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लखनऊ: औषधि भंडारों में सप्लाई हुई ये दवाएं मानक के अनुरूप नहीं, अस्पतालों में लगी रोक - लखनऊ हिन्दी न्यूज

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड ने दो दवाओं पर लगाई रोक पर रोक लगा दी है. कॉरपोरेशन द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि फ्लुकोनाज़ोल टेबलेट और रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन के सैंपल जांच स्टैंडर्ड क्वालिटी के अनुरूप नहीं है.

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड दो दवाओं पर लगाई रोक.
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Published : Sep 10, 2019, 3:20 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा सरकारी अस्पतालों और तमाम स्वास्थ इकाइयों को भेजी गई 2 दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. कारपोरेशन का कहना है कि यह दवाई मानकों के अनुरूप नहीं है. इसलिए मरीजों के लिए इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड दो दवाओं पर लगाई रोक.

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड दो दवाओं पर लगाई रोक
उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा जारी किए गए इस अग्रिम आदेश में कहा गया है कि फ्लुकोनाज़ोल टेबलेट और रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन के सैंपल जांच स्टैंडर्ड क्वालिटी के अनुरूप नहीं है. इस वजह से औषधि भंडार में वितरण की गई इन दोनों दवाइयों को मरीजों को देने पर रोक लगा दी गई है. अस्पतालों को इन्हें अलग रखने का आदेश दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- डॉक्टर और दवाइयों के बगैर चलता है बलिया का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड के आदेश में यह लिखा गया है कि रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन की आपूर्ति 3 नवंबर 2018 को की गई थी. वहीं फ्लुकोनाजोल टैबलेट की आपूर्ति 4 जून 2019 को की गई थी. इस लिहाज से अगर देखा जाए पिछले काफी समय से यह दवाइयां मरीजों को दी जा रही होंगी. ऐसे में सवाल उठता है कि समय पर इसकी जांच क्यों नहीं की गई और मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कब तक होता रहेगा.

हमारे दोनों अस्पतालों में ही फ्लुकोनाजोल टेबलेट की सप्लाई हुई थी. आदेश के बाद इन दवाइयों को अलग रखवा दिया गया है. यह टेबलेट एंटीफंगल के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं. फिलहाल यह टेबलेट औषधि भंडार से अलग रखवा दी गई है और मरीजों को नहीं दी जा रही है.
- डॉ. डीएस नेगी, निदेशक, सिविल और लोहिया अस्पताल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा सरकारी अस्पतालों और तमाम स्वास्थ इकाइयों को भेजी गई 2 दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. कारपोरेशन का कहना है कि यह दवाई मानकों के अनुरूप नहीं है. इसलिए मरीजों के लिए इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड दो दवाओं पर लगाई रोक.

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड दो दवाओं पर लगाई रोक
उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा जारी किए गए इस अग्रिम आदेश में कहा गया है कि फ्लुकोनाज़ोल टेबलेट और रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन के सैंपल जांच स्टैंडर्ड क्वालिटी के अनुरूप नहीं है. इस वजह से औषधि भंडार में वितरण की गई इन दोनों दवाइयों को मरीजों को देने पर रोक लगा दी गई है. अस्पतालों को इन्हें अलग रखने का आदेश दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- डॉक्टर और दवाइयों के बगैर चलता है बलिया का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड के आदेश में यह लिखा गया है कि रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन की आपूर्ति 3 नवंबर 2018 को की गई थी. वहीं फ्लुकोनाजोल टैबलेट की आपूर्ति 4 जून 2019 को की गई थी. इस लिहाज से अगर देखा जाए पिछले काफी समय से यह दवाइयां मरीजों को दी जा रही होंगी. ऐसे में सवाल उठता है कि समय पर इसकी जांच क्यों नहीं की गई और मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कब तक होता रहेगा.

हमारे दोनों अस्पतालों में ही फ्लुकोनाजोल टेबलेट की सप्लाई हुई थी. आदेश के बाद इन दवाइयों को अलग रखवा दिया गया है. यह टेबलेट एंटीफंगल के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं. फिलहाल यह टेबलेट औषधि भंडार से अलग रखवा दी गई है और मरीजों को नहीं दी जा रही है.
- डॉ. डीएस नेगी, निदेशक, सिविल और लोहिया अस्पताल

Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा सरकारी अस्पतालों और तमाम स्वस्थ इकाइयों को भेजी गई 2 दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है कारपोरेशन का कहना है कि यह दवाई मानकों के अनुरूप नहीं है इसलिए मरीजों के लिए इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।


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उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा जारी किए गए इस अग्रिम आदेश में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के एक यूनिट से लखनऊ के चिकित्सा इकाइयों में आपूर्ति की गई फ्लुकोनाज़ोल टेबलेट और देहरादून उत्तराखंड की एक फार्मा कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन के सैंपल जांच स्टैंडर्ड क्वालिटी के अनुरूप नहीं है। इस वजह से औषधि भंडार में वितरण की गई। इन दोनों दवाइयों को मरीजों को देने पर रोक लगा दी गई है और अस्पतालों को इन्हें अलग रखने का आदेश दिया गया है।

इस मामले पर डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ डीएस नेगी का कहना है कि हमारे दोनों अस्पतालों में ही फ्लुकोनाज़ोल टेबलेट की सप्लाई हुई थी आदेश के बाद इन दवाइयों को अलग रखवा दिया गया है। डॉक्टर नेगी ने बताया कि या टेबलेट एंटीफंगल के रूप में इस्तेमाल की जाती है। फिलहाल यह टेबलेट औषधि भंडार से अलग रखवा दी गई है और मरीजों को नहीं दी जा रही है।


Conclusion:उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड के आदेश में या लिखा गया है कि रेनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन की आपूर्ति 3 नवंबर 2018 को की गई थी। वहीं फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट की आपूर्ति 4 जून 2019 को की गई थी। इस लिहाज से अगर देखा जाए पिछले काफी समय से यह दवाइयां मरीजों को दी जा रही होगी। ऐसे में सवाल उठता है कि समय पर इसकी जांच क्यों नहीं की गई और मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कब तक होता रहेगा।

बाइट- डॉ डीएस नेगी निदेशक सिविल और लोहिया अस्पताल

पीटीसी- रामांशी मिश्रा
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