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लखनऊ में प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार करने वालों पर कसा शिकंजा, एसटीएफ एसएसपी ने कही ये बात - दवाओं का व्यापार

राजधानी में बड़े पैमाने पर फल फूल रहे प्रतिबंधित दवाओं के व्यापार पर यूपी एसटीएफ ने शिकंजा कसा है. बीते एक साल में यूपी एसटीएफ ने बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवाओं का स्टाॅक पकड़ा है.

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Published : Jun 28, 2023, 2:00 PM IST

Updated : Jun 28, 2023, 2:28 PM IST

जानकारी देते एसएसपी विशाल विक्रम

लखनऊ : राजधानी में बेधड़क तरीके से बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवाओं का व्यापार चल रहा है. यूपी एसटीएफ की ओर से जून 2022 से लेकर अब तक शहर में प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार करने वाले चार गिरोहों का भंडाफोड़ किया जा चुका है. 22 नवंबर 2022, 17 जुलाई 2022, 07 सितंबर 2022, 13 जनवरी 2023, 2 मार्च 2023 व 14 जून 2023 को लखनऊ में ही बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक पकड़ा गया.

एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया कि 'कोरोना के बाद से लगातार गिरोह को पकड़ा गया है, जो दवाइयों का अवैध कारोबार करते हैं. एसटीएफ ने प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार को काफी हद तक ब्रेक किया है. हाल ही में दो बड़े गिरोह पकड़े गये हैं जो ऑनलाइन फार्मेसी के नाम पर विदेशों तक प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई करते थे. एसटीएफ इनके नेटवर्क का पता करने में लगी हुई है. 24 नवंबर 2022 को एसटीएफ की टीम ने सरकारी अस्पतालों की दवाइयों को खुले बाजार में बेचने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से भारी मात्रा में सरकारी दवाइयां बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई थी. ऐसी दवाइयां जो सरकारी अस्पतालों के लिए होती हैं, जिसमें साफ शब्दों में लिखा होता है कि ओन्ली फॉर गवर्नमेंट हॉस्पिटल उन दवाइयों को बाजार में बेचा जाता था. इस बात की भनक जब एसटीएफ को हुई उसी समय गिरोह को पकड़ा गया था, जिसमें अनेकों दवा शामिल थीं.'

प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार (प्रतीकात्मक फोटो)
प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार (प्रतीकात्मक फोटो)

वाराणसी से पकड़ा गया गिरोह : उन्होंने बताया कि 'एसटीएफ को बद्दी (हिमाचल प्रदेश) से पेटेंट दवा कम्पनियों के नाम की नकली दवाएं बनवाकर और वाराणसी में अवैध तरीके से भंडारण कर, वाराणसी सहित पूर्वांचल के अन्य जनपदों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में अवैध तरीके सप्लाई करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग का खुलासा किया था. खुलासा करते हुए गैंग सरगना को गिरफ्तार कर विभिन्न कम्पनियों के नाम की प्रतिबंधित दवायें लगभग 300 पेटी (अनुमानित मूल्य 7.5 करोड़ रुपये लगभग) बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई. गिरफ्तार हुए सदस्यों पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया था.'

यह भी पढ़ें : सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आज, छोटे शहरों में टाउनशिप सहित कई प्रस्ताव पर लग सकती है मुहर

लखनऊ से विदेशों तक जुड़े तार : एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया कि 'एसटीएफ की ओर से इसी वर्ष 13 जनवरी 2023 को कैंट थाना क्षेत्र में संचालित एक ऑनलाइन फार्मेसी व 14 जून 2023 को वजीरगंज में संचालित ऑनलाइन फार्मेसी का भंडाफोड़ किया गया. जिनके द्वारा फार्मेसी की आड़ में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जा रही थी. इस ऑनलाइन फार्मेसी द्वारा ऑनलाइन कॉल सेंटर चलाकर विदेशों तक नशीली दवाओं की सप्लाई की जा रही थी. फार्मेसी द्वारा बड़े पैमाने पर शिपिंग के माध्यम से विदेशों को प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक भेजा जा रहा था, जिनसे बिटक्वाइन में पेमेंट ली जा रही थी. एसटीएफ की ओर से फार्मेसी से 46 लाख रुपये की नशीली दवाएं जब्त करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था.'

यह भी पढ़ें : ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा को गिरफ्तार किया

कफ सिरप की अधिक डिमांड : विदित हो कि नार्कोटिक्स विभाग के निर्देश पर ड्रग विभाग की ओर से नशे के लिए उपयोग की जा रही 76 तरीके की दवाओं को प्रतिबंधित किया गया है. बावजूद इसके चोरी-छिपे इन दवाओं की खरीद-बिक्री हो रही है. खासकर फास्फेट यौगिक वाले कफ सिरप दवाओं की खासी मांग है. दरअसल, इन दवाओं में नींद के लिए हल्के नशे के पदार्थ मिलाये जाते हैं, जिन्हें नशेड़ी लोग ओवरडोज लेकर नशा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

यह भी पढ़ें : IT Department Raid : कारोबारियों ने ट्रांजेक्शन किए थे डिलीट, दिल्ली-मुंबई के फोरेंसिक एक्सपर्ट ने किए रिकवर

जानकारी देते एसएसपी विशाल विक्रम

लखनऊ : राजधानी में बेधड़क तरीके से बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवाओं का व्यापार चल रहा है. यूपी एसटीएफ की ओर से जून 2022 से लेकर अब तक शहर में प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार करने वाले चार गिरोहों का भंडाफोड़ किया जा चुका है. 22 नवंबर 2022, 17 जुलाई 2022, 07 सितंबर 2022, 13 जनवरी 2023, 2 मार्च 2023 व 14 जून 2023 को लखनऊ में ही बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक पकड़ा गया.

एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया कि 'कोरोना के बाद से लगातार गिरोह को पकड़ा गया है, जो दवाइयों का अवैध कारोबार करते हैं. एसटीएफ ने प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार को काफी हद तक ब्रेक किया है. हाल ही में दो बड़े गिरोह पकड़े गये हैं जो ऑनलाइन फार्मेसी के नाम पर विदेशों तक प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई करते थे. एसटीएफ इनके नेटवर्क का पता करने में लगी हुई है. 24 नवंबर 2022 को एसटीएफ की टीम ने सरकारी अस्पतालों की दवाइयों को खुले बाजार में बेचने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से भारी मात्रा में सरकारी दवाइयां बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई थी. ऐसी दवाइयां जो सरकारी अस्पतालों के लिए होती हैं, जिसमें साफ शब्दों में लिखा होता है कि ओन्ली फॉर गवर्नमेंट हॉस्पिटल उन दवाइयों को बाजार में बेचा जाता था. इस बात की भनक जब एसटीएफ को हुई उसी समय गिरोह को पकड़ा गया था, जिसमें अनेकों दवा शामिल थीं.'

प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार (प्रतीकात्मक फोटो)
प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार (प्रतीकात्मक फोटो)

वाराणसी से पकड़ा गया गिरोह : उन्होंने बताया कि 'एसटीएफ को बद्दी (हिमाचल प्रदेश) से पेटेंट दवा कम्पनियों के नाम की नकली दवाएं बनवाकर और वाराणसी में अवैध तरीके से भंडारण कर, वाराणसी सहित पूर्वांचल के अन्य जनपदों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में अवैध तरीके सप्लाई करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग का खुलासा किया था. खुलासा करते हुए गैंग सरगना को गिरफ्तार कर विभिन्न कम्पनियों के नाम की प्रतिबंधित दवायें लगभग 300 पेटी (अनुमानित मूल्य 7.5 करोड़ रुपये लगभग) बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई. गिरफ्तार हुए सदस्यों पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया था.'

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लखनऊ से विदेशों तक जुड़े तार : एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया कि 'एसटीएफ की ओर से इसी वर्ष 13 जनवरी 2023 को कैंट थाना क्षेत्र में संचालित एक ऑनलाइन फार्मेसी व 14 जून 2023 को वजीरगंज में संचालित ऑनलाइन फार्मेसी का भंडाफोड़ किया गया. जिनके द्वारा फार्मेसी की आड़ में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जा रही थी. इस ऑनलाइन फार्मेसी द्वारा ऑनलाइन कॉल सेंटर चलाकर विदेशों तक नशीली दवाओं की सप्लाई की जा रही थी. फार्मेसी द्वारा बड़े पैमाने पर शिपिंग के माध्यम से विदेशों को प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक भेजा जा रहा था, जिनसे बिटक्वाइन में पेमेंट ली जा रही थी. एसटीएफ की ओर से फार्मेसी से 46 लाख रुपये की नशीली दवाएं जब्त करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था.'

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कफ सिरप की अधिक डिमांड : विदित हो कि नार्कोटिक्स विभाग के निर्देश पर ड्रग विभाग की ओर से नशे के लिए उपयोग की जा रही 76 तरीके की दवाओं को प्रतिबंधित किया गया है. बावजूद इसके चोरी-छिपे इन दवाओं की खरीद-बिक्री हो रही है. खासकर फास्फेट यौगिक वाले कफ सिरप दवाओं की खासी मांग है. दरअसल, इन दवाओं में नींद के लिए हल्के नशे के पदार्थ मिलाये जाते हैं, जिन्हें नशेड़ी लोग ओवरडोज लेकर नशा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

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Last Updated : Jun 28, 2023, 2:28 PM IST
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