फर्रुखाबादः यूपी की सबसे बड़ी सातनपुर आलू मंडी में किसानों के साथ रोज बड़ा धोखा हो रहा है. किसानों से प्रतिदिन 150 सौ टन आलू की ठगी की जा रही है. जिसकी कीमत करीब 15 लाख रुपए है. यह गंभीर आरोप भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष अजय कटियार ने लगाए थे.
वहीं, अफसरों ने इस मामले की जांच की बात कही थी. ईटीवी भारत द्वारा 'यूपी की सबसे बड़ी आलू मंडी में रोज 15 लाख का आलू कैसे गायब हो रहा है,कौन कर रहा है खेल?' खबर को प्रकाशित किया था. जिसके बाद गुरुवार को अधिकारियों ने मंडी पहुंचकर जांच पड़ताल की. इसके साथ मंडी सचिव को सख्त दिशा निर्देश दिए.
दरअसल, किसान नेता अजय कटियार ने आरोप लगाया है कि मंडी में किसान को 50 किलो की बोरी पर 47 किलो का ही भुगतान मिलता है. मिट्टी के नाम पर 3 किलो का पैसा आढ़तियों के साथ मिलकर अधिकारी गबन कर रहे हैं. अजय कटियार का दावा था कि फर्रुखाबाद मंडी से रोज 2000 टन आलू आ रहा है. एक कुंटल आलू में 6 किलो आलू काटने के बाद ही भुगतान किया जा रहा है. मंडी से रोज करीब डेढ़ सौ टन आलू गायब किया जा रहा है. आलू मंडी सातनपुर में किसानों के साथ रोज 15 लाख रुपये की लूट हो रही है. आखिर इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि फर्रुखाबाद का आलू जब कानपुर मंडी पहुंच रहा है तो व्यापारी पूरे 50 किलो का आलू भुगतान ले रहे हैं. जबकि सातनपुर मंडी में किसान को 50 किलो की बोरी पर 47 किलो का ही भुगतान मिल रहा है. आखिर किसानों के साथ ऐसा धोखा क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इसे लेकर कुछ नहीं किया तो भाकियू बड़ा आंदोलन करेगी. जिला अध्यक्ष ने बताया कि मंडी सचिव की कार्यशैली की वजह से जिलाधिकारी को भारतीय किसान यूनियन के आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.
इंडियन पुटैटो ग्रोवर एंड ऐम्स पोरटर सोसायटी के अध्यक्ष सुधीर कुमार शुक्ला ने बताया कि जब शासन की मीटिंग में जाना होता है तो फर्रुखाबाद का आलू सबसे कमजोर रहता था. क्योंकि यहां पर प्रमुख समस्या थी कि आलू 50 किलो लिया जाता और 47 किलो का पर्चा बनता था. इस कारण किसान भी कटा, हरा, मिट्टी सहित आलू लाता है. सरकार के संज्ञान लेने से 50 का 50 हो जाने पर किसान भी अच्छा आलू लाएगा और निर्यात भी हो सकेगा. उन्होंने बताया कि माप बाट अधिकारी मीनू तिवारी का मंडी में का निरीक्षण किया है. मीनू तिवारी को किसानों ने बताया कि 50 का 47 आलू लिया जाता है. सोमवार तक यह समस्या का समाधान होने की संभावना जताई है.
मंडी सचिव सूर्य सहाय सक्सेना ने बताया कि मंडी में किसानों एक्स्ट्रा आलू नहीं लिया जा रहा है. किसानों का आलू 50 किलो की तौल से लिया जा रहा है. उसी तौल का किसानों को पैसा दिया जा रहा है. अगर कोई किसान घटतौली की लिखित में शिकायत करता है तो उसकी जांच कराकर जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह गलत हैं.
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