ETV Bharat / state

यूपी से तय होगा दिल्ली का रास्ता, गठबंधन या बीजेपी मारेगी मैदान

लोकसभा चुनाव 2019 में काफी बड़े बदलाव देखने को मिले. जहां धुर विरोधी रहे नेता एकसाथ मंच साझा करते हुए नजर आए. वहीं जो कभी एक दूसरे के साथ नहीं दिखते थे, इस चुनाव में गठबंधन के साथ चुनाव लड़े हैं. इस बार उत्तर प्रदेश की राजनीति दिल्ली का रास्ता तय करने वाली है.

डिजाइन फोटो.
author img

By

Published : May 23, 2019, 7:20 AM IST

Updated : May 23, 2019, 7:32 AM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 में काफी बदलाव देखने को मिले. इस बार 25 साल से धुर विरोधी रहे मुलाायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती एक हो गए. इसके साथ ही मायावती ने उत्तर प्रदेश में कंप्रोमाइज करते हुए सपा के साथ गठबंधन स्वीकार किया और बंटवारे की सीटों पर चुनाव लड़ीं.

इस बार का लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव से बिल्कुल विपरीत रहा. जहां अखिलेश यादव के साथ मायावती ने गठबंधन करने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही कांग्रेस ने भी किसी भी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना नहीं स्वीकारा था. एग्जिट पोल की मानें तो एसपी-बीएसपी के बीच काफी हद तक यूपी में वोट ट्रांसफर हुआ है. 2014 के चुनाव में एसपी को 22.20 फीसदी और बीएसपी को 19.60 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. इन दोनों को मिला दिया जाए तो करीब 42 प्रतिशत वोट होता है.

इस चुनाव में कौन कितना प्रभाव रखता है:
मायावती
दलित और पिछड़े तबके की अगुवाई करनेवाली मायावती फिलहाल यूपी में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी से वैचारिक मतभेद होने के चलते उनका एनडीए में शामिल होना मुश्किल है, लेकिन वह कांग्रेस को सपॉर्ट कर सकती हैं. चंद्रबाबू नायडू से मिलकर उन्होंने ऐसा संकेत दिया भी था.

अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को पिछले लोकसभा चुनाव में भले ही सिर्फ 7 सीटें मिली हों लेकिन इसबार मायावती और अजित सिंह के साथ ने उन्हें मजबूत बनाया है. एग्जिट पोल्स में भी उनके गठबंधन को 80 में से 45 सीटें तक मिलने का अनुमान लगाया गया है.

राहुल गांधी
राहुल गांधी इस लोकसभा चुनाव में काफी ज्यादा सक्रिय दिखे. कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्होंने कई बड़े फैसले लिए. इस बार प्रियंका गांधी को उन्होंने कांग्रेस का महासचिव नियुक्त कर दिया. प्रियंका की मौजूदगी में कांग्रेस ने काफी मजबूती पाई.

क्या बता रहें एक्जिट पोल के आंकड़े:
एसपी-बीएसपी गठबंधन को 10-16 और कांग्रेस को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं. इसी तरह टुडे चाणक्य एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी में एनडीए को 65 (+-8) सीटें यानी 57 से लेकर 73 तक सीटें मिल सकती हैं. 6 एग्जिट पोल्स के नतीजों का औसत निकालें तो बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 52 सीटें मिलने का अनुमान है.

वहीं, महागठबंधन को 26 और कांग्रेस को महज 2 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है. अगर यह अनुमान रिजल्ट में तब्दील होते हैं तो एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा. सिर्फ दो एग्जिट पोल में महागठबंधन को 40 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है. एबीपी-नील्सन ने महागठबंधन को 45 सीटें दी हैं जबकि सी-वोटर के सर्वे में एसपी-बीएसपी-आरएलडी के खाते में 40 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. एबीपी-नील्सन ने बीजेपी को 33 और सी-वोटर ने 38 सीटें दी हैं.

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 में काफी बदलाव देखने को मिले. इस बार 25 साल से धुर विरोधी रहे मुलाायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती एक हो गए. इसके साथ ही मायावती ने उत्तर प्रदेश में कंप्रोमाइज करते हुए सपा के साथ गठबंधन स्वीकार किया और बंटवारे की सीटों पर चुनाव लड़ीं.

इस बार का लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव से बिल्कुल विपरीत रहा. जहां अखिलेश यादव के साथ मायावती ने गठबंधन करने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही कांग्रेस ने भी किसी भी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना नहीं स्वीकारा था. एग्जिट पोल की मानें तो एसपी-बीएसपी के बीच काफी हद तक यूपी में वोट ट्रांसफर हुआ है. 2014 के चुनाव में एसपी को 22.20 फीसदी और बीएसपी को 19.60 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. इन दोनों को मिला दिया जाए तो करीब 42 प्रतिशत वोट होता है.

इस चुनाव में कौन कितना प्रभाव रखता है:
मायावती
दलित और पिछड़े तबके की अगुवाई करनेवाली मायावती फिलहाल यूपी में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी से वैचारिक मतभेद होने के चलते उनका एनडीए में शामिल होना मुश्किल है, लेकिन वह कांग्रेस को सपॉर्ट कर सकती हैं. चंद्रबाबू नायडू से मिलकर उन्होंने ऐसा संकेत दिया भी था.

अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को पिछले लोकसभा चुनाव में भले ही सिर्फ 7 सीटें मिली हों लेकिन इसबार मायावती और अजित सिंह के साथ ने उन्हें मजबूत बनाया है. एग्जिट पोल्स में भी उनके गठबंधन को 80 में से 45 सीटें तक मिलने का अनुमान लगाया गया है.

राहुल गांधी
राहुल गांधी इस लोकसभा चुनाव में काफी ज्यादा सक्रिय दिखे. कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्होंने कई बड़े फैसले लिए. इस बार प्रियंका गांधी को उन्होंने कांग्रेस का महासचिव नियुक्त कर दिया. प्रियंका की मौजूदगी में कांग्रेस ने काफी मजबूती पाई.

क्या बता रहें एक्जिट पोल के आंकड़े:
एसपी-बीएसपी गठबंधन को 10-16 और कांग्रेस को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं. इसी तरह टुडे चाणक्य एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी में एनडीए को 65 (+-8) सीटें यानी 57 से लेकर 73 तक सीटें मिल सकती हैं. 6 एग्जिट पोल्स के नतीजों का औसत निकालें तो बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 52 सीटें मिलने का अनुमान है.

वहीं, महागठबंधन को 26 और कांग्रेस को महज 2 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है. अगर यह अनुमान रिजल्ट में तब्दील होते हैं तो एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा. सिर्फ दो एग्जिट पोल में महागठबंधन को 40 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है. एबीपी-नील्सन ने महागठबंधन को 45 सीटें दी हैं जबकि सी-वोटर के सर्वे में एसपी-बीएसपी-आरएलडी के खाते में 40 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. एबीपी-नील्सन ने बीजेपी को 33 और सी-वोटर ने 38 सीटें दी हैं.

Intro:Body:

nda ya upa


Conclusion:
Last Updated : May 23, 2019, 7:32 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.