लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) का वर्तमान में डीजल और सीएनजी से संचालित होने वाली बसों का बेड़ा है लेकिन अब जल्द ही इस बेड़े में नई इलेक्ट्रिक बसें भी जोड़े जाने की तैयारी हो गई है. निगम जल्द ही 350 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन (UP Roadways will run 350 electric buses) करेगा. इसमें 100 इलेक्ट्रिक बसें खुद खरीदेगा और 250 बसें अनुबंध पर संचालित कराई जाएंगी. बोर्ड की ओर से जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह (Uttar Pradesh Transport Minister Dayashankar Singh) ने बताया कि 30 जून 2028 तक पांच हजार इलेक्ट्रिक बसों को परिवहन निगम के बेड़े में शामिल किये जाने का प्रस्ताव है. इन बसों को एनसीआर और महत्वपूर्ण धार्मिक, ऐतिहासिक व पर्यटन स्थलों में संचालित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 100 इलेक्ट्रिक बसों को लखनऊ और गाजियाबाद में संचालित किया जाएगा.
इसके अलावा 250 अनुबंधित बसों को गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और लखनऊ क्षेत्र को दिया जाएगा. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 2028 के बाद एनसीआर क्षेत्र में डीजल और सीएनजी के बसों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा इसलिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कराना भी जरूरी है नहीं तो काफी दिक्कत बढ़ जाएगी, इसलिए इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर अब पूरा जोर दिया जा रहा है.
बसों की मरम्मत करने वाले कर्मचारियों को अब 8400 रुपये प्रतिमाह: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की कार्यशालाओं में रोडवेज बसों की मरम्मत करने वाले आउटसोर्सिंग कार्मिकों के वेतन में इजाफा करने की योजना बन गई है. आईटीआई से प्रशिक्षित मैकेनिकों का वेतन 7500 रुपये से बढ़ाकर 8400 रुपये किए जाने की तैयारी है.प्रस्ताव पर जल्द मुहर लगेगी. मानदेय में लगभग 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी भी प्रस्तावित है.
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक एसएल शर्मा का कहना है कि आईटीआई, डिप्लोमा धारक और कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षित कर्मचारियों को प्रति बस मानक के तौर पर भर्ती किया जाएगा. दो वर्ष के अनुबंध पर ऐसे प्रशिक्षुओं को रखा जाएगा. इन कर्मियों को प्रति माह वेतन के तौर पर 11 हजार से 13 हजार तक दिया जाएगा. किसी तरह के अवकाश के बाद कार्मिकों को प्रतिमाह कम से कम 7800 रुपये वेतन का भुगतान करने के निर्देश सेवा प्रबंधकों को दिए गए हैं.
ऑटो-टेंपो चालकों को देना होगा 20 रुपये ठहराव शुल्क: लखनऊ शहर की सड़कों पर बेतरतीब दौड़ रहे ऑटो-टेंपो का ठहराव अगले माह से शुरू हो जाएगा. इसके लिए शहर में 45 ऑटो-टेंपो ठहराव स्थल घोषित करते हुए 27 स्थानों पर सवारी चढ़ाने और उतारने की व्यवस्था होगी. इससे काफी हद तक सड़क पर ऑटो-टेंपो से लगने वाले जाम से राहत मिलेगी. ऑटो-टेंपो यूनियन की ओर से ठहराव स्थल का संचालन किया जाएगा. इसके लिए प्रति ऑटो-टेंपो चालकों से 20 रुपये शुल्क वसूला जाएगा. यूनियन की तरफ से ऑटो-टेंपो चालकों को वर्दी भी दी जाएगी. नगर निगम में परिवहन विभाग के अफसरों के साथ इस संबंध में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया. एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय ने बताया कि हर साल ऑटो-टेंपो मालिकों को लाइसेंस शुल्क का 2000 रुपये नगर निगम को देना होगा.
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