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लोहिया संस्थान में बनेगा नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस सेल, जानें क्या मिलेंगी सुविधाएं

लोहिया संस्थान की स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस सेल की स्थापना की घोषणा कर दी है. इस दौरान छात्रों ने स्वंय के रिसर्च पेपर का प्रस्तुतीकरण किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 30, 2023, 10:47 AM IST

लखनऊ : लोहिया संस्थान की स्थापना दिवस की पूर्व संध्या बुधवार को केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस सेल की स्थापना के लिए घोषणा कर दी है. वार्षिक दिवस के पूर्व संध्या पर शोध कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रजव्लित कर किया गया. शोध दिवस कार्यक्रम संस्थान में कार्यरत संकाय सदस्य एवं छात्रों ने प्रतिभाग किया. छात्रों ने स्वंय के रिसर्च पेपर का प्रस्तुतीकरण किया. इस वर्ष वार्षिक रिसर्च डे की वक्ता प्रो. शैली अवस्थी (वाइस चांसलर, बोधीसत्व यूनिवर्सिटी, लखनऊ) रहीं. प्रो. शैली ने उभरते शोधकर्ता के लिए उपकरण- कैसे और कहां से फंडिंग प्राप्त करें (Tools for budding researcher- how and where to get funding) विषय पर व्याख्यान दिया. जिसमें उन्होने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं.

आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की मदद से चिकित्सा : प्रोफेसर शैली अवस्थी ने बताया कि एक शोधकर्ता को अपनी शोध में रचनात्मकता लानी चाहिए, क्या नयापन होना चाहिए और कैसे फंडिंग करके अपने आपको विश्व में अपने शोध को पब्लिश करवाना चाहिए. सफल अनुसंधान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विशाल और सफल अनुसंधान उन्मुख कार्यों के माध्यम से छात्रों को 20 वर्षों के लिए आगे सोचना चाहिए. इसी के साथ-साथ आईआईटी कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ कम्प्यूटर साइंस की प्रोफेसर डॉ. प्रियंका बागड़े ने आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की मदद से चिकित्सा जगत में नई क्रांति लाए जाने के बारे में विस्तृत वर्णन किया. आगे उन्होने समझाया कि वैज्ञानिक तरीके से कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा रोगी की देखभाल और दूरस्थ रोगी की देखभाल में सहायता की जा सकती है. इसके साथ उन्होंने शोध विद्यार्थियों के साथ आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की जानकारी साझा करते हुए अपने अनुभव प्रस्तुत किया.

नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस : इस मौके पर लोहिया संस्थान कि निदेशक एवं कुलपति (केजीएमयू) प्रो. सोनिया नित्यानंद द्वारा लोहिया संस्थान में नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस (National Academy of Medical Sciences) सेल की स्थापना की घोषणा की गई. NAMS उन संस्थानों में से एक है जो चिकित्सा और सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने संसाधनों के रूप में अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है और उसका उपयोग करता है. प्रो. राजेन्द्र प्रसाद संयोजक एनएएमएस स्टेट चैपटर उप्र द्वारा एनएएमएस सेल (NAMS CELL) की स्थापना एवं उसके क्रियाकलाप जैसे कि NAMS में रजिस्ट्रेशन, फैलोशिप में पंजीकरण इत्यादि विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई.


वार्षिक शोध दिवस के लिए दी बधाई : संस्थान कि निदेशक एवं कुलपति (केजीएमयू) प्रो. सोनिया नित्यानंद ने स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित वार्षिक शोध दिवस के लिए बधाई दी. उन्होनें उन संकाय सदस्यों एवं छात्रों को शोध दिवस में प्रतिभाग करने के लिए बधाई दी साथ ही अन्य संकाय सदस्यों एवं छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वह इस प्रकार आयोजित रिसर्च शोकेस प्रतिस्पर्धा में ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाग करें. क्योंकि अनुसंधान चिकित्सा शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा है. इस तरह लोहिया संस्थान के शोध कार्यों में वृद्धि होती जाएगी. उन्होनें संस्थान में इंक्यूबेशन सेंटर (Incubation centre) की स्थापना के बारें में भी बताया. वार्षिक स्थापना दिवस का आयोजन संस्थान के डीन प्रो. प्रदुद्दुम सिंह, सब डीन प्रो. रितु करोली एवं उनकी टीम द्वारा संस्थान की निदेशक प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद के मार्गदर्शन में किया गया.



डॉक्टरों ने वर्ल्ड मूवमेंट डिसऑर्डर डे पर दी जानकारी : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा वर्ल्ड मूवमेंट डिसऑर्डर डे बुधवार को मनाया गया. न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ और विभागाध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने वर्ल्ड मूवमेंट डिसऑर्डर डे पर मूवमेंट डिसऑर्डर से ग्रस्त मरीजों से जागरूकता कार्यक्रम में बातचीत किया. प्रो. दिनकर ने बताया कि किन कारणों से यह रोग होता है. प्रो. (डॉ.) एके सिंह ने मरीजों को इन बीमारियों की समय से चिकित्सकों से मिलने वाले लाभ और उपलब्ध जांचों के बारें में बताया. कार्यक्रम में शामिल पीएमआर विभाग के अध्यक्ष प्रो. वीएस गोगीया और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जावेद ने रिहैबिलिटेशन मे होने वाले लाभ और इन बीमारियों में मानसिक भ्रातिं और तनाव मुक्ति के फायदों के बारें में जानकारी दी.



कैंसर संस्थान के निदेशक पद के लिए निकाला विज्ञापन : चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में निदेशक पद के लिए विज्ञापन निकाला गया है. चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय की तरफ से विज्ञापन निकाला गया है. इस विज्ञापन में आवेदन करने वाले डॉक्टरों की उम्र सीमा का जिक्र नहीं किया गया. नतीजतन आवेदन करने वालों में आयु सीमा को लेकर गफलत है.

दो साल से निदेशक का पद खाली : कल्याण सिंह में करीब दो साल से निदेशक का पद खाली है. पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान के पास संस्थान का अतिरिक्त कार्यभार है. बीते दिनों प्राकलन समिति की बैठक हुई. उसके बाद निदेशक पद का विज्ञापन निकाला गया. पहली बार निदेशक पद का निकाला गया. विज्ञापन निरस्त कर दिया गया. दोबारा फिर विज्ञापन निकाला गया. अब इसमें आवेदन की उम्र का जिक्र नहीं है. इसकी वजह से आवेदकों में भ्रम की स्थिति है. क्योंकि केजीएमयू्, पीजीआई समेत दूसरे मेडिकल संस्थानों में बहुत से वरिष्ठ डॉक्टर आवेदन करने के लिए तैयार हैं. पर, चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय की वेबसाइट पर निदेशक पद की विज्ञापित व आवेदन फार्म है. दोनों में किसी उम्र के लोग आवेदन कर सकते हैं. इसका जिक्र नहीं है. हां मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों के अनुसार आवेदन करने का जिक्र है.

आईसीयू-वेंटिलेटर पर प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत : आईसीयू-वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को दवाओं के साथ खास देखभाल की जरूरत होती है. ऐसे में प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत होती है. देश में प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ व नर्स की खासी कमी है. ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) टूल आशा की किरण के रूप में सामने आया है. यह जानकारी दिल्ली स्थित सर गंगाराम हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन के चेयरमैन पद्मभूषण डॉ. बीके राव ने दी.

चेयरमैन पद्मभूषण डॉ. बीके राव बुधवार को क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के सातवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. शताब्दी फेज-दो के प्रेक्षागृह में कार्यक्रम हुआ. पद्मभूषण डॉ. बीके राव ने कहा कि एआई टूल में मरीज की तबीयत का पैरामीटर तय कर सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाता है. वार्ड में मौजूद पैरामेडिकल एआई द्वारा तय पैरामीटर का पालन करता है. इससे मरीज की जिंदगी बचाना आसान होगा. उन्होंने कहा कि एआई आधारित नया टूल भी आया है जिससे सटीक जांच रिपोर्ट बन जाती है. असल में गंभीर मरीजों की ज्यादातर जांचें आईसीयू में ही करनी पड़ती हैं. इसमें पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांचे शामिल हैं. एआई की वजह से दूर-दराज के क्षेत्रों में भी इलाज में आसानी हो रही है. फिलहाल भारत सरकार ने यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर शुरू किया गया है. नई दिल्ली के डॉ. जिगीशू वी दिवातिआ ने कहा कि आईसीयू के मरीज आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. इन मरीजों की खास देखभाल की जरूरत पड़ती है. अधिक दिन आईसीयू में रहने से मरीज में दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित हो जाती है. केजीएमयू क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश अग्रवाल ने कहा कि रेफर मरीजों का इलाज कठिन होता है. क्योंकि इन मरीजों पर अंधाधुंध एंटीबायोटिक के उपयोग हो चुका होता है. ऐसे में इन मरीजों को कौन सी दवा दी जाए? यह बड़ी चुनौती बन जाता है.



स्टाफ की अभद्रता से तीमारदार परेशान : केजीएमयू के गांधी वार्ड में बुधवार को तीमारदारों ने हंगामा किया. परिवारीजनों का आरोप है कि डॉक्टर की सलाह के बावजूद स्टाफ ने समय पर इंजेक्शन नहीं लगाया. जब इंजेक्शन लगाने के गुजारिश की. तो स्टाफ ने अभद्रता की. दुखी तीमारदारों ने मामले की शिकायत कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद से की है.

मरीज को नहीं लगाया इंजेक्शन : 17 नवम्बर को गोंडा निवासी सत्य प्रकाश की तबीयत बिगड़ गई. परिवारीजन मरीज को लेकर केजीएमयू पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने मरीज को गांधी वार्ड-3 में भर्ती कर लिया. वह बेड नंबर 34 पर भर्ती हैं. बुधवार सुबह मरीज को इंजेक्शन लगना था. परिवारीजनों ने ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स से इंजेक्शन लगाने की गुजारिश की. आरोप हैं कि स्टाफ नर्स खफा हो गईं. परिवार के सदस्य ओकार का आरोप है कि नर्स मरीज के बेड तक आईं. मरीज व परिवारीजनों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. बिना इंजेक्शन लगाए चली गईं. तीमारदारों ने पूरा मामला जानने की कोशिश की. पर, नर्स ने उनकी एक न सुनी. घंटो बाद जब मरीज को इंजेक्शन नहीं लगा. सुनवाई भी नहीं हुई. तो दुखी परिवारीजनों ने कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद से लिखित शिकायत की.

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लखनऊ : लोहिया संस्थान की स्थापना दिवस की पूर्व संध्या बुधवार को केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस सेल की स्थापना के लिए घोषणा कर दी है. वार्षिक दिवस के पूर्व संध्या पर शोध कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रजव्लित कर किया गया. शोध दिवस कार्यक्रम संस्थान में कार्यरत संकाय सदस्य एवं छात्रों ने प्रतिभाग किया. छात्रों ने स्वंय के रिसर्च पेपर का प्रस्तुतीकरण किया. इस वर्ष वार्षिक रिसर्च डे की वक्ता प्रो. शैली अवस्थी (वाइस चांसलर, बोधीसत्व यूनिवर्सिटी, लखनऊ) रहीं. प्रो. शैली ने उभरते शोधकर्ता के लिए उपकरण- कैसे और कहां से फंडिंग प्राप्त करें (Tools for budding researcher- how and where to get funding) विषय पर व्याख्यान दिया. जिसमें उन्होने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं.

आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की मदद से चिकित्सा : प्रोफेसर शैली अवस्थी ने बताया कि एक शोधकर्ता को अपनी शोध में रचनात्मकता लानी चाहिए, क्या नयापन होना चाहिए और कैसे फंडिंग करके अपने आपको विश्व में अपने शोध को पब्लिश करवाना चाहिए. सफल अनुसंधान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विशाल और सफल अनुसंधान उन्मुख कार्यों के माध्यम से छात्रों को 20 वर्षों के लिए आगे सोचना चाहिए. इसी के साथ-साथ आईआईटी कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ कम्प्यूटर साइंस की प्रोफेसर डॉ. प्रियंका बागड़े ने आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की मदद से चिकित्सा जगत में नई क्रांति लाए जाने के बारे में विस्तृत वर्णन किया. आगे उन्होने समझाया कि वैज्ञानिक तरीके से कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा रोगी की देखभाल और दूरस्थ रोगी की देखभाल में सहायता की जा सकती है. इसके साथ उन्होंने शोध विद्यार्थियों के साथ आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की जानकारी साझा करते हुए अपने अनुभव प्रस्तुत किया.

नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस : इस मौके पर लोहिया संस्थान कि निदेशक एवं कुलपति (केजीएमयू) प्रो. सोनिया नित्यानंद द्वारा लोहिया संस्थान में नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस (National Academy of Medical Sciences) सेल की स्थापना की घोषणा की गई. NAMS उन संस्थानों में से एक है जो चिकित्सा और सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने संसाधनों के रूप में अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है और उसका उपयोग करता है. प्रो. राजेन्द्र प्रसाद संयोजक एनएएमएस स्टेट चैपटर उप्र द्वारा एनएएमएस सेल (NAMS CELL) की स्थापना एवं उसके क्रियाकलाप जैसे कि NAMS में रजिस्ट्रेशन, फैलोशिप में पंजीकरण इत्यादि विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई.


वार्षिक शोध दिवस के लिए दी बधाई : संस्थान कि निदेशक एवं कुलपति (केजीएमयू) प्रो. सोनिया नित्यानंद ने स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित वार्षिक शोध दिवस के लिए बधाई दी. उन्होनें उन संकाय सदस्यों एवं छात्रों को शोध दिवस में प्रतिभाग करने के लिए बधाई दी साथ ही अन्य संकाय सदस्यों एवं छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वह इस प्रकार आयोजित रिसर्च शोकेस प्रतिस्पर्धा में ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाग करें. क्योंकि अनुसंधान चिकित्सा शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा है. इस तरह लोहिया संस्थान के शोध कार्यों में वृद्धि होती जाएगी. उन्होनें संस्थान में इंक्यूबेशन सेंटर (Incubation centre) की स्थापना के बारें में भी बताया. वार्षिक स्थापना दिवस का आयोजन संस्थान के डीन प्रो. प्रदुद्दुम सिंह, सब डीन प्रो. रितु करोली एवं उनकी टीम द्वारा संस्थान की निदेशक प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद के मार्गदर्शन में किया गया.



डॉक्टरों ने वर्ल्ड मूवमेंट डिसऑर्डर डे पर दी जानकारी : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा वर्ल्ड मूवमेंट डिसऑर्डर डे बुधवार को मनाया गया. न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ और विभागाध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने वर्ल्ड मूवमेंट डिसऑर्डर डे पर मूवमेंट डिसऑर्डर से ग्रस्त मरीजों से जागरूकता कार्यक्रम में बातचीत किया. प्रो. दिनकर ने बताया कि किन कारणों से यह रोग होता है. प्रो. (डॉ.) एके सिंह ने मरीजों को इन बीमारियों की समय से चिकित्सकों से मिलने वाले लाभ और उपलब्ध जांचों के बारें में बताया. कार्यक्रम में शामिल पीएमआर विभाग के अध्यक्ष प्रो. वीएस गोगीया और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जावेद ने रिहैबिलिटेशन मे होने वाले लाभ और इन बीमारियों में मानसिक भ्रातिं और तनाव मुक्ति के फायदों के बारें में जानकारी दी.



कैंसर संस्थान के निदेशक पद के लिए निकाला विज्ञापन : चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में निदेशक पद के लिए विज्ञापन निकाला गया है. चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय की तरफ से विज्ञापन निकाला गया है. इस विज्ञापन में आवेदन करने वाले डॉक्टरों की उम्र सीमा का जिक्र नहीं किया गया. नतीजतन आवेदन करने वालों में आयु सीमा को लेकर गफलत है.

दो साल से निदेशक का पद खाली : कल्याण सिंह में करीब दो साल से निदेशक का पद खाली है. पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान के पास संस्थान का अतिरिक्त कार्यभार है. बीते दिनों प्राकलन समिति की बैठक हुई. उसके बाद निदेशक पद का विज्ञापन निकाला गया. पहली बार निदेशक पद का निकाला गया. विज्ञापन निरस्त कर दिया गया. दोबारा फिर विज्ञापन निकाला गया. अब इसमें आवेदन की उम्र का जिक्र नहीं है. इसकी वजह से आवेदकों में भ्रम की स्थिति है. क्योंकि केजीएमयू्, पीजीआई समेत दूसरे मेडिकल संस्थानों में बहुत से वरिष्ठ डॉक्टर आवेदन करने के लिए तैयार हैं. पर, चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय की वेबसाइट पर निदेशक पद की विज्ञापित व आवेदन फार्म है. दोनों में किसी उम्र के लोग आवेदन कर सकते हैं. इसका जिक्र नहीं है. हां मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों के अनुसार आवेदन करने का जिक्र है.

आईसीयू-वेंटिलेटर पर प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत : आईसीयू-वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को दवाओं के साथ खास देखभाल की जरूरत होती है. ऐसे में प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत होती है. देश में प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ व नर्स की खासी कमी है. ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) टूल आशा की किरण के रूप में सामने आया है. यह जानकारी दिल्ली स्थित सर गंगाराम हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन के चेयरमैन पद्मभूषण डॉ. बीके राव ने दी.

चेयरमैन पद्मभूषण डॉ. बीके राव बुधवार को क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के सातवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. शताब्दी फेज-दो के प्रेक्षागृह में कार्यक्रम हुआ. पद्मभूषण डॉ. बीके राव ने कहा कि एआई टूल में मरीज की तबीयत का पैरामीटर तय कर सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाता है. वार्ड में मौजूद पैरामेडिकल एआई द्वारा तय पैरामीटर का पालन करता है. इससे मरीज की जिंदगी बचाना आसान होगा. उन्होंने कहा कि एआई आधारित नया टूल भी आया है जिससे सटीक जांच रिपोर्ट बन जाती है. असल में गंभीर मरीजों की ज्यादातर जांचें आईसीयू में ही करनी पड़ती हैं. इसमें पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांचे शामिल हैं. एआई की वजह से दूर-दराज के क्षेत्रों में भी इलाज में आसानी हो रही है. फिलहाल भारत सरकार ने यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर शुरू किया गया है. नई दिल्ली के डॉ. जिगीशू वी दिवातिआ ने कहा कि आईसीयू के मरीज आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. इन मरीजों की खास देखभाल की जरूरत पड़ती है. अधिक दिन आईसीयू में रहने से मरीज में दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित हो जाती है. केजीएमयू क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश अग्रवाल ने कहा कि रेफर मरीजों का इलाज कठिन होता है. क्योंकि इन मरीजों पर अंधाधुंध एंटीबायोटिक के उपयोग हो चुका होता है. ऐसे में इन मरीजों को कौन सी दवा दी जाए? यह बड़ी चुनौती बन जाता है.



स्टाफ की अभद्रता से तीमारदार परेशान : केजीएमयू के गांधी वार्ड में बुधवार को तीमारदारों ने हंगामा किया. परिवारीजनों का आरोप है कि डॉक्टर की सलाह के बावजूद स्टाफ ने समय पर इंजेक्शन नहीं लगाया. जब इंजेक्शन लगाने के गुजारिश की. तो स्टाफ ने अभद्रता की. दुखी तीमारदारों ने मामले की शिकायत कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद से की है.

मरीज को नहीं लगाया इंजेक्शन : 17 नवम्बर को गोंडा निवासी सत्य प्रकाश की तबीयत बिगड़ गई. परिवारीजन मरीज को लेकर केजीएमयू पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने मरीज को गांधी वार्ड-3 में भर्ती कर लिया. वह बेड नंबर 34 पर भर्ती हैं. बुधवार सुबह मरीज को इंजेक्शन लगना था. परिवारीजनों ने ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स से इंजेक्शन लगाने की गुजारिश की. आरोप हैं कि स्टाफ नर्स खफा हो गईं. परिवार के सदस्य ओकार का आरोप है कि नर्स मरीज के बेड तक आईं. मरीज व परिवारीजनों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. बिना इंजेक्शन लगाए चली गईं. तीमारदारों ने पूरा मामला जानने की कोशिश की. पर, नर्स ने उनकी एक न सुनी. घंटो बाद जब मरीज को इंजेक्शन नहीं लगा. सुनवाई भी नहीं हुई. तो दुखी परिवारीजनों ने कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद से लिखित शिकायत की.

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