लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में काम कर रहे शिक्षकों को जबरन बुलाए जाने पर आपत्ति जताई गई है. सुलतानपुर में बुखार से पीड़ित एक शिक्षक के निधन के प्रकरण का स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा को नोटिस भेजा है. इसमें एक शिक्षक को जबरन चुनाव ड्यूटी में लगाने और उस दौरान शिक्षक की मौत होने के प्रकरण की तत्काल जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहा गया है.
यह है प्रकरण
जनपद सुलतानपुर में एक बुखार पीड़ित शिक्षक को बार-बार कहने के बावजूद चुनाव ड्यूटी में लगा दिया गया था. चुनाव के दौरान शिक्षक की तबीयत बिगड़ी और जिला अस्पताल में मौत हो गई. वहीं शिक्षक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कम्प मचा हुआ है. अधिकारियों से शिक्षक जांच करवाने और ड्यूटी कटवाने के लिए गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन न जांच हुई और न ही ड्यूटी कटी. सोमवार की दोपहर चुनाव के दौरान उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. इस पर राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा मामले का स्वतः संज्ञान लिया गया है.
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मूलभूत अधिकारों का हनन
आयोग की ओर से अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र जारी किया गया है. पत्र के माध्यम से कहा गया कि किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच करवा कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराएं और जांच में जो भी दोषी पाए जाएं, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें. इस घटना को किसी व्यक्ति के जीने के मूलभूत मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन बताया गया है. अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा अपनी विस्तृत जांच एवं की गई कार्रवाई की आख्या आयोग को दो सप्ताह में उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं.