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Electricity Regulatory Commission ने फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 12 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी पर लगाई रोक

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 12 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने का विरोध किया था. इसका संज्ञान लेते हुए विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने कॉरपोरेशन के प्रस्ताव खारिज कर दिया है.

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Published : Feb 13, 2023, 10:55 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 12 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी चाहता था, लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने कॉरपोरेशन की उम्मीद पर पानी फेर दिया है. यूपीपीसीएल ने जुलाई-अगस्त सितंबर द्वितीय क्वार्टर के लिए प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 387 करोड़ रुपये के एवज में 12 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था. पाॅवर कॉर्पोरशन के प्रबंध निदेशक ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में भी आयोग को पत्र लिखा था. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष के विरोध से आयोग ने इस पर रोक लगा दी है.



उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग में पाॅवर काॅरपोरेशन और बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के विरोध में बीती दो फरवरी को एक प्रस्ताव दाखिल कर बिजली कंपनियों के उस प्रस्ताव जिसमें जुलाई से सितंबर महीने के लिए 387 करोड़ रुपये के एवज में 12 पैसा प्रति यूनिट की भरपाई का अनुमोदन आयोग से मांगा था, उसे गलत बताया. कहा कि मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के प्रथम संशोधन के आधार पर जुलाई से सितंबर के बीच में उपभोक्ता परिषद ने जब आकलन किया तो पाया कि द्वितीय क्वार्टर में उपभोक्ताओं का ही फ्यूल सरचार्ज के मद में लगभग 1000 करोड़ सरप्लस निकल रहा है. उसके आधार पर जुलाई से सितंबर के महीने में उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 30 से 31 पैसे प्रति यूनिट की कमी किया जाना चाहिए था.

ऐसे में अब आयोग पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रस्ताव को खारिज करते हुए द्वितीय क्वार्टर में उपभोक्ताओं के निकल रहे सरप्लस रकम के एवज में बिजली दरों में कमी का लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को दें. अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश के उपभोक्ताओं पर 12 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज के मद में बढ़ोतरी को उपभोक्ता परिषद ने अपने विधिक तर्कों के माध्यम से रोक दिया. आयोग ने भी पूरे मामले का परीक्षण करने के बाद यह पाया कि बिजली कंपनियों का कोई भी पैसा द्वितीय क्वार्टर में नहीं निकल रहा है.

यह भी पढ़ें : G20 First Day Meeting में हुई विशेष साइबर नीति बनाने पर चर्चा, ये मुद्दे रहे अहम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 12 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी चाहता था, लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने कॉरपोरेशन की उम्मीद पर पानी फेर दिया है. यूपीपीसीएल ने जुलाई-अगस्त सितंबर द्वितीय क्वार्टर के लिए प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 387 करोड़ रुपये के एवज में 12 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था. पाॅवर कॉर्पोरशन के प्रबंध निदेशक ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में भी आयोग को पत्र लिखा था. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष के विरोध से आयोग ने इस पर रोक लगा दी है.



उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग में पाॅवर काॅरपोरेशन और बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के विरोध में बीती दो फरवरी को एक प्रस्ताव दाखिल कर बिजली कंपनियों के उस प्रस्ताव जिसमें जुलाई से सितंबर महीने के लिए 387 करोड़ रुपये के एवज में 12 पैसा प्रति यूनिट की भरपाई का अनुमोदन आयोग से मांगा था, उसे गलत बताया. कहा कि मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के प्रथम संशोधन के आधार पर जुलाई से सितंबर के बीच में उपभोक्ता परिषद ने जब आकलन किया तो पाया कि द्वितीय क्वार्टर में उपभोक्ताओं का ही फ्यूल सरचार्ज के मद में लगभग 1000 करोड़ सरप्लस निकल रहा है. उसके आधार पर जुलाई से सितंबर के महीने में उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 30 से 31 पैसे प्रति यूनिट की कमी किया जाना चाहिए था.

ऐसे में अब आयोग पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रस्ताव को खारिज करते हुए द्वितीय क्वार्टर में उपभोक्ताओं के निकल रहे सरप्लस रकम के एवज में बिजली दरों में कमी का लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को दें. अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश के उपभोक्ताओं पर 12 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज के मद में बढ़ोतरी को उपभोक्ता परिषद ने अपने विधिक तर्कों के माध्यम से रोक दिया. आयोग ने भी पूरे मामले का परीक्षण करने के बाद यह पाया कि बिजली कंपनियों का कोई भी पैसा द्वितीय क्वार्टर में नहीं निकल रहा है.

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