लखनऊः उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर भर्ती की मांग को लेकर प्रदेश के युवा खड़े हो गए हैं. डीएलएड (बीटीसी), बीएड जैसे प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार युवकों की तरफ से सोशल मीडिया पर अभियान की शुरुआत की गई है. बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 97 हजार शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया है. प्रशिक्षित बेरोजगार युवकों की तरफ से हैशटैग (#97k_नई_शिक्षक_भर्ती_जारी_करो) जारी किया गया है.
बता दें कि प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 97 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती के लिए बीते कई दिनों से अभियान चलाया जा रहा है. बीते जनवरी माह तक इसको लेकर कई बार आंदोलन हुए हैं. चुनाव आचार संहिता लगने और चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद यह रोक दिया गया था. सरकार का गठन होने के बाद एक बार फिर बेरोजगार युवकों में उम्मीद जागी है. इसको लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन और ज्ञापन देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने बीते तीन वर्षों से कोई नई भर्ती नहीं निकाली है. जबकि, हर साल करीब 17 हजार शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
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अभ्यर्थियों का दर्द: अभ्यर्थियों का कहना है कि इस बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2022 में करीब 21 लाख युवा शामिल हुए थे. इसके अलावा हर साल इस पाठ्यक्रम को पढ़कर निकलने वालों की संख्या दो से तीन लाख है. शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू न होने के कारण इतनी बड़ी संख्या में युवक बेरोजगार घूम रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 51 हजार 112 पदों के रिक्त होने का हलफनामा लगाया था. उनका कहना है कि वर्ष 2020 को मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि जल्द ही 97 हजार पदों के शिक्षक भर्ती आएगी.
सहायक अध्यापकों की 68,500 पदों की शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. मांग है कि जल्द ही सरकार एक लाख पदों पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करे. वहीं आज से सोशल मीडिया पर अभियान शुरू किया गया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि जल्द ही इसको लेकर वह सड़कों पर भी उतरेंगे.
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