लखनऊ: रोजगार और आर्थिक मोर्चे पर योगी सरकार ने सफलता की एक और इबारत लिख दी है. एमएसएमई सेक्टर के जरिये सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला यूपी देश का पांचवा सबसे सफल राज्य बन गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा तैयार की गई रैंकिंग में कई राज्यों को पीछे छोड़कर उत्तर प्रदेश ने शीर्ष पांच में जगह बनाई है. आरबीआई ने देश के सभी राज्यों का आकलन कर एमएसएमई सेक्टर में रोजगार की रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में यूपी को अव्वल बताया गया है.
इन राज्यों के बाद यूपी
एमएसएमई के जरिये रोजगार सृजन के मामले में राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य यूपी से पीछे हैं. आरबीआई ने कोरोना के संकट काल में योगी सरकार द्वारा रोजगार सृजन के आंकड़ों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है. रिजर्व बैंक की रैंकिंग में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश है.
कोरोना काल में यूपी आए 40 लाख प्रवासी मजदूर
कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में दूसरे राज्यों में फंसे करीब 40 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का बड़ा फैसला लेने के साथ ही योगी सरकर ने उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती भी पूरी की. योगी सरकार ने 20 लाख से ज्यादा मजदूरों की स्किल मैपिंग करा कर उन्हें सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के जरिये अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार से जोड़ा है.
11 लाख श्रमिकों को रोजगार से जोड़ा
राज्य सरकार ने फिक्की और आइआईए के साथ छह लाख मजदूरों को रोजगार से जोड़ने का एमओयू साइन किया था. नारडेको और लघु उद्योग भारती जैसे संस्थानों के साथ पांच लाख रोजगार सृजन का एमओयू कर कुल 11 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने का काम किया है.
यूपी में 90 लाख एमएसएमई इकाइयां संचालित
प्रदेश में एमएसएमई की 90 लाख इकाइयां हैं. इसमें से 80 प्रतिशत से अधिक इकाइयां संचालित हैं. यह भी देश में एक रिकार्ड है. एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए तेजी से काम किया है. आर्थिक रोजगार सृजन के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. प्रदेश में 4.35 लाख से अधिक इकाइयों को आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 10 हजार 753 करोड़ रुपये के लोन वितरित किए जा रहे हैं.
करीब 25 हजार करोड़ का लोन बांटा
आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार सृजन अभियान में इस वित्तीय वर्ष में 14 मई से अब तक 5.81 लाख से अधिक नई एमएसएमई इकाइयों को 15 हजार 534 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया है. नवनीत सहगल ने बताया कि बैंकों को पूरे वित्तीय वर्ष में कुल 20 लाख एमएसएमई इकाइयों को लोन देने का लक्ष्य दिया गया है. यह निर्धारित किया गया है कि 75 हजार करोड़ से 80 हजार करोड़ रुपये का ऋण प्रदेश में विभिन्न एमएसएमई इकाइयों को दिया जाए.
गेम चेंजर साबित हुई ओडीओपी योजना
कोरोना और लाकडाउन के दौर में योगी सरकार की 'एक जनपद एक उत्पाद' योजना रोजगार के मामले में गेम चेंजर साबित हुई. एमएसएमई के अंतर्गत शुरू की गई इस योजना के जरिये राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के साथ ही व्यापार से भी जोड़ा. ओडीओपी के तहत हर जिले के एक उत्पाद को ब्रांड बनाकर राज्य सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग की. अमेजन और फ्लिप्कार्ट जैसी कंपनियों के साथ सरकार के ऑनलाइन व्यापार के एमओयू ने योजना को गति दे दी. बड़े जिलों के साथ जौनपुर, एटा, पीलीभीत, मिर्जापुर और प्रतापगढ़ जैसे छोटे जिले भी ओडीओपी योजना के साथ रोजगार के केंद्र बन गए.