लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए यूपी की लॉजिस्टिक पॉलिसी (UP Logistics Policy) को जल्द लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार कर ली गई है. एसओपी को मंजूरी के लिए शासन में भेजा गया है. शासन से जैसे ही ग्रीन सिग्नल मिलेगा, इसे तत्काल लागू कर दिया जाएगा.
रेलवे और सड़क मार्ग से भेजे जाने वाले माल की लागत की तुलना में जलमार्ग से भेजे जाने वाले सामान का खर्च काफी कम आता है. इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार जल परिवहन को बढ़ावा दे रही है. विगत फरवरी माह में लखनऊ में आयोजित हुए इन्वेस्टर्स समिट में भी प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टिक पॉलिसी में छूट देने का एलान किया था.
लॉजिस्टिक पॉलिसी को लेकर प्रदेश सरकार की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके लिए अलग से एक जल परिवहन निदेशालय भी बनाए जाने की तैयारी हो रही है. सप्रू मार्ग मार्ग स्थित क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय में प्रस्तावित परिवहन भवन में जल परिवहन निदेशालय का भी कार्यालय बनाया जाएगा. सूत्रों की मानें तो निदेशालय बनाए जाने के बाद अलग से स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी.
इस योजना के लिए परिवहन विभाग को नोडल बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक वाराणसी से हल्दिया (पश्चिम बंगाल) तक जलमार्ग संख्या एक पर व्यापारिक गतिविधियां संचालित होंगी. वर्तमान में वाराणसी स्थित भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय कार्यालय से यह योजना ऑपरेट हो रही है.
कार्गो टर्मिनल बनाने वालों को मिलेगी छूट: लॉजिस्टिक पॉलिसी के अंतर्गत जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए छूट की व्यवस्था की गई है. इसके तहत इनलैंड वेसेल, ट्रकर्स पार्क और कार्गो टर्मिनल के निर्माण में छूट का प्रावधान किया गया है. निवेशकर्ताओं को पांच साल तक की छूट का प्रावधान किया जा रहा है. 100 करोड़ से कम के प्रोजेक्ट की मंजूरी परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव देंगे जबकि इससे बड़े प्रोजेक्ट की मंजूरी चीफ सेक्रेटरी से लेनी होगी. जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के लिए अलग से कमेटी का भी गठन किया जाएगा. औद्योगिक विकास विभाग, यूपी लीडा, परिवहन विभाग समेत कुछ और विभाग शामिल होंगे.
ट्रकर्स पार्क के लिए हो रहे आवेदन: वाराणसी से हल्दिया जलमार्ग संख्या एक पर करीब 12 से 15 कार्गो टर्मिनल का निर्माण कराया जाएगा. इनमें वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर में कार्गो टर्मिनल का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है. औद्योगिक विकास विभाग में कार्गो निर्माण और ट्रकर्स पार्क के लिए आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने आवेदन भी किए हैं.
लूप लाइन से जोड़े जाएंगे ट्रकर्स पार्क: व्यापारिक गतिविधियों को तेज करने के लिए जल परिवहन के माध्यम से रेलवे को भी जोड़ा जा रहा है. ट्रकर्स पार्क तक रेलवे लूप लाइन का निर्माण करेगा. यह लूप लाइन पास वाले रेलवे स्टेशन को ट्रकर्स पार्क से जोड़ेगी जिससे ट्रकर्स पार्क में रखे सामान की लोडिंग और अनलोडिंग का काम आसान हो सकेगा. रेलवे के लूप लाइन निर्माण में होने वाले खर्चे का पैसा ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट देगा.
50 से 60 फीसद कम आता है खर्च: जल परिवहन के माध्यम से सामान को भेजने व लाने में प्रति किलोमीटर तकरीबन 80 पैसे का खर्च आता है. यह खर्च ट्रेन व सड़क मार्ग के मुकाबले 50 से 60 फीसद कम होता है.
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