लखनऊ : कोरोना संक्रमण रोकथाम के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिए भी महाअभियान चलाया जा रहा है. यूपी सरकार ने इसके लिए प्रदेश में एक जुलाई से संचारी रोग नियंत्रण अभियान (communicable disease control campaign) शुरू किया था. इस साथ ही सोमवार से दस्तक अभियान (Dastak campaign) के तहत संक्रामक रोगों के खिलाफ भी टीम मैदान में उतार दी गई है. ऐसे में निगरानी समिति के सदस्य घर-घर रोगियों की तलाश करेंगे. इससे कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप थामने में भी मदद मिलेगी.
यूपी की एक्सपर्ट कमेटी ने अगस्त से अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है. वहीं जुलाई में बारिश से जलभराव व वातावरण में नमी बढ़ गयी है. ऐसे में मच्छरजनित बीमारियों के साथ-साथ संक्रामक रोगों का भी खतरा बढ़ गया है. लिहाजा सरकार ने राज्यभर में 1 से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान (communicable disease control campaign) शुरू कर दिया है तो वहीं आज यानि 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान (Dastak campaign) के जरिए भी टीमें लगा दी है. वहीं फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ आशा और आंगनबाड़ी वर्कर भी अपना सहयोग प्रदान करेंगी. चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक अभियान में गांव-मोहल्लों में टीम जाएगी. निगरानी समिति के सदस्य घर-घर मरीजों को खोजेंगे.
चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक यूपी में 90 हजार से ज्यादा राजस्व गांव हैं. इनमें करीब डेढ़ लाख सदस्यीय टीम डेंगू, मलेरिया, इंसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया, कोरोना, टीबी के मरीजों की पहचान करेंगी. खासकर, बुखार के मरीजों का एंटीजेन टेस्ट कराया जाएगा. साथ ही मेडिकल किट भी दी जाएंगी. वहीं गंभीर हालत देखकर मरीज को अस्पताल भेजा जाएगा.
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राज्य क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता के मुताबिक कोरोना काल में नए टीबी मरीजों को खोजने का अभियान बंद था. जिसे आज यानि 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान में टीबी मरीज भी खोजे जाएंगे. पिछले अभियान ने 2000 नए रोगी खोजे गए थे. इनकी जांच कर मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जाएगी.