लखनऊ: केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा मंगलवार को दिव्यांगजन पुनर्वास के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम राज्य का पुरस्कार प्रदान किया गया है. इसके अतिरिक्त दो अन्य श्रेणियों में भी उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किया गया. यह पुरस्कार विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर विज्ञान भवन दिल्ली में आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने दिया.
वाराणसी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने प्रदेश सरकार की तरफ से यह पुरस्कार प्राप्त किया है. सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए वाराणसी जिले को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया. उक्त पुरस्कार वाराणसी के जिला दिव्यांग अधिकारी राजेश मिश्रा ने ग्रहण किया. इसके अतिरिक्त शबीना सैफी लखनऊ, विदिशा गाजियाबाद, सीमा तिवारी झांसी और लखनऊ से प्रियंका देवी को अन्य श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए है.
सुगम्य भारत अभियान का शुभारंभ वर्ष 2014-15 में किया गया था
महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार द्वारा दिव्यांग जन के लिए सुगम्य भौतिक अवस्थापना एवं अन्य संचार सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सुगम्य भारत अभियान का शुभारंभ वर्ष 2014-15 में किया गया था. इसके तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में सार्वजनिक भवनों को दिव्यांगजन हितेषी बनाए जाने के लिए तीन वर्षों में यूपी सरकार के किए गए प्रयासों को सर्वोत्तम मानते हुए सर्वोत्तम राज्य का पुरस्कार प्रदान किया गया है.
सर्वोत्तम सुगम्य वेबसाइट में दृष्टिबाधित दिव्यांगजन स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर का किया गया प्रयोग
उन्होंने बताया कि सर्वोत्तम सुगम्य वेबसाइट में दृष्टिबाधित दिव्यांगजन स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया गया है. माउस का प्रयोग करने में कठिनाई महसूस करने वाले व्यक्ति इस वेबसाइट पर वॉइस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही वर्बल कमांड पर कंप्यूटर काम करता है. वाराणसी में दिव्यांगों के लिए अच्छा काम होने के कारण सर्वोत्तम जनपद का पुरस्कार मिला है.
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