फारूकी को बधाईयां मिली. इसी बीच मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी ने भी एक बार फिर से चेयरमैन बनने पर जुफर अहमद फारुकी को मुबारकबाद दी. हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ सदस्य जुफर अहमद फारुकी के खिलाफ दिख रहे थे, लेकिन बोर्ड के अध्यक्ष के बधाई संदेश के बाद अब बोर्ड जुफर फारुकी के पक्ष में देखा जा रहा है.