लखनऊ : आयुष कॉलेजों में दाखिले में हुए फर्जीवाड़े (Ayush admission scam) का खेल बाबू से लेकर निदेशक तक चल रहा था. किसी ने पैसे को तरजीह दी तो किसी ने गिफ्ट के बदले दाखिले में हेराफेरी कर दी. कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों के कहने से खेल खेला था. इस पूरे फर्जीवाड़े में आरोपियों ने 45 करोड़ की कमाई की थी. ये खुलासे यूपी एसटीएफ की पूछताछ (UP STF interrogation revealed accused) में आयुष एडमिशन घोटाले के आरोपियों ने किए हैं. कोर्ट ने इस मामले के 9 आरोपियों की एसटीएफ को 26 नवंबर तक रिमांड दी है.
एसटीएफ ने आयुष एडमिशन घोटाले को लेकर रिमांड पर लिए गए आरोपियों को एक साथ बैठाकर पूछताछ की. एजेंसी अभी भी आरोपियों से ऐसे कई सवालों के जवाब जानना चाहती है, जिससे फर्जीवाड़ा कर दाखिला करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों व कॉलेज प्रबंधन की पूरी चेन सामने आ सके. यही कारण है कि एसटीएफ ने गुरुवार को आरोपियों से पूछताछ के दौरान उन सभी कर्मचारियों व अधिकारियों के नाम उगलने को कहा जो इस खेल में शामिल था. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान एसटीएफ के सामने कुछ और नाम खुलकर आए हैं.
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने एसटीएफ को बताया कि कैसे इस फर्जीवाड़े का पैसा आपस में बांटा जाता था. सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने कबूल किया कि सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए पांच लाख रुपये, वहीं निजी कॉलेजों में दाखिले के लिए दो से ढाई लाख रुपये तय किए गए, हालांकि कुछ दाखिलों के एवज में पैसे नहीं मिले थे, बल्कि गिफ्ट लेकर ही काम कर दिया गया था. पूछताछ में बताया कि पैसा इकट्ठा होने पर आपस में हिस्सेदारी के हिसाब से पैसे बांट लिए जाते थे. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि जिस कॉलेज में बिना नीट के दाखिला दिया जाना था, उन कॉलेजों के प्रबंधन को भी पहले से सेट किया गया. बाद में डाटा में हेराफेरी की गई.
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि एडमिशन में फर्जीवाड़ा कर कमाए गए पैसों को आरोपियों ने अलग-अलग जगह निवेश भी कर दिया है. एसटीएफ आज एक बार फिर सभी आरोपियों से यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि इन सभी ने कहां-कहां पैसा निवेश किया है. यही नहीं जो काली कमाई हुई है वो किसके हिस्से में कितनी आई है. यही नहीं इस फर्जीवाड़े में किसकी क्या भूमिका थी, इसके विषय में भी एसटीएफ आरोपियों से पूछताछ करेगी.
दरअसल, यह पूरा मामला नीट 2021 की परीक्षा से जुड़ा है. आरोप है कि मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी कर कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दे दिया गया था. इस मामले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी. इस दौरान नीट की मेरिट से बाहर रहने वाले छात्रों को भी एडमिशन दे दिया गया था. हैरान कर देने वाली बात यह भी थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को भी अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया था. जांच में सामने आया कि मेरिट में आने वाले छात्रों की जगह पर मेरिट से बाहर रहने वाले तकरीबन 891 छात्रों का नाम, जन्म तिथि और एप्लीकेशन नंबर डालकर उसे एडमिशन दिया गया. एसटीएफ इस फर्जीवाड़े में पूर्व निदेशक एसएन सिंह समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. कोर्ट ने एसटीएफ को एसएन सिंह समेत 9 लोगों की 3 दिन की रिमांड दी है.
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